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चम्बा ! बिजली बोर्ड चंबा कार्यालय में सोमवार को बिजली कर्मचारियों ने मांगों को लेकर काले बिल्ले लगाकर कार्य किया। इस मौके पर चंबा यूनिट के प्रधान दरबारी लाल ने बताया कि बिजली बोर्ड के निजीकरण की योजना से पूरे प्रदेश के बिजली बोर्ड कर्मचारियों को नुकसान होगा। अगर बोर्ड का नीजिकरण होता है तो बिजली कंपनियों का सारा स्वामित्व निजी हाथों में चला जाएगा और सरकारी संपत्तियों पर भी निजी ठेकेदारों का हक होगा। जिससे बोर्ड के अधीन कार्य करने वाले कर्मचारियों को कंपनी के अधीन कार्य करना पड़ेगा। प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए दूरदराज के क्षेत्रों में बिजली की आपूर्ति की लागत भी बढ़ाई जाएगी। अगर बोर्ड का निजीकरण किया जाता है तो प्रदेश के 26 हजार पेंशनरों के भविष्य पर भी प्रश्नचिन्ह लग जाएगा। उन्होंने सरकार से अपील करते हुए कहा कि बोर्ड के निजीकरण को बंद किया जाए और केंद्र सरकार के निजीकरण के प्रस्ताव पर राज्य सरकार अपनी असहमति दर्ज करवाएं।
चम्बा ! बिजली बोर्ड चंबा कार्यालय में सोमवार को बिजली कर्मचारियों ने मांगों को लेकर काले बिल्ले लगाकर कार्य किया। इस मौके पर चंबा यूनिट के प्रधान दरबारी लाल ने बताया कि बिजली बोर्ड के निजीकरण की योजना से पूरे प्रदेश के बिजली बोर्ड कर्मचारियों को नुकसान होगा। अगर बोर्ड का नीजिकरण होता है तो बिजली कंपनियों का सारा स्वामित्व निजी हाथों में चला जाएगा और सरकारी संपत्तियों पर भी निजी ठेकेदारों का हक होगा।
जिससे बोर्ड के अधीन कार्य करने वाले कर्मचारियों को कंपनी के अधीन कार्य करना पड़ेगा। प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए दूरदराज के क्षेत्रों में बिजली की आपूर्ति की लागत भी बढ़ाई जाएगी। अगर बोर्ड का निजीकरण किया जाता है तो प्रदेश के 26 हजार पेंशनरों के भविष्य पर भी प्रश्नचिन्ह लग जाएगा।
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उन्होंने सरकार से अपील करते हुए कहा कि बोर्ड के निजीकरण को बंद किया जाए और केंद्र सरकार के निजीकरण के प्रस्ताव पर राज्य सरकार अपनी असहमति दर्ज करवाएं।
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