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बिलासपुर ! मुख्य चिकित्सा अधिकारी बिलासपुर डाॅक्टर प्रकाश दरोच ने जानकारी देते हुए बताया कि कोविड-19 के साथ-साथ स्वस्थ्य विभाग की सभी योजनाओं व बीमारियों के बारे में जानकारी होना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि अब बरसात का मौसम आने वाला है इसमें स्क्रब टाइफस फैलने का समय होता है तो कोविड के साथ-साथ इसकी जानकारी भी आम जनता को होनी आवश्यक है ताकि इससे समय रहते बचा जा सके। उन्होंने बताया कि स्क्रब टाइफस एक रिकेटसिया नामक जीवाणु से फैलता है जो कि पिसुओं में पाया जाता है। संक्रमित पिसू, जंगली चूहों में पाए जाते हैं जोकि घरों के आस-पास उगी घास व खेतों में से आकर घरों में आ जाते हैं और पिसू उन्ही से घरों में फैल जाते हैं व संक्रमित पिसू स्वस्थ आदमी को काटता है और स्क्रब टाइफस फैलाता है। इससे बचने के लिए उन्होंने बताया कि हमें घरों के आस-पास उगी घास पतवार को साफ कर देना चाहिए, घरों के अन्दर साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए व पिसुओं को मारने के लिए घरों में किटनाशक का छिड़काव करना चाहिए। उन्होंने बताया कि अपनी व अपने कपड़ों की सफाई का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए। खेतों में काम करते समय शरीर को पूरे ढके हुए कपड़े पहनने चाहिए तथा पैरों को पूरे ढकने वाले जुते पहनने चाहिए। उन्होंने बताया कि स्क्रब टाइफस वाले मरीज को 104 से 105 डिग्री तक बुखार होता है, जोड़ों में दर्द, गर्दन, बाजुओं के निचले भाग व कुल्हों में गिल्टियां होना इसके लक्षण होते हैं। उन्होंने बताया कि कोई भी लक्षण दिखाई दे तो तुरन्त नजदीक के स्वाथ्य केन्द्र जाकर डाक्टर को दिखाएं, अपनी मर्जी से दवा न खाएं। उन्होंने सभी को सलाह दी कि उपरोक्त बताए गए बचाव के तरीकों पर आवश्य अमल करें और अपने-आप को स्क्रब टाइफस से बचाएं।
बिलासपुर ! मुख्य चिकित्सा अधिकारी बिलासपुर डाॅक्टर प्रकाश दरोच ने जानकारी देते हुए बताया कि कोविड-19 के साथ-साथ स्वस्थ्य विभाग की सभी योजनाओं व बीमारियों के बारे में जानकारी होना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि अब बरसात का मौसम आने वाला है इसमें स्क्रब टाइफस फैलने का समय होता है तो कोविड के साथ-साथ इसकी जानकारी भी आम जनता को होनी आवश्यक है ताकि इससे समय रहते बचा जा सके।
उन्होंने बताया कि स्क्रब टाइफस एक रिकेटसिया नामक जीवाणु से फैलता है जो कि पिसुओं में पाया जाता है। संक्रमित पिसू, जंगली चूहों में पाए जाते हैं जोकि घरों के आस-पास उगी घास व खेतों में से आकर घरों में आ जाते हैं और पिसू उन्ही से घरों में फैल जाते हैं व संक्रमित पिसू स्वस्थ आदमी को काटता है और स्क्रब टाइफस फैलाता है। इससे बचने के लिए उन्होंने बताया कि हमें घरों के आस-पास उगी घास पतवार को साफ कर देना चाहिए, घरों के अन्दर साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए व पिसुओं को मारने के लिए घरों में किटनाशक का छिड़काव करना चाहिए। उन्होंने बताया कि अपनी व अपने कपड़ों की सफाई का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए। खेतों में काम करते समय शरीर को पूरे ढके हुए कपड़े पहनने चाहिए तथा पैरों को पूरे ढकने वाले जुते पहनने चाहिए।
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उन्होंने बताया कि स्क्रब टाइफस वाले मरीज को 104 से 105 डिग्री तक बुखार होता है, जोड़ों में दर्द, गर्दन, बाजुओं के निचले भाग व कुल्हों में गिल्टियां होना इसके लक्षण होते हैं। उन्होंने बताया कि कोई भी लक्षण दिखाई दे तो तुरन्त नजदीक के स्वाथ्य केन्द्र जाकर डाक्टर को दिखाएं, अपनी मर्जी से दवा न खाएं। उन्होंने सभी को सलाह दी कि उपरोक्त बताए गए बचाव के तरीकों पर आवश्य अमल करें और अपने-आप को स्क्रब टाइफस से बचाएं।
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