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शिमला, 08 सितंबर [ विशाल सूद ] ! भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद सुरेश कश्यप एवं विधायक, वरिष्ठ प्रवक्ता त्रिलोक जमवाल ने कहा कि वर्तमान कांग्रेस सरकार प्रदेश के कर्मचारियों के हित को वापस लेने में असफल साबित हुई। जब आज के ही दिन हिमाचल प्रदेश के 10 हजार से अधिक कर्मचारी सड़कों पर आ गए और जो अधिसूचना प्रदेश सरकार द्वारा निकाली गई थी उस अधिसूचना को अस्थाई रूप से रोक दिया गया है, हम इस महत्वपूर्ण शब्द पर बल देना चाहेंगे की वर्तमान सरकार ने इस अधिसूचना को केवल अस्थाई रूप से रोका है। आने वाले समय में क्या पता वर्तमान सरकार के मुखिया के अंदर फिर से कर्मचारी विरोधी भावनाएं जाग जाए और वह इस अधिसूचना को फिर से लागूकर दें। भाजपा आशा करती है कि ऐसे फैसले कभी आने वाले समय में लागू न हो, सरकार को वह फैसला करने चाहिए जिससे जनता, युवा और कर्मचारी उत्साहित हो ना कि पीड़ित। उन्होंने कहा कि इस सारे प्रकरण से एक बात तो स्पष्ट हो गई है कि वर्तमान कांग्रेस सरकार कर्मचारी विरोधी है, निश्चित रूप से पूर्व में भी इस सरकार ने अनेकों कर्मचारी विरोधी फैसले लिए हैं। जब-जब कर्मचारियों ने आंदोलन किया तब तब कर्मचारियों के ऊपर दबाव बनाया गया। शिक्षकों के ऊपर केस दर्ज किया और फिर जब दबाव ज्यादा बनाया गया तो कैसे वापस लिए गए, आज प्रदेश के कर्मचारियों की जीत हुई है और वर्तमान सरकार की हार। सरकार की मंशा साफ है कि यह सरकार हिमाचल प्रदेश के सभी कर्मचारियों पर दबाव बनाकर काम करवाना चाहती है।
शिमला, 08 सितंबर [ विशाल सूद ] ! भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद सुरेश कश्यप एवं विधायक, वरिष्ठ प्रवक्ता त्रिलोक जमवाल ने कहा कि वर्तमान कांग्रेस सरकार प्रदेश के कर्मचारियों के हित को वापस लेने में असफल साबित हुई। जब आज के ही दिन हिमाचल प्रदेश के 10 हजार से अधिक कर्मचारी सड़कों पर आ गए और जो अधिसूचना प्रदेश सरकार द्वारा निकाली गई थी उस अधिसूचना को अस्थाई रूप से रोक दिया गया है,
हम इस महत्वपूर्ण शब्द पर बल देना चाहेंगे की वर्तमान सरकार ने इस अधिसूचना को केवल अस्थाई रूप से रोका है। आने वाले समय में क्या पता वर्तमान सरकार के मुखिया के अंदर फिर से कर्मचारी विरोधी भावनाएं जाग जाए और वह इस अधिसूचना को फिर से लागूकर दें। भाजपा आशा करती है कि ऐसे फैसले कभी आने वाले समय में लागू न हो, सरकार को वह फैसला करने चाहिए जिससे जनता, युवा और कर्मचारी उत्साहित हो ना कि पीड़ित।
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उन्होंने कहा कि इस सारे प्रकरण से एक बात तो स्पष्ट हो गई है कि वर्तमान कांग्रेस सरकार कर्मचारी विरोधी है, निश्चित रूप से पूर्व में भी इस सरकार ने अनेकों कर्मचारी विरोधी फैसले लिए हैं। जब-जब कर्मचारियों ने आंदोलन किया तब तब कर्मचारियों के ऊपर दबाव बनाया गया। शिक्षकों के ऊपर केस दर्ज किया और फिर जब दबाव ज्यादा बनाया गया तो कैसे वापस लिए गए, आज प्रदेश के कर्मचारियों की जीत हुई है और वर्तमान सरकार की हार।
सरकार की मंशा साफ है कि यह सरकार हिमाचल प्रदेश के सभी कर्मचारियों पर दबाव बनाकर काम करवाना चाहती है।
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