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शिमला ,11 अक्टूबर ! प्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं के माध्यम से किसानों-बागवानों को लाभान्वित करने के निरन्तर प्रयास किए जा रहे हैं। पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना (आरडब्ल्यूबीसीआईएस) प्रदेश के बागवानों के लिए वरदान साबित होगी। यह बात बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने आज यहां उद्यान विभाग और विभिन्न बीमा कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ आरडब्ल्यूबीसीआईएस की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। उन्होंने कहा कि योजना वास्तविक आधार पर होनी चाहिए। राज्य में बागवान फलों की खेती में उच्च घनत्व वाले पौधों की ओर रुख कर रहे हैं। वर्तमान टर्म शीट मानक पौधों के अनुसार बनाई गई है लेकिन इसे उच्च घनत्व वाले पौधों के लिए अद्यतन किया जाना चाहिए। ताकि, बागवानों को वास्तविक समय और परिस्थितियों के अनुसार योजना के तहत लाभ प्रदान किया जा सके। दावों को प्रमाणित करने के लिए किसानों को मौसम आधारित डेटा भी उपलब्ध कराया जाना चाहिए। जगत सिंह नेगी ने कहा कि उद्यान विभाग को शीघ्र टेंडर प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि इस योजना से बागवानों को उनकी फलों की फसल को मौसम से होने वाले नुकसान से सुरक्षा मिलेगी। राज्य में तीन क्लस्टर हैं और प्रत्येक क्लस्टर में योजना के तहत चार जिले शामिल हैं। योजना में पहली बार अनार, लीची और अमरूद की फसल शामिल की जाएंगी। निदेशक उद्यान संदीप कदम, हिमाचल प्रदेश शिवा परियोजना के निदेशक देवेन्द्र ठाकुर, संयुक्त निदेशक उद्यान हेम चंद शर्मा, उद्यान विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी, प्रबंधक एचडीएफसी ईजीआरओ जीआईसी पार्थ शर्मा, प्रबंधक (विपणन) इफको-टोकियो जीआईसी अंकुश गुप्ता, प्रबंधक एआईसी जी.जी. राजू, राज्य प्रबंधक एसबीआई-जीआईसी सुप्रिया धोटा और राज्य समन्वयक क्षेमा जनरल इंश्योरेंस लिमिटेड अरुण कुमार बैठक में उपस्थित थे। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
शिमला ,11 अक्टूबर ! प्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं के माध्यम से किसानों-बागवानों को लाभान्वित करने के निरन्तर प्रयास किए जा रहे हैं। पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना (आरडब्ल्यूबीसीआईएस) प्रदेश के बागवानों के लिए वरदान साबित होगी।
यह बात बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने आज यहां उद्यान विभाग और विभिन्न बीमा कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ आरडब्ल्यूबीसीआईएस की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। उन्होंने कहा कि योजना वास्तविक आधार पर होनी चाहिए। राज्य में बागवान फलों की खेती में उच्च घनत्व वाले पौधों की ओर रुख कर रहे हैं। वर्तमान टर्म शीट मानक पौधों के अनुसार बनाई गई है लेकिन इसे उच्च घनत्व वाले पौधों के लिए अद्यतन किया जाना चाहिए। ताकि, बागवानों को वास्तविक समय और परिस्थितियों के अनुसार योजना के तहत लाभ प्रदान किया जा सके। दावों को प्रमाणित करने के लिए किसानों को मौसम आधारित डेटा भी उपलब्ध कराया जाना चाहिए।
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जगत सिंह नेगी ने कहा कि उद्यान विभाग को शीघ्र टेंडर प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि इस योजना से बागवानों को उनकी फलों की फसल को मौसम से होने वाले नुकसान से सुरक्षा मिलेगी। राज्य में तीन क्लस्टर हैं और प्रत्येक क्लस्टर में योजना के तहत चार जिले शामिल हैं। योजना में पहली बार अनार, लीची और अमरूद की फसल शामिल की जाएंगी।
निदेशक उद्यान संदीप कदम, हिमाचल प्रदेश शिवा परियोजना के निदेशक देवेन्द्र ठाकुर, संयुक्त निदेशक उद्यान हेम चंद शर्मा, उद्यान विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी, प्रबंधक एचडीएफसी ईजीआरओ जीआईसी पार्थ शर्मा, प्रबंधक (विपणन) इफको-टोकियो जीआईसी अंकुश गुप्ता, प्रबंधक एआईसी जी.जी. राजू, राज्य प्रबंधक एसबीआई-जीआईसी सुप्रिया धोटा और राज्य समन्वयक क्षेमा जनरल इंश्योरेंस लिमिटेड अरुण कुमार बैठक में उपस्थित थे।
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