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करसोग । करसोग उपमंडल के सीमा के लगते हुए श्यांज बगड़ा में आजकल हालात बदतर होते जा रहे हैं आजकल गांव में जंगली सूअरों का आतंक दिखाई दे रहा है ग्रामीणों का कहना है की जंगली सूअर हमारी नगदी फसलों तथा गेहूं इत्यादि को खत्म कर रहे हैं पहले तो यह जंगली सूअर खेतों में ही घुसते थे पर आजकल स्थिति इतनी गंभीर हो चुकी है कि कि जंगली सूअर अब घरों के आंगन में भी आने शुरू हो चुके हैं । करसोग क्षेत्र के बाली धार तथा शाहौट पंचायत के किसान सुअरों के आतंक से परेशान हैं। सुअरों ने खेती को खासा नुकसान पहुंचाया है। लोगों ने वन विभाग से सुअरों के आतंक से निजाद दिलाने की मांग की है। श्याँज बगड़ा के आसपास के गांव मैं जंगली सुअरों का आतंक छाया है। इन गांवों में सुअरों ने बागवानी को काफी नुकसान पहुंचाया है। खासकर बाली धार के किसानों को खासा नुकसान पहुंचा है। स्थानीय किसान चमन लाल ने बताया कि क्षेत्र में इन दिनों मटर, आलू की फसल तैयार हो चुकी थी। खोदने से पहले ही सुअरों के झुंड ने रातो-रात 40 प्रतिशत गेहूं को बर्बाद कर दिया। इसके अलावा सब्जी तथा मटर जो इत्यादि के खेत भी खोदकर बर्बाद कर दिए। परसराम ने कहा कि रात भर जागकर खेतों की पहरेदारी करने को मजबूर होना पड़ रहा है। ग्रामीण बारी-बारी से पहरेदारी कर खेती और बागवानी को बचाने में लगे हैं। स्थानीय किसानों ने वन विभाग से सुंअरों के आतंक से निजाद दिलाने की मांग की है। साथ ही बर्बाद हो चुकी बागवानी का मुआवजा देने को कहा है।
करसोग । करसोग उपमंडल के सीमा के लगते हुए श्यांज बगड़ा में आजकल हालात बदतर होते जा रहे हैं आजकल गांव में जंगली सूअरों का आतंक दिखाई दे रहा है ग्रामीणों का कहना है की जंगली सूअर हमारी नगदी फसलों तथा गेहूं इत्यादि को खत्म कर रहे हैं पहले तो यह जंगली सूअर खेतों में ही घुसते थे पर आजकल स्थिति इतनी गंभीर हो चुकी है कि कि जंगली सूअर अब घरों के आंगन में भी आने शुरू हो चुके हैं । करसोग क्षेत्र के बाली धार तथा शाहौट पंचायत के किसान सुअरों के आतंक से परेशान हैं। सुअरों ने खेती को खासा नुकसान पहुंचाया है।
लोगों ने वन विभाग से सुअरों के आतंक से निजाद दिलाने की मांग की है। श्याँज बगड़ा के आसपास के गांव मैं जंगली सुअरों का आतंक छाया है। इन गांवों में सुअरों ने बागवानी को काफी नुकसान पहुंचाया है। खासकर बाली धार के किसानों को खासा नुकसान पहुंचा है। स्थानीय किसान चमन लाल ने बताया कि क्षेत्र में इन दिनों मटर, आलू की फसल तैयार हो चुकी थी। खोदने से पहले ही सुअरों के झुंड ने रातो-रात 40 प्रतिशत गेहूं को बर्बाद कर दिया। इसके अलावा सब्जी तथा मटर जो इत्यादि के खेत भी खोदकर बर्बाद कर दिए।
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परसराम ने कहा कि रात भर जागकर खेतों की पहरेदारी करने को मजबूर होना पड़ रहा है। ग्रामीण बारी-बारी से पहरेदारी कर खेती और बागवानी को बचाने में लगे हैं। स्थानीय किसानों ने वन विभाग से सुंअरों के आतंक से निजाद दिलाने की मांग की है। साथ ही बर्बाद हो चुकी बागवानी का मुआवजा देने को कहा है।
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