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चम्बा , 13 सितंबर [ शिवानी ] ! वैसे तो प्रदेश सरकार लोगों की सुविधा को लेकर जगह जगह अपने सरकारी कोऑपरेटी बैंक की शाखाओं को बेशक खोलती जा रही हो पर खोली गई शाखाएं क्या जनता के लिए या फिर उस शाखा में काम करने वाले कर्मचारियों व अधिकारियों के लिए कितनी कर सुरक्षित है इसका अंदाजा चंबा जिले के अंतर्गत पड़ने वाली कोऑपरेटी बैंक बकलोह की शाखा को देखने से लगाया का सकता है कि बकलोह में चल रही यह शाखा कितनी कर सुरक्षित है। आज हम अपने दर्शकों को एक ऐसे बैंक की शाखा के बारे मे दिखाने और बताने जा रहे है,जिसको कि हिमाचल प्रदेश सरकार अपना बैंक बताती है,ओर उसका नाम है हिमाचल प्रदेश स्टेट कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड वैसे तो हमारे इस हिमाचल प्रदेश कोऑपरेटिव बैंक की राज्य में जगह जगह शाखाएं है, और उनमें करीब करीब सभी ब्रांच की कंडीशन ठीक ही है, पर चम्बा जिले के अंतर्गत पड़ने वाली हिमाचल प्रदेश स्टेट कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड की यह शाखा जोकि बकलोह में स्थापित की गई है उसकी हालत देखकर तो ऐसा लगता है कि इस ब्रांच की छत और दीवारें किसी भी समय भरभरा कर गिर जाएंगी कुछ कहा नहीं जा सकता हैं। बताते चले कि दो कमरों के बीच चल रही इस बैंक में चारों तरफ सीमेंट कि पपडिया हर आते जाते ग्राहक के सिर पर गिरती रहती है, और अगर हम इस बैंक के स्टाफ की बात करे तो डरे सहमे यह लोग रोजाना दिनचर्या में इसी छत के नीचे बैठकर अपने काम को अंजाम देते है। हिमाचल प्रदेश स्टेट कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड की इस शाखा में कुछ लेनदेन को पहुंचे इन बजुर्ग लोगों का कहना है कि वास्तव में यह बैंक हम सभी लोगों के लिए बिल्कुल सुविधाजनक है और इसके साथ यह सेंटर में भी पड़ता है, पर इस बैंक की हालत देखकर तो डर लगता है कि कभी भी यह बिल्डिंग धराशाही हो सकती है और कोई बड़ा हादसा भी हो सकता है। उनका यह भी कहना है कि लोगों की सुविधा के लिए चलाया गया यह बैंक जो कभी बहुत चला कार्य था पर आज इसकी हालत को देखकर सभी लोग इस बैंक में आने से कतरा रहे है,ओर अपने अकाउंट को किसी दूसरी जगह स्थानांतरित करके ले जा रहे है। इनका कहना है कि इसको लेकर हमने भी कई बार बैंक के अधिकारियों को बताया था पर किसी ने भी हमारी बात नहीं सुनी। शायद वह किसी हादसे का इंतजार कर रहे है। कुछ लोग तो इस बैंक को यहां से स्थानांतरित करने की बात को कर रहे है।इस बारे जब अतिरिक्त बैंक मैनेजर अदिति तपरियाल से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि इसके बारे हमने हेड ऑफिस से पिछले डेढ़ साल पहले भी बात की थी,ओर अभी भी हमारा इस ब्रांच को बदले जाने का प्रयास जारी है, पर अभी तक कोई जबाव नहीं आया है। उनका कहना था कि हमने अपने हेड ऑफिस में यह भी बताया था कि बरसात होते ही इसकी छत सेपानी टपकता है। आपको जानकर यह भी हैरानी होगी कि बैंक का चैंबर और पैसा रखने की चेस्ट जोकि पानी आने की वजह से सद चुकी है और उसका बचाव हो भरी हुई बोरियो से चेस्ट को सुरक्षा प्रदान की गई है। अब सवाल यह उठता है कि अगर ऐसी कंडीशन में बैंक की छत व दीवारें धराशाही हो जाए तो उसमें कोई बड़ा हादसा हो जाता है तो उसका जिम्मेवार कौन होगा प्रदेश सरकार या फिर उस क्षेत्र का विधायक ?
