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शिमला ! मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर 15वें वित्तायोग के अध्यक्ष एन.के. सिंह द्वारा लिखित पुस्तक ‘पोर्टªेट्स आॅफ पावरः हाफ ए सेंचरी आॅफ बींग एट रिंग साइड’ के आज मुम्बई में आयोजित वर्चुअल विमोचन समारोह में वेबीनार के माध्यम से जुड़े। एन.के. सिंह को उनकी आत्मकथा लिखने पर बधाई देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पुस्तक एक पुरूष की आत्मकथा है जिसने कई दशकों तक भारत को विकट आर्थिक संकट से उबरने में सक्रिय भूमिका निभाई। यह पुस्तक उन अनगिनत संस्थाओं का वर्णन भी करती है जिन्होंने आपसी सौहार्द से कार्य कर इन मुकाम को हासिल करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। जय राम ठाकुर ने कहा कि एन.के. सिंह देश के शीर्ष नौकरशाहों में एक हैं जिन्हानें प्रधानमंत्री के सचिव, राजस्व एवं व्यय सचिव और योजना आयोग के सदस्य जैसे महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। वह भारत की शेष अदायगी भुगतान संकट के दौरान बहुपक्षीय संस्थानों के प्रधान वार्ताकार भी रहे। मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि यह पुस्तक पाठकों को भारत की व्यापक जटिलताओं विशेषकर आर्थिक क्षेत्र के मागदर्शन में सहायक सिद्ध होगी। उन्होंने कहा कि यह पुस्तक भारत के पिछले कुछ वर्षों के आर्थिक इतिहास का आकलन करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। एन.के. सिंह ने इस अवसर पर कहा कि यह पुस्तक उनकी उपलब्धियों के बारे में नहीं है, बल्कि पिछले पांच दशकों से भारत के विकास की यात्रा को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि इस आत्मकथा में उनके जीवनकाल के दौरान हुए सभी राष्ट्रीय एवं व्यक्तिगत आन्दोलनों को शामिल किया गया है।
शिमला ! मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर 15वें वित्तायोग के अध्यक्ष एन.के. सिंह द्वारा लिखित पुस्तक ‘पोर्टªेट्स आॅफ पावरः हाफ ए सेंचरी आॅफ बींग एट रिंग साइड’ के आज मुम्बई में आयोजित वर्चुअल विमोचन समारोह में वेबीनार के माध्यम से जुड़े।
एन.के. सिंह को उनकी आत्मकथा लिखने पर बधाई देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पुस्तक एक पुरूष की आत्मकथा है जिसने कई दशकों तक भारत को विकट आर्थिक संकट से उबरने में सक्रिय भूमिका निभाई। यह पुस्तक उन अनगिनत संस्थाओं का वर्णन भी करती है जिन्होंने आपसी सौहार्द से कार्य कर इन मुकाम को हासिल करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।
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जय राम ठाकुर ने कहा कि एन.के. सिंह देश के शीर्ष नौकरशाहों में एक हैं जिन्हानें प्रधानमंत्री के सचिव, राजस्व एवं व्यय सचिव और योजना आयोग के सदस्य जैसे महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। वह भारत की शेष अदायगी भुगतान संकट के दौरान बहुपक्षीय संस्थानों के प्रधान वार्ताकार भी रहे।
मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि यह पुस्तक पाठकों को भारत की व्यापक जटिलताओं विशेषकर आर्थिक क्षेत्र के मागदर्शन में सहायक सिद्ध होगी। उन्होंने कहा कि यह पुस्तक भारत के पिछले कुछ वर्षों के आर्थिक इतिहास का आकलन करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
एन.के. सिंह ने इस अवसर पर कहा कि यह पुस्तक उनकी उपलब्धियों के बारे में नहीं है, बल्कि पिछले पांच दशकों से भारत के विकास की यात्रा को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि इस आत्मकथा में उनके जीवनकाल के दौरान हुए सभी राष्ट्रीय एवं व्यक्तिगत आन्दोलनों को शामिल किया गया है।
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