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हिमाचल प्रदेश में 14 अगस्त तक बारिश का सिलसिला जारी रहेगा. 12 से 14 अगस्त तक प्रदेश में भारी बारिश होने की संभावना जताई गई है. मद्यपर्वतीय क्षेत्रों में इसका ज़्यादा असर देखने को मिलेगी.हिमाचल प्रदेश में बारिश ने भारी तबाही मचाही है. किन्नौर ज़िला में तीन से अधिक स्थानों पर बादल फटने और बाढ़ आने से 4 जल विद्युत परियोजनाओं से बिजली 3212 मेगावॉट बिजली उत्पादन ठप हो गया है. नेशनल हाइवे 5 दो स्थानों पर अवरुद्ध है और पूर्वनी को जोड़ने वाले तांगलिंग पुल भी बह गया है. कानम नामक स्थान में बाढ़ की चपेट में आने से एक पिकअप भी बह गया. बिजली परिजयोजना हुई ठप्प, डैम के गेट खोले गए आज किन्नौर ज़िला के ऊपरी क्षेत्र कानम, मूरँग नाला, तंगलिंग और सांगला घाटी के टोंगतोंगचे नाला में बादल फटने के बाद बनी बाढ़ की स्थिति से जल विद्युत परियोजनाओं को बन्द करना पड़ा है. सतलुज नदी में अधिक सिल्ट के कारण एक हजार मैगावट की करछम वांगतू, बास्पा नदी में बनी 300 मेगावाट की बास्पा चरण दो, सतलुज नदी में बनी 1500 मेगावाट की नाथपा झाकड़ी और 412 मेगावाट की रामपुर हाइड्रो परियोजना से बिजली उत्पादन बन्द कर दिया गया है. सिल्ट अधिक होने के कारण करछम और नाथपा बांध के द्वार खोल दिए गए है. सतलुज नदी का जलस्तर बढ़ा सतलुज नदी का जलस्तर बढ़ गया है. प्रशासन ने एहतियात के तौर पर सतलुज तट में लोगो को न जाने की सलाह दी है और तट क्षेत्र में रहने वाले लोगों को सचेत रहने के लिए कहा गया है.
हिमाचल प्रदेश में 14 अगस्त तक बारिश का सिलसिला जारी रहेगा. 12 से 14 अगस्त तक प्रदेश में भारी बारिश होने की संभावना जताई गई है. मद्यपर्वतीय क्षेत्रों में इसका ज़्यादा असर देखने को मिलेगी.हिमाचल प्रदेश में बारिश ने भारी तबाही मचाही है. किन्नौर ज़िला में तीन से अधिक स्थानों पर बादल फटने और बाढ़ आने से 4 जल विद्युत परियोजनाओं से बिजली 3212 मेगावॉट बिजली उत्पादन ठप हो गया है. नेशनल हाइवे 5 दो स्थानों पर अवरुद्ध है और पूर्वनी को जोड़ने वाले तांगलिंग पुल भी बह गया है. कानम नामक स्थान में बाढ़ की चपेट में आने से एक पिकअप भी बह गया.
आज किन्नौर ज़िला के ऊपरी क्षेत्र कानम, मूरँग नाला, तंगलिंग और सांगला घाटी के टोंगतोंगचे नाला में बादल फटने के बाद बनी बाढ़ की स्थिति से जल विद्युत परियोजनाओं को बन्द करना पड़ा है. सतलुज नदी में अधिक सिल्ट के कारण एक हजार मैगावट की करछम वांगतू, बास्पा नदी में बनी 300 मेगावाट की बास्पा चरण दो, सतलुज नदी में बनी 1500 मेगावाट की नाथपा झाकड़ी और 412 मेगावाट की रामपुर हाइड्रो परियोजना से बिजली उत्पादन बन्द कर दिया गया है. सिल्ट अधिक होने के कारण करछम और नाथपा बांध के द्वार खोल दिए गए है.
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सतलुज नदी का जलस्तर बढ़ गया है. प्रशासन ने एहतियात के तौर पर सतलुज तट में लोगो को न जाने की सलाह दी है और तट क्षेत्र में रहने वाले लोगों को सचेत रहने के लिए कहा गया है.
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