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सुन्नी ! शिमला ग्रामीण की ग्राम पंचायत ओगली के गांव ठारु व जलोग बाजार में आवारा पशुओं ने आतंक मचा रखा है। गांव जलोग में आवारा बैल के हमले में एक व्यक्ति की मौत हो गई। प्रधान ग्राम पंचायत ओगली विद्या देवी ने बताया कि इससे पहले भी आवारा पशुओं के हमले में दर्जनो लोग घायल हो चुके हैं। 10 मई को जलोग गांव के कर्मदास पुत्र उत्तम सिंह जब अपने खेतों में पशुओं को चरा रहे थे, उस समय एक आवारा बैल ने उन पर हमला कर दिया। कर्म दास के चिल्लाने की आवाज सुनकर ग्रामीणों ने बैल को भगाया मगर तब तक कर्म दास हमले में बुरी तरह घायल होकर बेसुध हो गया था जिसके बाद उन्हें उपचार के लिए शिमला अस्पताल ले जाया गया जहां 11 मई को उनका निधन हो गया। प्रधान विद्या देवी ने बताया कि आवारा पशुओं की समस्या के बारे में प्रशासन के अधिकारियों को पत्र लिखकर कई बार अवगत कराया गया मगर प्रशासन की ओर से कोई उचित कार्यवाही अमल में नहीं लाई गई। उनका कहना है कि यह पशु पंचायत के लोगों द्वारा नहीं छोड़े गए हैं बल्कि कुछ लोग रात के अंधेरे में गाड़ियों में भरकर उनके क्षेत्र में आवारा पशुओं को छोड़ जाते हैं। उन्होंने सरकार व प्रशासन से गुहार लगाई है कि पंचायत को इन आवारा पशुओं के आतंक से जल्द से जल्द निजात दिलाई जाए । प्रशासन यहां से आवारा पशुओं को गौशाला में भेजने का प्रावधान करे।
सुन्नी ! शिमला ग्रामीण की ग्राम पंचायत ओगली के गांव ठारु व जलोग बाजार में आवारा पशुओं ने आतंक मचा रखा है। गांव जलोग में आवारा बैल के हमले में एक व्यक्ति की मौत हो गई। प्रधान ग्राम पंचायत ओगली विद्या देवी ने बताया कि इससे पहले भी आवारा पशुओं के हमले में दर्जनो लोग घायल हो चुके हैं। 10 मई को जलोग गांव के कर्मदास पुत्र उत्तम सिंह जब अपने खेतों में पशुओं को चरा रहे थे, उस समय एक आवारा बैल ने उन पर हमला कर दिया। कर्म दास के चिल्लाने की आवाज सुनकर ग्रामीणों ने बैल को भगाया मगर तब तक कर्म दास हमले में बुरी तरह घायल होकर बेसुध हो गया था जिसके बाद उन्हें उपचार के लिए शिमला अस्पताल ले जाया गया जहां 11 मई को उनका निधन हो गया।
प्रधान विद्या देवी ने बताया कि आवारा पशुओं की समस्या के बारे में प्रशासन के अधिकारियों को पत्र लिखकर कई बार अवगत कराया गया मगर प्रशासन की ओर से कोई उचित कार्यवाही अमल में नहीं लाई गई। उनका कहना है कि यह पशु पंचायत के लोगों द्वारा नहीं छोड़े गए हैं बल्कि कुछ लोग रात के अंधेरे में गाड़ियों में भरकर उनके क्षेत्र में आवारा पशुओं को छोड़ जाते हैं। उन्होंने सरकार व प्रशासन से गुहार लगाई है कि पंचायत को इन आवारा पशुओं के आतंक से जल्द से जल्द निजात दिलाई जाए । प्रशासन यहां से आवारा पशुओं को गौशाला में भेजने का प्रावधान करे।
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