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शिमला ,19 अक्टूबर ! मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां राजस्व विभाग को लगभग तीन दशक के उपरांत प्रकाशित नए ‘लैंड कोड’ के प्रकाशन के लिए बधाई दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट घोषणा के अनुसार राज्य सरकार ने नई भू-संहिता (लैंड कोड) को लागू करने का आश्वासन दिया था, जिसमें भूमि संबंधी नियमों, कानूनों और आवश्यक निर्देशों का अद्यतन संकलन होगा। उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग द्वारा लगभग 31 वर्षों के बाद नया लैंड कोड जारी किया गया है। पहला लैंड कोड वर्ष 1992 में प्रकाशित हुआ था। मुख्यमंत्री ने कहा कि भूमि संबंधित मामलों के विषय में लोगों को अक्सर राजस्व विभाग से संबंधित कार्य रहते हैं। लैंड कोड के माध्यम से भूमि विवादों का सामाजिक समन्वय व पारिवारिक जुड़ाव के साथ सर्वसम्मत समाधान निकालने में सुविधा रहेगी। उन्होंने कहा कि जन-समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए राजस्व न्याय प्रणाली का सुव्यवस्थित होना आवश्यक है। इसके दृष्टिगत राजस्व अधिकारियों और लोगों को विभिन्न नियम और विभागीय दिशा-निर्देशों की आसानी से उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। उन्होंने कहा कि नई भू-संहिता न केवल राजस्व अधिकारियों का मार्गदर्शन करेगी, बल्कि आम आदमी को लाभान्वित करने के लिए भूमि संबंधी विषयों के त्वरित निपटारे में भी सहायक होगी। इसमें राजस्व विभाग के कानूनों और नियमों और उसमें जारी निर्देशों के बारे में समय-समय पर जानकारी भी मिलेगी। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
शिमला ,19 अक्टूबर ! मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां राजस्व विभाग को लगभग तीन दशक के उपरांत प्रकाशित नए ‘लैंड कोड’ के प्रकाशन के लिए बधाई दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट घोषणा के अनुसार राज्य सरकार ने नई भू-संहिता (लैंड कोड) को लागू करने का आश्वासन दिया था, जिसमें भूमि संबंधी नियमों, कानूनों और आवश्यक निर्देशों का अद्यतन संकलन होगा।
उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग द्वारा लगभग 31 वर्षों के बाद नया लैंड कोड जारी किया गया है। पहला लैंड कोड वर्ष 1992 में प्रकाशित हुआ था। मुख्यमंत्री ने कहा कि भूमि संबंधित मामलों के विषय में लोगों को अक्सर राजस्व विभाग से संबंधित कार्य रहते हैं। लैंड कोड के माध्यम से भूमि विवादों का सामाजिक समन्वय व पारिवारिक जुड़ाव के साथ सर्वसम्मत समाधान निकालने में सुविधा रहेगी। उन्होंने कहा कि जन-समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए राजस्व न्याय प्रणाली का सुव्यवस्थित होना आवश्यक है। इसके दृष्टिगत राजस्व अधिकारियों और लोगों को विभिन्न नियम और विभागीय दिशा-निर्देशों की आसानी से उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है।
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उन्होंने कहा कि नई भू-संहिता न केवल राजस्व अधिकारियों का मार्गदर्शन करेगी, बल्कि आम आदमी को लाभान्वित करने के लिए भूमि संबंधी विषयों के त्वरित निपटारे में भी सहायक होगी। इसमें राजस्व विभाग के कानूनों और नियमों और उसमें जारी निर्देशों के बारे में समय-समय पर जानकारी भी मिलेगी।
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