चम्बा , 13 सितंबर [ शिवानी ] ! वैसे तो प्रदेश सरकार लोगों की सुविधा को लेकर जगह जगह अपने सरकारी कोऑपरेटी बैंक की शाखाओं को बेशक खोलती जा रही हो पर खोली गई शाखाएं क्या जनता के लिए या फिर उस शाखा में काम करने वाले कर्मचारियों व अधिकारियों के लिए कितनी कर सुरक्षित है इसका अंदाजा चंबा जिले के अंतर्गत पड़ने वाली कोऑपरेटी बैंक बकलोह की शाखा को देखने से लगाया का सकता है कि बकलोह में चल रही यह शाखा कितनी कर सुरक्षित है।
आज हम अपने दर्शकों को एक ऐसे बैंक की शाखा के बारे मे दिखाने और बताने जा रहे है,जिसको कि हिमाचल प्रदेश सरकार अपना बैंक बताती है,ओर उसका नाम है हिमाचल प्रदेश स्टेट कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड वैसे तो हमारे इस हिमाचल प्रदेश कोऑपरेटिव बैंक की राज्य में जगह जगह शाखाएं है, और उनमें करीब करीब सभी ब्रांच की कंडीशन ठीक ही है, पर चम्बा जिले के अंतर्गत पड़ने वाली हिमाचल प्रदेश स्टेट कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड की यह शाखा जोकि बकलोह में स्थापित की गई है उसकी हालत देखकर तो ऐसा लगता है कि इस ब्रांच की छत और दीवारें किसी भी समय भरभरा कर गिर जाएंगी कुछ कहा नहीं जा सकता हैं।
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बताते चले कि दो कमरों के बीच चल रही इस बैंक में चारों तरफ सीमेंट कि पपडिया हर आते जाते ग्राहक के सिर पर गिरती रहती है, और अगर हम इस बैंक के स्टाफ की बात करे तो डरे सहमे यह लोग रोजाना दिनचर्या में इसी छत के नीचे बैठकर अपने काम को अंजाम देते है।
हिमाचल प्रदेश स्टेट कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड की इस शाखा में कुछ लेनदेन को पहुंचे इन बजुर्ग लोगों का कहना है कि वास्तव में यह बैंक हम सभी लोगों के लिए बिल्कुल सुविधाजनक है और इसके साथ यह सेंटर में भी पड़ता है, पर इस बैंक की हालत देखकर तो डर लगता है कि कभी भी यह बिल्डिंग धराशाही हो सकती है और कोई बड़ा हादसा भी हो सकता है। उनका यह भी कहना है कि लोगों की सुविधा के लिए चलाया गया यह बैंक जो कभी बहुत चला कार्य था पर आज इसकी हालत को देखकर सभी लोग इस बैंक में आने से कतरा रहे है,ओर अपने अकाउंट को किसी दूसरी जगह स्थानांतरित करके ले जा रहे है।
इनका कहना है कि इसको लेकर हमने भी कई बार बैंक के अधिकारियों को बताया था पर किसी ने भी हमारी बात नहीं सुनी। शायद वह किसी हादसे का इंतजार कर रहे है। कुछ लोग तो इस बैंक को यहां से स्थानांतरित करने की बात को कर रहे है।
इस बारे जब अतिरिक्त बैंक मैनेजर अदिति तपरियाल से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि इसके बारे हमने हेड ऑफिस से पिछले डेढ़ साल पहले भी बात की थी,ओर अभी भी हमारा इस ब्रांच को बदले जाने का प्रयास जारी है, पर अभी तक कोई जबाव नहीं आया है। उनका कहना था कि हमने अपने हेड ऑफिस में यह भी बताया था कि बरसात होते ही इसकी छत से
पानी टपकता है।
आपको जानकर यह भी हैरानी होगी कि बैंक का चैंबर और पैसा रखने की चेस्ट जोकि पानी आने की वजह से सद चुकी है और उसका बचाव हो भरी हुई बोरियो से चेस्ट को सुरक्षा प्रदान की गई है। अब सवाल यह उठता है कि अगर ऐसी कंडीशन में बैंक की छत व दीवारें धराशाही हो जाए तो उसमें कोई बड़ा हादसा हो जाता है तो उसका जिम्मेवार कौन होगा प्रदेश सरकार या फिर उस क्षेत्र का विधायक ?
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