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शिमला ! हिमाचल प्रदेश में निजी बस ऑपरेटर संघ की एक बैठक वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से प्रदेश अध्यक्ष राजेश पराशर की अध्यक्षता में संपन्न हुई इस बैठक में प्रदेश के सभी जिला की यूनियन ने भाग लिया और बैठक में यह तय किया गया कि ज़ब तक सरकार निजी बस ऑपरेटरो को बुलाकर बातचीत नहीं करेगी तब तक प्रदेश में कोई भी बस नहीं चलेगी। यह जानकारी देते हुए हिमाचल प्रदेश के निजी बस ऑपरेटर संघ के प्रदेश महासचिव रमेश कमल ने कहा है कि जिला की यूनियन के निवेदन पर यह यह तय किया गया है कि प्रदेश में सरकार ने 1 जून से प्रदेश में सभी बसें चलाने का फरमान जारी किया है हिमाचल प्रदेश के निजी बस ऑपरेटर उससे सहमत नहीं है। बैठक में सभी ऑपरेटरो ने आरोप लगाया कि हिमाचल प्रदेश सरकार निजी बस ऑपरेटरों से सौतेला व्यवहार कर रही है। बैठक को संबोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष राजेश पराशर ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश में 60% क्षमता में बसे चलाना मुमकिन नहीं है इसके अतिरिक्त सरकार ने 60% क्षमता में बसे चलाने का फरमान तो जारी कर दिया है लेकिन निजी बस ऑपरेटर को कोई राहत देने की घोषणा नहीं की है जिस कारण निजी बस ऑपरेटर अपनी बसें चलाने में असमर्थ है। उन्होंने कहां की प्रदेश सरकार एचआरटीसी और निजी बस ऑपरेटर को अलग-अलग पहलू में तोल रही है ज़बकि एचआरटीसी भी एक ऑपरेटर है और निजी बस ऑपरेटर भी एक ऑपरेटर इसलिए सरकार को चाहिए कि दोनों के साथ समान व्यवहार करें। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा है कि जब तक सरकार प्रदेश के निजी बस ऑपरेटरो को बातचीत के लिए नहीं बुलाएगी तब तक कोई भी निजी बस नहीं चलेगी निजी। हिमाचल प्रदेश में कुछ निजी बस ऑपरेटर ऐसे भी हैं जिनके मात्र रोजी रोटी का साधन ही बसें है जब 60% क्षमता में बसें चलाने की योजना बनाई जा रही है तो वह निजी बस ऑपरेटर बिल्कुल ही कंगाल हो जाएगा जिसका परिवार मात्र बस से चल रहा हो इस लिए इस व्यापार को पुनर्जीवित करने के लिए सरकार को चाहिए कि वह बैंक से बिना ब्याज एवं कम ब्याज पर ऋण उपलब्ध कराएं या कोई सरकारी राहत निजी बस ऑपरेटरों को दे। निजी बस ऑपरेटरो ने एकमत से किराये में बढ़ोतरी की मांग भी की। उन्होंने कहाँ कि हिमाचल प्रदेश की निजी बसें प्रवासी मजदूरों को छोड़ने के लिए उनके गंतव्य तक राज्य से बाहर अपनी सेवाएं देती रही लेकिन सरकार ने निजी बसों के चालकों, परिचालकों एवं बस ऑपरेटरों को कोई राहत प्रदान नहीं की जबकि एचआरटीसी को ₹60 करोड़ का अनुदान दिया तथा उनके चालकों परिचालकों को 50 लाख का बीमा करवा दिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश के निजी बस ऑपरेटर पिछले 2 महीने से सरकार के आदेश का पालन कर रहे हैं तथा सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर पास खडे है लेकिन जिस तरह से सौतेला व्यवहार प्रदेश के निजी बस ऑपरेटर से किया जा रहा है उसे निजी बस ऑपरेटर बिल्कुल भी कबूल नहीं करेगा तथा सरकार से सवाल करेगा। इस बैठक में सिरमौर जिला के प्रधान मामराज शर्मा, शिमला सिटी निजी बस ऑपरेटर यूनियन के महासचिव सुनील चौहान अमित चड्ढा कुल्लू के भूपेश नंदन, चंदन करीर, वीरेंद्र कंवर, रामपुर से कुलवीर सिंह गिल, शिमला से अनिल वर्मा, चम्बा से नरेश महाजन और रवि महाजन ऊना से दिनेश सैनी, कांगड़ा से अजय परिहार, अखिल सूद, बिलासपुर से अनिल मिंटू सहित लगभग 150 निजी बस ऑपरेटर ने भाग लियाi
