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चम्बा , 25 अक्तूबर ! आज क्लासिक इरा अकादमी सुलतानपुर, चम्बा में हि.प्र. कौशल विकास निगम के दो दिवसीय जैविक क़ृषि आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। शुभारम्भ समारोह के दौरान राजकीय महाविद्यालय चम्बा के प्राणी विज्ञान के सहायक प्रोफेसर अविनाश पाल मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। अपने सम्बोधन में प्रोफेसर अविनाश ने सभी प्रशिक्षुओं को जैविक खेती के लाभ, वर्तमान में जैविक खेती के महत्व और बदलते परिवेश में आर्गेनिक फार्मिंग कि आवश्यकता के बारे में अवगत कराया । उन्होंने कहा कि जैविक खेती का महत्व दिन- प्रतिदिन बढ़ते जा रहा है, जिसका प्रमुख कारण दुनिया भर में बढ़ते विभिन्न प्रकार के शारीरिक रोग, महामारी, शरीर की प्रतिरोधक क्षमता का लगातार घटना, स्वस्थ जीवन शैली और शुद्ध खान-पान पर लोगों का ध्यान केंद्रित करना इत्यादि है। जैविक आहार के प्रति लोगों की जागरूकता बढ़ी है और लोग स्वयं को रासायनिक खाद और कीटनाशक खेती से स्थानांतरण कर जैविक खेती से उत्पन्न हुए आहार का सेवन कर रहें हैं। जैविक खेती की महत्ता का प्रमाण हम सबको भविष्य में और अधिक देखने को मिलेगा क्यूंकि इसके उपभोग से मनुष्य के स्वास्थ्य पर कोई भी नाकारात्मक प्रभाव नहीं होता है। अगर किसान जैविक खेती करके उत्पादन करतें हैं तो इससे सम्बंधित बनने वाले उत्पाद भी जैविक होंगे और इसका परिणाम यह होगा की मनुष्य विभिन्न रोगों से दूर रहने के साथ स्वस्थ जीवन व्यतीत करेगा क्यूंकि प्रकृति स्वयं सर्वोत्तम उपचारक होती है। प्रशिक्षुओं को हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम की तरफ से टोपी और टी शर्ट भी प्रदान की गई I इस मौके पर क्लासिक इरा अकादमी संस्थान के डायरेक्टर टी. सी. सावन, प्रबंध निदेशक दिनेश ठाकुर, आई टी अध्यापक -संगीता, कार्यालय सहायक उसमा सहित कार्यक्रम के प्रशिक्षु विद्यार्थी मौजूद रहे। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
चम्बा , 25 अक्तूबर ! आज क्लासिक इरा अकादमी सुलतानपुर, चम्बा में हि.प्र. कौशल विकास निगम के दो दिवसीय जैविक क़ृषि आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। शुभारम्भ समारोह के दौरान राजकीय महाविद्यालय चम्बा के प्राणी विज्ञान के सहायक प्रोफेसर अविनाश पाल मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। अपने सम्बोधन में प्रोफेसर अविनाश ने सभी प्रशिक्षुओं को जैविक खेती के लाभ, वर्तमान में जैविक खेती के महत्व और बदलते परिवेश में आर्गेनिक फार्मिंग कि आवश्यकता के बारे में अवगत कराया ।
उन्होंने कहा कि जैविक खेती का महत्व दिन- प्रतिदिन बढ़ते जा रहा है, जिसका प्रमुख कारण दुनिया भर में बढ़ते विभिन्न प्रकार के शारीरिक रोग, महामारी, शरीर की प्रतिरोधक क्षमता का लगातार घटना, स्वस्थ जीवन शैली और शुद्ध खान-पान पर लोगों का ध्यान केंद्रित करना इत्यादि है। जैविक आहार के प्रति लोगों की जागरूकता बढ़ी है और लोग स्वयं को रासायनिक खाद और कीटनाशक खेती से स्थानांतरण कर जैविक खेती से उत्पन्न हुए आहार का सेवन कर रहें हैं।
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जैविक खेती की महत्ता का प्रमाण हम सबको भविष्य में और अधिक देखने को मिलेगा क्यूंकि इसके उपभोग से मनुष्य के स्वास्थ्य पर कोई भी नाकारात्मक प्रभाव नहीं होता है। अगर किसान जैविक खेती करके उत्पादन करतें हैं तो इससे सम्बंधित बनने वाले उत्पाद भी जैविक होंगे और इसका परिणाम यह होगा की मनुष्य विभिन्न रोगों से दूर रहने के साथ स्वस्थ जीवन व्यतीत करेगा क्यूंकि प्रकृति स्वयं सर्वोत्तम उपचारक होती है।
प्रशिक्षुओं को हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम की तरफ से टोपी और टी शर्ट भी प्रदान की गई I इस मौके पर क्लासिक इरा अकादमी संस्थान के डायरेक्टर टी. सी. सावन, प्रबंध निदेशक दिनेश ठाकुर, आई टी अध्यापक -संगीता, कार्यालय सहायक उसमा सहित कार्यक्रम के प्रशिक्षु विद्यार्थी मौजूद रहे।
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