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चम्बा ! राज्य अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति विकास निगम के उपाध्यक्ष जय सिंह ने आज निगम के कार्यालय परिसर में दलित वर्ग व्यवसायिक प्रशिक्षण योजना के अंतर्गत कंप्यूटर एप्लीकेशन और सिलाई व कटाई व्यवसाय के तहत 57 महिला प्रशिक्षणार्थियों और प्रशिक्षकों को वजीफा व मानदेय के तौर पर लगभग तीन लाख रूपए की राशि के चेक वितरित किए । इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान उन्होंने बताया कि राज्य और केंद्र सरकार के माध्यम से अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग से संबंधित लोगों के उत्थान के लिए अनेक योजनाएं और कार्यक्रम आरंभ किए गए हैं। पात्र लोगों को इन योजनाओं और कार्यक्रमों से जुड़कर लाभ अवश्य लेना चाहिए। निगम के माध्यम से कार्यान्वित की जा रही स्वरोजगार योजना और शिक्षा ऋण योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि स्वरोजगार योजना के तहत निगम द्वारा अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के निर्धन परिवारों को पचास हजार रुपए की लागत वाली परियोजनाओं को आरंभ करने के लिए बैंक के माध्यम से ऋण उपलब्ध करवाया जाता है। इस योजना के तहत दस हजार रुपए पूंजी अनुदान उपलब्ध करवाने का भी प्रावधान है। शिक्षा ऋण योजना से संबंधित जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि मैट्रिक के बाद अनुसूचित जाति एवं जनजाति से संबंधित युवक एवं युवतियों को तकनीकी विषय और व्यवसाय में पढ़ाई करने के लिए 75000 हजार तक की ऋण राशि ब्याज मुक्त उपलब्ध कराई जाती है। उन्होंने यह भी कहा कि निगम के माध्यम से 75000 हजार से 150000 रुपयों की राशि पर 4 फीसदी वार्षिक ब्याज की दर पर ऋण उपलब्ध करवाया जाता है। इस योजना के माध्यम से विभिन्न डिप्लोमा तथा डिग्री कोर्सेज के अलावा एमबीबीएस, एमबीए, होटल मैनेजमेंट और नर्सिंग शामिल है। इस अवसर पर जिला प्रबंधक अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति विकास निगम मान सिंह जरयाल, पनेला, मुगला व झुलाड़ा व्यवसायिक प्रशिक्षण केंद्रों के प्रशिक्षणार्थी और प्रशिक्षक भी मौजूद रहे।
चम्बा ! राज्य अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति विकास निगम के उपाध्यक्ष जय सिंह ने आज निगम के कार्यालय परिसर में दलित वर्ग व्यवसायिक प्रशिक्षण योजना के अंतर्गत कंप्यूटर एप्लीकेशन और सिलाई व कटाई व्यवसाय के तहत 57 महिला प्रशिक्षणार्थियों और प्रशिक्षकों को वजीफा व मानदेय के तौर पर लगभग तीन लाख रूपए की राशि के चेक वितरित किए ।
इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान उन्होंने बताया कि राज्य और केंद्र सरकार के माध्यम से अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग से संबंधित लोगों के उत्थान के लिए अनेक योजनाएं और कार्यक्रम आरंभ किए गए हैं। पात्र लोगों को इन योजनाओं और कार्यक्रमों से जुड़कर लाभ अवश्य लेना चाहिए।
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निगम के माध्यम से कार्यान्वित की जा रही स्वरोजगार योजना और शिक्षा ऋण योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि स्वरोजगार योजना के तहत निगम द्वारा अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के निर्धन परिवारों को पचास हजार रुपए की लागत वाली परियोजनाओं को आरंभ करने के लिए बैंक के माध्यम से ऋण उपलब्ध करवाया जाता है। इस योजना के तहत दस हजार रुपए पूंजी अनुदान उपलब्ध करवाने का भी प्रावधान है।
शिक्षा ऋण योजना से संबंधित जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि मैट्रिक के बाद अनुसूचित जाति एवं जनजाति से संबंधित युवक एवं युवतियों को तकनीकी विषय और व्यवसाय में पढ़ाई करने के लिए 75000 हजार तक की ऋण राशि ब्याज मुक्त उपलब्ध कराई जाती है। उन्होंने यह भी कहा कि निगम के माध्यम से 75000 हजार से 150000 रुपयों की राशि पर 4 फीसदी वार्षिक ब्याज की दर पर ऋण उपलब्ध करवाया जाता है। इस योजना के माध्यम से विभिन्न डिप्लोमा तथा डिग्री कोर्सेज के अलावा एमबीबीएस, एमबीए, होटल मैनेजमेंट और नर्सिंग शामिल है। इस अवसर पर जिला प्रबंधक अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति विकास निगम मान सिंह जरयाल, पनेला, मुगला व झुलाड़ा व्यवसायिक प्रशिक्षण केंद्रों के प्रशिक्षणार्थी और प्रशिक्षक भी मौजूद रहे।
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