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शिमला ! एसजेवीएन, जो कि एक शेड्यूल-ए तथा मिनी रत्न विद्युत क्षेत्र पीएसयू है, ने शिमला स्थित अपने कारपोरेट मुख्यालय तथा हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, गुजरात, बिहार तथा पड़ोसी देशों नेपाल और भूटान में स्थित अपने सभी परियोजना कार्यालयों में अपना 33वां स्थापना दिवस मनाया। अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, श्री नंदलाल शर्मा ने निदेशक (विद्युत), श्री आर.के. बंसल, निदेशक (कार्मिक), श्रीमती गीता कपूर, निदेशक (सिविल), श्री एस.पी. बंसल तथा निदेशक (वित्त), श्री ए. के. सिंह की गरिमामयी उपस्थिति में कंपनी का झंडा फहराया। गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देशों का ध्यान रखते हुए इस अवसर पर सीमित संख्या में कर्मचारी सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखते हुए उपस्थित थे। श्री नंद लाल शर्मा ने कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि पूरा विश्व कोविड-19 की चुनौती से निपट रहा है और सरकारी दिशा-निर्देशों का ध्यान रखते हुए इस साल एसजेवीएन किसी समारोह गतिविधि का आयोजन नहीं कर रहा। फिर भी यह ऐसा शुभ समय है कि जब हम इस एजेवीएननाइट्स अपनी यात्रा को पीछे मुड़ कर देखें और ऐतिहासिक उपलब्धियों का जायजा लें। श्री नंदलाल शर्मा ने जोर देकर कहा की हमारी कंपनी ने वर्ष 1988 में एक एकल जल विद्युत परियोजना से अपनी शुरुआत की थी और आज इसके पास 7489.2 मेगावाट का पोर्टफोलियो है, जिसमें से 2015.2 मेगावाट अंडर ऑपरेशन है, 2880 मेगावाट निर्माणाधीन है, 482 मेगावाट निर्माण पूर्व एवं निवेश मंजूरी के अधीन है तथा 2112 मेगावाट सर्वेक्षण एवं अन्वेषणाधीन अवस्था में है। कंपनी ने अपना विविधीकरण ऊर्जा उत्पादन तथा ट्रांसमिशन के अन्य क्षेत्रों में भी कर लिया है। एसजेवीएन की टीम में अपना यकीन जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि एसजेवीएन सन 2023 तक 5000 मेगावाट, सन 2030 तक 12000 मेगावाट तथा सन 2040 तक 25000 मेगावाट के लक्ष्य के पथ पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। श्री शर्मा ने आगे कहा कि जल विद्युत एसजेवीएन का मुख्य आधार है तथा वर्तमान में उत्तराखंड राज्य में 60 मेगावाट नैटवाड़ मोरी जल विद्युत परियोजना का निर्माण कार्य पूरी गति से चल रहा है I उन्होंने आगे बताया की नेपाल में 900 मेगावाट अरुण-3 जल विद्युत परियोजना में कंपनी नेपाल में अगले 5 वर्षों के दौरान लगभग 6959 करोड़ रुपए का निवेश करेगीI बक्सर, बिहार में 1320 मेगावाट बक्सर ताप विद्युत संयंत्र की निर्माण गतिविधियां पूरे जोर से चल रही हैं और एसजेवीएन की योजना है कि इस परियोजना को वर्ष 2023 तक चालू कर दिया जाएI उन्होंने आगे बताया कि एसजेवीएन ने हिमाचल प्रदेश सरकार के साथ आठ जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैंI इन परियोजनाओं की कुल क्षमता 2388 मेगावाट है और इन परियोजनाओं के निर्माण में 24000 करोड़ रुपए का निवेश होगा। श्री नंदलाल शर्मा ने बताया कि कोविड-19 के खिलाफ सरकार की मदद के लिए एसजेवीएन ने पीएम केयर्स फंड में 25 करोड़ रुपए का अंशदान दिया है। उन्होंने यह भी बताया कि एसजेवीएन हिमाचल प्रदेश सरकार को विभिन्न अस्पतालों में वेंटिलेटरों, निजी सुरक्षा उपकरणों (पीपीई), भोजन, मॉस्कों, सेनीटाइजर्स और ग्लब्स की खरीद के लिए लगभग 2 करोड़ रूपए उपलब्ध करवा चुका है। इसके अलावा, अध्यक्ष अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक ने कहा कि कर्मचारियों ने वैश्विक बीमारी की गंभीरता को अच्छी तरह समझते हुए पीएम केयर्स फंड में और सीएम रिलीफ फंड में प्रत्येक में स्वैच्छिक रूप से 1 दिन के वेतन का अंशदान दिया है। श्री शर्मा ने एसजेवीएन के कर्मचारियों को बधाई देते हुए उनका आह्वान किया कि वे एसजेवीएन के सांझे विज़न को पूरा करने के लिए तीव्रता और तात्कालिक दृष्टि से विशिष्ट कार्रवाईयां करें।