शिमला ! हिमाचल प्रदेश में निजी बस ऑपरेटर संघ की एक बैठक वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से प्रदेश अध्यक्ष राजेश पराशर की अध्यक्षता में संपन्न हुई इस बैठक में प्रदेश के सभी जिला की यूनियन ने भाग लिया और बैठक में यह तय किया गया कि ज़ब तक सरकार निजी बस ऑपरेटरो को बुलाकर बातचीत नहीं करेगी तब तक प्रदेश में कोई भी बस नहीं चलेगी। यह जानकारी देते हुए हिमाचल प्रदेश के निजी बस ऑपरेटर संघ के प्रदेश महासचिव रमेश कमल ने कहा है कि जिला की यूनियन के निवेदन पर यह यह तय किया गया है कि प्रदेश में सरकार ने 1 जून से प्रदेश में सभी बसें चलाने का फरमान जारी किया है हिमाचल प्रदेश के निजी बस ऑपरेटर उससे सहमत नहीं है। बैठक में सभी ऑपरेटरो ने आरोप लगाया कि हिमाचल प्रदेश सरकार निजी बस ऑपरेटरों से सौतेला व्यवहार कर रही है।
बैठक को संबोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष राजेश पराशर ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश में 60% क्षमता में बसे चलाना मुमकिन नहीं है इसके अतिरिक्त सरकार ने 60% क्षमता में बसे चलाने का फरमान तो जारी कर दिया है लेकिन निजी बस ऑपरेटर को कोई राहत देने की घोषणा नहीं की है जिस कारण निजी बस ऑपरेटर अपनी बसें चलाने में असमर्थ है। उन्होंने कहां की प्रदेश सरकार एचआरटीसी और निजी बस ऑपरेटर को अलग-अलग पहलू में तोल रही है ज़बकि एचआरटीसी भी एक ऑपरेटर है और निजी बस ऑपरेटर भी एक ऑपरेटर इसलिए सरकार को चाहिए कि दोनों के साथ समान व्यवहार करें। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा है कि जब तक सरकार प्रदेश के निजी बस ऑपरेटरो को बातचीत के लिए नहीं बुलाएगी तब तक कोई भी निजी बस नहीं चलेगी निजी।
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हिमाचल प्रदेश में कुछ निजी बस ऑपरेटर ऐसे भी हैं जिनके मात्र रोजी रोटी का साधन ही बसें है जब 60% क्षमता में बसें चलाने की योजना बनाई जा रही है तो वह निजी बस ऑपरेटर बिल्कुल ही कंगाल हो जाएगा जिसका परिवार मात्र बस से चल रहा हो इस लिए इस व्यापार को पुनर्जीवित करने के लिए सरकार को चाहिए कि वह बैंक से बिना ब्याज एवं कम ब्याज पर ऋण उपलब्ध कराएं या कोई सरकारी राहत निजी बस ऑपरेटरों को दे। निजी बस ऑपरेटरो ने एकमत से किराये में बढ़ोतरी की मांग भी की।
उन्होंने कहाँ कि हिमाचल प्रदेश की निजी बसें प्रवासी मजदूरों को छोड़ने के लिए उनके गंतव्य तक राज्य से बाहर अपनी सेवाएं देती रही लेकिन सरकार ने निजी बसों के चालकों, परिचालकों एवं बस ऑपरेटरों को कोई राहत प्रदान नहीं की जबकि एचआरटीसी को ₹60 करोड़ का अनुदान दिया तथा उनके चालकों परिचालकों को 50 लाख का बीमा करवा दिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश के निजी बस ऑपरेटर पिछले 2 महीने से सरकार के आदेश का पालन कर रहे हैं तथा सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर पास खडे है लेकिन जिस तरह से सौतेला व्यवहार प्रदेश के निजी बस ऑपरेटर से किया जा रहा है उसे निजी बस ऑपरेटर बिल्कुल भी कबूल नहीं करेगा तथा सरकार से सवाल करेगा।
इस बैठक में सिरमौर जिला के प्रधान मामराज शर्मा, शिमला सिटी निजी बस ऑपरेटर यूनियन के महासचिव सुनील चौहान अमित चड्ढा कुल्लू के भूपेश नंदन, चंदन करीर, वीरेंद्र कंवर, रामपुर से कुलवीर सिंह गिल, शिमला से अनिल वर्मा, चम्बा से नरेश महाजन और रवि महाजन ऊना से दिनेश सैनी, कांगड़ा से अजय परिहार, अखिल सूद, बिलासपुर से अनिल मिंटू सहित लगभग 150 निजी बस ऑपरेटर ने भाग लियाi
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