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शिमला ! मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि श्री लाल बहादुर शास्त्री राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय (एसएलबीएसजीएमसी) नेरचैक मण्डी को कोविड-19 के लिए पूर्ण रूप से समर्पित अस्पताल बनाया जाए। उन्होंने कहा कि आईजीएमसी शिमला तथा डाॅ. राजेन्द्र प्रसाद मेडिकल काॅलेज टांडा में भी कोविड-19 के मरीजों की जांच तथा उपचार जारी रहेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में 3904 लोगों को निगरानी में रखा गया है, जिनमें से 1511 लोगों ने 28 दिन की निगरानी अवधि को पूरा कर लिया है। उन्होंने कहा कि आज कोविड-19 के 27 सैंपलों की जांच की गई और इनमें से तीन सैंपल जो ऊना जिला से लिए गए थे, कोविड-19 पाॅजिटिव पाए गए हैं, बाकि अन्य सैंपल नेगेटिव पाए गए हैं। उन्होंने कहा कि अभी तक प्रदेश में कोरोना वायरस के लिए 270 लोगों की जांच की जा चुकी है।
शिमला ! मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि श्री लाल बहादुर शास्त्री राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय (एसएलबीएसजीएमसी) नेरचैक मण्डी को कोविड-19 के लिए पूर्ण रूप से समर्पित अस्पताल बनाया जाए। उन्होंने कहा कि आईजीएमसी शिमला तथा डाॅ. राजेन्द्र प्रसाद मेडिकल काॅलेज टांडा में भी कोविड-19 के मरीजों की जांच तथा उपचार जारी रहेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में 3904 लोगों को निगरानी में रखा गया है, जिनमें से 1511 लोगों ने 28 दिन की निगरानी अवधि को पूरा कर लिया है। उन्होंने कहा कि आज कोविड-19 के 27 सैंपलों की जांच की गई और इनमें से तीन सैंपल जो ऊना जिला से लिए गए थे, कोविड-19 पाॅजिटिव पाए गए हैं, बाकि अन्य सैंपल नेगेटिव पाए गए हैं। उन्होंने कहा कि अभी तक प्रदेश में कोरोना वायरस के लिए 270 लोगों की जांच की जा चुकी है।
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