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शिमला ! जिला शिमला कांग्रेस कमेटी ग्रामीण के अध्यक्ष यशवंत सिंह छाजटा ने भाजपा विधायक राकेश पठानिया पर पलटबार किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 6 बार मुख्यमंत्री रहे चुके वीरभद्र सिंह और विधायक विक्रमादित्य सिह को उनसे किसी भी तरह का प्रमाण पत्र लेेने की जरु रत नहीं है। उन्होंने कहा कि पठानिया को पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह पर टिप्पणी करने से पहले अपने गिरबान को झांक कर देख लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि वीरभद्र सिंह प्रदेशवासियों के दिलों में बसते है और हिमाचल के विकास में उनका अहम योगदान है। उन्होंने कहा कि इस तरह विक्रमादित्य सिंह चुने हुए विधायक है और जो भी बात वे कहते है, वह तथ्य पर होती है। छाजटा ने कहा है कि वह पठानिया की छटपटाहट व महत्वकांक्षा को भलीभांति समझ सकतें है। छाजटा ने कहा है कि देश में कोरोना माहमारी के प्रकोप से हिमाचल भी नही बच पाया है। एक समय था जब प्रदेश कोरोना मुक्त हो रहा था, आज इसके मामलों में 200 से अधिक की वृद्धि होना कहीं न कहीं प्रदेश सरकार की कमियों को उजागर करती है। सरकार ने इसे हल्के से लिया बाहर से आने वाले प्रदेशवासियों की सीमा पर कोरोना जांच सही ढंग से नही की गई परिणामस्वरूप आज स्थिति सबके सामने है। छाजटा ने कहा है कि कोरोना को लेकर कांग्रेस ने कई दफा सरकार आगह किया लेकिन भाजपा सरकार ने इसे गंभीरता से नही लिया। छाजटा ने कहा है कि विक्रमादित्य सिंह का भाजपा के खिलाफ भ्रष्टाचार पर मुख्यमंत्री से नैतिकता पर इस्तीफा देने को कहना कोई ऐसी मांग नही है, जिसमें पठानिया को कोई दर्द लगें। उन्होंने कहा है कि स्वास्थ्य विभाग मुख्यमंत्री के पास है और उसमें भ्रष्टाचार हुआ है, इसलिए मुख्यमंत्री अपनी नैतिकता से नहीं बच सकते। मुख्यमंत्री को इस पूरे मामलें की जांच उच्च न्यायालय के सिटिंग जज से करवा कर अपनी नैतिकता को साबित करना चाहिए। सुरक्षा उपकरणों की खरीद में ही घूस छाजटा ने कहा कि इससे बड़ा प्रदेश का दुर्भाग्य क्या हो सकता है कि सत्ता में बैठे राजनेता कोरोना माहमारी में सुरक्षा उपकरणों की खरीद में ही घूस खा रहे हो। नैतिकता की दुहाई देने वाले भाजपा नेताओं को नैतिकता की बात नही करनी चाहिए। स्वास्थ्य निदेशक की घूस खोरी से साफ हो गया है कि यह सब इनके नेताओं की सांठगांठ से हो रहा था।आज अपने को बचाने के लिए भाजपा नेताओं को जीरो टॉलरेंस की बात करनी पड़ रही है जो अपने आप मे हास्यास्पद है।!
शिमला ! जिला शिमला कांग्रेस कमेटी ग्रामीण के अध्यक्ष यशवंत सिंह छाजटा ने भाजपा विधायक राकेश पठानिया पर पलटबार किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 6 बार मुख्यमंत्री रहे चुके वीरभद्र सिंह और विधायक विक्रमादित्य सिह को उनसे किसी भी तरह का प्रमाण पत्र लेेने की जरु रत नहीं है। उन्होंने कहा कि पठानिया को पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह पर टिप्पणी करने से पहले अपने गिरबान को झांक कर देख लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि वीरभद्र सिंह प्रदेशवासियों के दिलों में बसते है और हिमाचल के विकास में उनका अहम योगदान है। उन्होंने कहा कि इस तरह विक्रमादित्य सिंह चुने हुए विधायक है और जो भी बात वे कहते है, वह तथ्य पर होती है।
छाजटा ने कहा है कि वह पठानिया की छटपटाहट व महत्वकांक्षा को भलीभांति समझ सकतें है। छाजटा ने कहा है कि देश में कोरोना माहमारी के प्रकोप से हिमाचल भी नही बच पाया है। एक समय था जब प्रदेश कोरोना मुक्त हो रहा था, आज इसके मामलों में 200 से अधिक की वृद्धि होना कहीं न कहीं प्रदेश सरकार की कमियों को उजागर करती है। सरकार ने इसे हल्के से लिया बाहर से आने वाले प्रदेशवासियों की सीमा पर कोरोना जांच सही ढंग से नही की गई परिणामस्वरूप आज स्थिति सबके सामने है। छाजटा ने कहा है कि कोरोना को लेकर कांग्रेस ने कई दफा सरकार आगह किया लेकिन भाजपा सरकार ने इसे गंभीरता से नही लिया।
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छाजटा ने कहा है कि विक्रमादित्य सिंह का भाजपा के खिलाफ भ्रष्टाचार पर मुख्यमंत्री से नैतिकता पर इस्तीफा देने को कहना कोई ऐसी मांग नही है, जिसमें पठानिया को कोई दर्द लगें। उन्होंने कहा है कि स्वास्थ्य विभाग मुख्यमंत्री के पास है और उसमें भ्रष्टाचार हुआ है, इसलिए मुख्यमंत्री अपनी नैतिकता से नहीं बच सकते। मुख्यमंत्री को इस पूरे मामलें की जांच उच्च न्यायालय के सिटिंग जज से करवा कर अपनी नैतिकता को साबित करना चाहिए।
छाजटा ने कहा कि इससे बड़ा प्रदेश का दुर्भाग्य क्या हो सकता है कि सत्ता में बैठे राजनेता कोरोना माहमारी में सुरक्षा उपकरणों की खरीद में ही घूस खा रहे हो। नैतिकता की दुहाई देने वाले भाजपा नेताओं को नैतिकता की बात नही करनी चाहिए। स्वास्थ्य निदेशक की घूस खोरी से साफ हो गया है कि यह सब इनके नेताओं की सांठगांठ से हो रहा था।आज अपने को बचाने के लिए भाजपा नेताओं को जीरो टॉलरेंस की बात करनी पड़ रही है जो अपने आप मे हास्यास्पद है।!
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