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करसोग ! राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला मरोठी बनी करसोग उप-मंडल की पहली ऑनलाइन पाठशाला ! कोरोना वायरस लौकडाउन के दौरान छात्रों की पढाई जारी रखने हेतु हिमाचल सरकार ने अनूठी पहल की है। इस पहल में "समय दस से बारह वाला, हर घर बने पाठशाला" अभियान शुरू किया गया है। जिसमें अभिभावकों को रोज़ाना सुबह 10 बजे से 12 बजे के बीच अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए कुछ वीडियो और अभ्यास कार्य मिलेंगे। जिससे बच्चे घर बैठे ही पढाई कर सकेगें। इसके लिए सरकार ने सभी अध्यापकों व अभिभावकों से निवेदन किया है कि नीचे दी गयी वेबसाइट पर जाकर अपने बच्चों को पढ़ाई करने में सहायता करें। स्टेट प्रोजेक्ट डायरेक्टर समग्र शिक्षा हिमाचल प्रदेश ने सभी अध्यापकों व अभिभावकों से गुजारिश की है कि कृपया इस लिंक पर जाकर अपने बच्चे की कक्षा चुनें और अपने बच्चे से वीडियो और अभ्यास करवाएं _ https://sites.google.com/samagragovernance.in/hargharpathshala/home उन्होंने बताया कि इस अभियान के पहले हफ्ते में छात्रों में रूचि जगाने के लिए कुछ रचनात्मक कार्य दिए गए हैं। अगले हफ्ते से विषयों पर पढाई शुरू होगी। सरकार के उपरोक्त कार्यक्रम के लिए करसोग उप-मंडल की राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला मरोठी ने पूरी कमर कस ली है। इस पाठशाला के कला अध्यापक राज कुमार ने बताया कि विद्यालय प्रधानाचार्य संजय कुमार के नेतृत्व में सरकार के उपरोक्त कार्यक्रम के लिए 12 अध्यापकों की एक टीम बिलकुल तैयार है। हमने बच्चों के हर कक्षा के व्हैटसैप ग्रुप बना दिये हैं और जैसे ही उपरोक्त लिंक में जिस भी कक्षा का पाठ्यक्रम आयेगा, उसे सम्बन्धित कक्षा वाले ग्रुप में डाल दिया जाएगा। प्रधानाचार्य संजय कुमार ने सभी अध्यापकों व अभिभावकों को निर्देश दिये हैं कि व्हैटसैप ग्रुप आपके समय के सदुपयोग व टीचिंग लर्निंग सम्बधित कार्यो के लिए बनाया गया है। सभी अभिभावक अपने बेटे व बेटी को पढाई के कार्य में समय लगाने के लिए प्रोत्साहित करें। अध्यापक जो निर्देश दें या जो अध्ययन सामग्री भेजें, उसका पहले अवलोकन करें तथा इसके बाद ही विद्यार्थियों को असाइनमेंट दें। पढाई लिखाई के अतिरिक्त कोई भी मैसेज ग्रुप में न डालें। सभी विद्यार्थी गृहकार्य व असाइनमेंट अपने अध्यापक को भेज सकते हैं और सभी अपनी पुरानी बची काॅपियों का उपयोग उपरोक्त कार्य के लिए कर सकते हैं। प्रधानाचार्य संजय कुमार ने बताया कि इस मुश्किल घड़ी में हम सरकार के हर कदम के साथ हैं और यह तो ऑनलाइन युग का ऑनलाइन कार्य है। मुझे उम्मीद है कि इस आॅनलाईन पाठशाला का विद्यार्थी, अध्यापक व अभिभावक सभी आनंद लेंगे। वहीं बहुत से विद्यालयों के अध्यापकों व प्रधानाचार्यों से जब इस विषय पर बातचीत की गई तो उन्होंने इस आॅनलाईन पाठशाला में असमर्थता जताई और कहा कि गांवों में अभिभावकों व बच्चों के पास स्मार्टफ़ोन नहीं हैं तथा अभी इतनी जागरूकता भी नहीं है। ऐसे समय में करसोग उप-मंडल की राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला मरोठी का यह कदम काबिलेतारीफ है।
करसोग ! राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला मरोठी बनी करसोग उप-मंडल की पहली ऑनलाइन पाठशाला !
कोरोना वायरस लौकडाउन के दौरान छात्रों की पढाई जारी रखने हेतु हिमाचल सरकार ने अनूठी पहल की है। इस पहल में "समय दस से बारह वाला, हर घर बने पाठशाला" अभियान शुरू किया गया है। जिसमें अभिभावकों को रोज़ाना सुबह 10 बजे से 12 बजे के बीच अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए कुछ वीडियो और अभ्यास कार्य मिलेंगे। जिससे बच्चे घर बैठे ही पढाई कर सकेगें। इसके लिए सरकार ने सभी अध्यापकों व अभिभावकों से निवेदन किया है कि नीचे दी गयी वेबसाइट पर जाकर अपने बच्चों को पढ़ाई करने में सहायता करें।
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इस पाठशाला के कला अध्यापक राज कुमार ने बताया कि विद्यालय प्रधानाचार्य संजय कुमार के नेतृत्व में सरकार के उपरोक्त कार्यक्रम के लिए 12 अध्यापकों की एक टीम बिलकुल तैयार है। हमने बच्चों के हर कक्षा के व्हैटसैप ग्रुप बना दिये हैं और जैसे ही उपरोक्त लिंक में जिस भी कक्षा का पाठ्यक्रम आयेगा, उसे सम्बन्धित कक्षा वाले ग्रुप में डाल दिया जाएगा। प्रधानाचार्य संजय कुमार ने सभी अध्यापकों व अभिभावकों को निर्देश दिये हैं कि व्हैटसैप ग्रुप आपके समय के सदुपयोग व टीचिंग लर्निंग सम्बधित कार्यो के लिए बनाया गया है।
सभी अभिभावक अपने बेटे व बेटी को पढाई के कार्य में समय लगाने के लिए प्रोत्साहित करें। अध्यापक जो निर्देश दें या जो अध्ययन सामग्री भेजें, उसका पहले अवलोकन करें तथा इसके बाद ही विद्यार्थियों को असाइनमेंट दें। पढाई लिखाई के अतिरिक्त कोई भी मैसेज ग्रुप में न डालें। सभी विद्यार्थी गृहकार्य व असाइनमेंट अपने अध्यापक को भेज सकते हैं और सभी अपनी पुरानी बची काॅपियों का उपयोग उपरोक्त कार्य के लिए कर सकते हैं। प्रधानाचार्य संजय कुमार ने बताया कि इस मुश्किल घड़ी में हम सरकार के हर कदम के साथ हैं और यह तो ऑनलाइन युग का ऑनलाइन कार्य है। मुझे उम्मीद है कि इस आॅनलाईन पाठशाला का विद्यार्थी, अध्यापक व अभिभावक सभी आनंद लेंगे।
वहीं बहुत से विद्यालयों के अध्यापकों व प्रधानाचार्यों से जब इस विषय पर बातचीत की गई तो उन्होंने इस आॅनलाईन पाठशाला में असमर्थता जताई और कहा कि गांवों में अभिभावकों व बच्चों के पास स्मार्टफ़ोन नहीं हैं तथा अभी इतनी जागरूकता भी नहीं है। ऐसे समय में करसोग उप-मंडल की राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला मरोठी का यह कदम काबिलेतारीफ है।
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