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मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज यहां कोरोना महामारी के दृष्टिगत लाॅकडाउन के दौरान हिमाचल प्रदेश में आने वाले प्रवासियों के डेटा बेस बनाने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा विकसित स्किल रजिस्टर का शुभारम्भ किया। उन्होंने कहा कि इच्छुक व्यक्ति skillregister.hp.gov.in के माध्यम से पंजीकरण करवा सकते हैं। उन्होंने कहा कि विभिन्न कंपनियां और औद्योगिक घराने भी इस पोर्टल पर अपनी आवश्यकताओं को दर्ज कर सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पोर्टल के माध्यम से राज्य में लौटे लोग अपनी शैक्षिक योग्यता, कौशल और नौकरी की आवश्यकताओं के संबंध में जानकारी अपलोड कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इससे राज्य में उपलब्ध कौशल की पहचान करने और कौशल उन्नयन आवश्यकताओं के विश्लेषण में भी सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि यह उद्योगों को एक क्लिक पर कुशल श्रमशक्ति के बारे में जानकारी प्राप्त करने में सहायक सिद्ध होगा। जय राम ठाकुर ने कहा कि यह पंजीकरण मोबाइल नंबर और आधार नंबर पर आधारित होगा और लोगों को एसएमएस के माध्यम से सूचित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कौशल के बारे में रिपोर्ट जिलावार, शैक्षिक योग्यता वार और कार्य अनुभव के अनुसार तैयार की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि कौशल रजिस्टर को औद्योगिक घरानों के साथ जोड़ा जाएगा ताकि उद्योगों को उनकी आवश्यकताओं के अनुसार जानकारी मिल सके। उन्होंने कहा कि इस रजिस्टर में आवश्यकता के अनुसार कौशल उन्नयन का भी प्रावधान होगा। मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव जे.सी.शर्मा ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए कौशल रजिस्टर की मुख्य विशेषताओं की विस्तारपूर्वक जानकारी दी। हि.प्र. कौशल विकास निगम के प्रबंध निदेशक रोहन चंद ठाकुर ने इस अवसर पर एक प्रस्तुति दी। कृषि और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री डाॅ. राम लाल मारकंडा, मुख्य सचिव अनिल खाची, सचिव सूचना प्रौद्योगिकी रजनीश, श्रम आयुक्त एस.एस. गुलेरिया, निदेशक सूचना प्रौद्योगिकी आशुतोष गर्ग और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज यहां कोरोना महामारी के दृष्टिगत लाॅकडाउन के दौरान हिमाचल प्रदेश में आने वाले प्रवासियों के डेटा बेस बनाने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा विकसित स्किल रजिस्टर का शुभारम्भ किया। उन्होंने कहा कि इच्छुक व्यक्ति skillregister.hp.gov.in के माध्यम से पंजीकरण करवा सकते हैं। उन्होंने कहा कि विभिन्न कंपनियां और औद्योगिक घराने भी इस पोर्टल पर अपनी आवश्यकताओं को दर्ज कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पोर्टल के माध्यम से राज्य में लौटे लोग अपनी शैक्षिक योग्यता, कौशल और नौकरी की आवश्यकताओं के संबंध में जानकारी अपलोड कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इससे राज्य में उपलब्ध कौशल की पहचान करने और कौशल उन्नयन आवश्यकताओं के विश्लेषण में भी सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि यह उद्योगों को एक क्लिक पर कुशल श्रमशक्ति के बारे में जानकारी प्राप्त करने में सहायक सिद्ध होगा।
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जय राम ठाकुर ने कहा कि यह पंजीकरण मोबाइल नंबर और आधार नंबर पर आधारित होगा और लोगों को एसएमएस के माध्यम से सूचित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कौशल के बारे में रिपोर्ट जिलावार, शैक्षिक योग्यता वार और कार्य अनुभव के अनुसार तैयार की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कौशल रजिस्टर को औद्योगिक घरानों के साथ जोड़ा जाएगा ताकि उद्योगों को उनकी आवश्यकताओं के अनुसार जानकारी मिल सके। उन्होंने कहा कि इस रजिस्टर में आवश्यकता के अनुसार कौशल उन्नयन का भी प्रावधान होगा।
मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव जे.सी.शर्मा ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए कौशल रजिस्टर की मुख्य विशेषताओं की विस्तारपूर्वक जानकारी दी।
हि.प्र. कौशल विकास निगम के प्रबंध निदेशक रोहन चंद ठाकुर ने इस अवसर पर एक प्रस्तुति दी।
कृषि और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री डाॅ. राम लाल मारकंडा, मुख्य सचिव अनिल खाची, सचिव सूचना प्रौद्योगिकी रजनीश, श्रम आयुक्त एस.एस. गुलेरिया, निदेशक सूचना प्रौद्योगिकी आशुतोष गर्ग और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
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