शिमला ! एसजेवीएन, जो कि एक शेड्यूल-ए तथा मिनी रत्न विद्युत क्षेत्र पीएसयू है, ने शिमला स्थित अपने कारपोरेट मुख्यालय तथा हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, गुजरात, बिहार तथा पड़ोसी देशों नेपाल और भूटान में स्थित अपने सभी परियोजना कार्यालयों में अपना 33वां स्थापना दिवस मनाया। अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, श्री नंदलाल शर्मा ने निदेशक (विद्युत), श्री आर.के. बंसल, निदेशक (कार्मिक), श्रीमती गीता कपूर, निदेशक (सिविल), श्री एस.पी. बंसल तथा निदेशक (वित्त), श्री ए. के. सिंह की गरिमामयी उपस्थिति में कंपनी का झंडा फहराया। गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देशों का ध्यान रखते हुए इस अवसर पर सीमित संख्या में कर्मचारी सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखते हुए उपस्थित थे। श्री नंद लाल शर्मा ने कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि पूरा विश्व कोविड-19 की चुनौती से निपट रहा है और सरकारी दिशा-निर्देशों का ध्यान रखते हुए इस साल एसजेवीएन किसी समारोह गतिविधि का आयोजन नहीं कर रहा। फिर भी यह ऐसा शुभ समय है कि जब हम इस एजेवीएननाइट्स अपनी यात्रा को पीछे मुड़ कर देखें और ऐतिहासिक उपलब्धियों का जायजा लें।
श्री नंदलाल शर्मा ने जोर देकर कहा की हमारी कंपनी ने वर्ष 1988 में एक एकल जल विद्युत परियोजना से अपनी शुरुआत की थी और आज इसके पास 7489.2 मेगावाट का पोर्टफोलियो है, जिसमें से 2015.2 मेगावाट अंडर ऑपरेशन है, 2880 मेगावाट निर्माणाधीन है, 482 मेगावाट निर्माण पूर्व एवं निवेश मंजूरी के अधीन है तथा 2112 मेगावाट सर्वेक्षण एवं अन्वेषणाधीन अवस्था में है। कंपनी ने अपना विविधीकरण ऊर्जा उत्पादन तथा ट्रांसमिशन के अन्य क्षेत्रों में भी कर लिया है। एसजेवीएन की टीम में अपना यकीन जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि एसजेवीएन सन 2023 तक 5000 मेगावाट, सन 2030 तक 12000 मेगावाट तथा सन 2040 तक 25000 मेगावाट के लक्ष्य के पथ पर तेजी से आगे बढ़ रहा है।
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श्री शर्मा ने आगे कहा कि जल विद्युत एसजेवीएन का मुख्य आधार है तथा वर्तमान में उत्तराखंड राज्य में 60 मेगावाट नैटवाड़ मोरी जल विद्युत परियोजना का निर्माण कार्य पूरी गति से चल रहा है I उन्होंने आगे बताया की नेपाल में 900 मेगावाट अरुण-3 जल विद्युत परियोजना में कंपनी नेपाल में अगले 5 वर्षों के दौरान लगभग 6959 करोड़ रुपए का निवेश करेगीI
बक्सर, बिहार में 1320 मेगावाट बक्सर ताप विद्युत संयंत्र की निर्माण गतिविधियां पूरे जोर से चल रही हैं और एसजेवीएन की योजना है कि इस परियोजना को वर्ष 2023 तक चालू कर दिया जाएI
उन्होंने आगे बताया कि एसजेवीएन ने हिमाचल प्रदेश सरकार के साथ आठ जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैंI इन परियोजनाओं की कुल क्षमता 2388 मेगावाट है और इन परियोजनाओं के निर्माण में 24000 करोड़ रुपए का निवेश होगा।
श्री नंदलाल शर्मा ने बताया कि कोविड-19 के खिलाफ सरकार की मदद के लिए एसजेवीएन ने पीएम केयर्स फंड में 25 करोड़ रुपए का अंशदान दिया है। उन्होंने यह भी बताया कि एसजेवीएन हिमाचल प्रदेश सरकार को विभिन्न अस्पतालों में वेंटिलेटरों, निजी सुरक्षा उपकरणों (पीपीई), भोजन, मॉस्कों, सेनीटाइजर्स और ग्लब्स की खरीद के लिए लगभग 2 करोड़ रूपए उपलब्ध करवा चुका है। इसके अलावा, अध्यक्ष अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक ने कहा कि कर्मचारियों ने वैश्विक बीमारी की गंभीरता को अच्छी तरह समझते हुए पीएम केयर्स फंड में और सीएम रिलीफ फंड में प्रत्येक में स्वैच्छिक रूप से 1 दिन के वेतन का अंशदान दिया है।
श्री शर्मा ने एसजेवीएन के कर्मचारियों को बधाई देते हुए उनका आह्वान किया कि वे एसजेवीएन के सांझे विज़न को पूरा करने के लिए तीव्रता और तात्कालिक दृष्टि से विशिष्ट कार्रवाईयां करें।
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