भारी भीड़ और ठंड के बावजूद देर रात तक ड्यूटी निभाकर पहाड़ों की रानी को स्वच्छ और सुंदर बनाए हुए हैं नगर निगम शिमला के कर्मयोगी सफाई कर्मचारी
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शिमला , 24 दिसंबर [ विशाल सूद ] ! किसी भी शहर की पहली पहचान उसकी साफ़-सफाई से होती है। जब कोई पर्यटक किसी जगह पर कदम रखता है, तो सबसे पहले उसकी नज़र आसपास की स्वच्छता पर जाती है। इन दिनों शिमला में क्रिसमस और विंटर कार्निवल के चलते देश-विदेश से बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंच रहे हैं। पहाड़ों की रानी शिमला को स्वच्छ और सुंदर बनाए रखने की यह जिम्मेदारी नगर निगम शिमला के सफाई कर्मचारियों बखूबी निभा रहे हैं।भारी पर्यटक दबाव के बीच नगर निगम शिमला ने सफाई व्यवस्था को प्रभावी बनाने के लिए शहर को चार ज़ोनों में विभाजित किया है। पहला ज़ोन एजी चौक, दूसरा शिल्ली चौक, तीसरा स्कैंडल प्वाइंट और चौथा आईजीएमसी क्षेत्र है। इन सभी ज़ोनों में सफाई व्यवस्था की निगरानी नगर निगम शिमला के स्वास्थ्य एवं सैनिटरी इंस्पेक्टर रजनीश बरार स्वयं कर रहे हैं। सैनिटरी इंस्पेक्टर रजनीश बरार ने बताया कि इस समय शिमला में पर्यटकों का भारी रश है। लोग मिनटों में सड़कों और सार्वजनिक स्थानों पर कूड़ा डाल रहे हैं, जिससे सफाई कर्मचारियों को लगातार सतर्क रहना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि रोज़ाना टनों के हिसाब से कचरा निकल रहा है, जिसे उठाने के लिए नगर निगम की दो इलेक्ट्रिक गाड़ियां आवश्यकता अनुसार तुरंत मौके पर पहुंचाई जाती हैं। उन्होंने बताया कि वर्तमान में 30 से 40 सफाई कर्मचारी इन चारों ज़ोनों में सफाई व्यवस्था संभाल रहे हैं। भीड़ अधिक होने के कारण कई बार इन कर्मचारियों को रात डेढ़ बजे तक ड्यूटी करनी पड़ती है, ताकि सुबह शहर पर्यटकों के लिए साफ़ और व्यवस्थित नजर आए। ऐसे कठिन हालात में कर्मचारियों का मनोबल बनाए रखना बेहद ज़रूरी है। ठंडी रातों में, जब पूरा शहर रोशनी और उत्सव में डूबा होता है, तब नगर निगम शिमला के ये सफाई कर्मचारी बिना किसी शोर-शराबे के अपनी ड्यूटी निभाते रहते हैं। कई कर्मचारी ऐसे हैं जो अपने घरों से दूर, परिवार और बच्चों को सोता छोड़कर सड़कों पर उतरते हैं, ताकि अगली सुबह शिमला आने वाला हर पर्यटक एक स्वच्छ शहर देख सके। उनके हाथों में झाड़ू होती है, लेकिन उनके भीतर शहर के प्रति जिम्मेदारी और आत्मसम्मान की भावना होती है। वे न तो मंच पर दिखाई देते हैं और न ही सुर्खियों में, फिर भी शिमला की सुंदरता और पहचान को संजोने में इन ‘Human Angels’ की भूमिका सबसे अहम है। इसी बीच मंगलवार शाम को जिला शिमला के उपायुक्त अनुपम कश्यप और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजीव गांधी द्वारा सफाई कर्मचारियों से बातचीत करते हुए ली गई तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुईं। बताया गया कि डीसी और एसपी शिमला ने मौके पर पहुंचकर सफाई कर्मचारियों का आभार जताया और कहा कि “आप सभी की मेहनत की वजह से ही हमारा शिमला स्वच्छ और सुंदर बना हुआ है। आपकी सेवाएं हम सभी के लिए प्रेरणादायक हैं।” टूरिस्ट सीजन और विंटर कार्निवल की चकाचौंध के पीछे सफाई कर्मचारियों की यह मेहनत अक्सर दिखाई नहीं देती, लेकिन यही कर्मयोगी हर रात शहर को संवारकर पहाड़ों की रानी की गरिमा बनाए रखते हैं।
शिमला , 24 दिसंबर [ विशाल सूद ] ! किसी भी शहर की पहली पहचान उसकी साफ़-सफाई से होती है। जब कोई पर्यटक किसी जगह पर कदम रखता है, तो सबसे पहले उसकी नज़र आसपास की स्वच्छता पर जाती है। इन दिनों शिमला में क्रिसमस और विंटर कार्निवल के चलते देश-विदेश से बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंच रहे हैं।
पहाड़ों की रानी शिमला को स्वच्छ और सुंदर बनाए रखने की यह जिम्मेदारी नगर निगम शिमला के सफाई कर्मचारियों बखूबी निभा रहे हैं।
भारी पर्यटक दबाव के बीच नगर निगम शिमला ने सफाई व्यवस्था को प्रभावी बनाने के लिए शहर को चार ज़ोनों में विभाजित किया है। पहला ज़ोन एजी चौक, दूसरा शिल्ली चौक, तीसरा स्कैंडल प्वाइंट और चौथा आईजीएमसी क्षेत्र है। इन सभी ज़ोनों में सफाई व्यवस्था की निगरानी नगर निगम शिमला के स्वास्थ्य एवं सैनिटरी इंस्पेक्टर रजनीश बरार स्वयं कर रहे हैं।
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सैनिटरी इंस्पेक्टर रजनीश बरार ने बताया कि इस समय शिमला में पर्यटकों का भारी रश है। लोग मिनटों में सड़कों और सार्वजनिक स्थानों पर कूड़ा डाल रहे हैं, जिससे सफाई कर्मचारियों को लगातार सतर्क रहना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि रोज़ाना टनों के हिसाब से कचरा निकल रहा है, जिसे उठाने के लिए नगर निगम की दो इलेक्ट्रिक गाड़ियां आवश्यकता अनुसार तुरंत मौके पर पहुंचाई जाती हैं।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में 30 से 40 सफाई कर्मचारी इन चारों ज़ोनों में सफाई व्यवस्था संभाल रहे हैं। भीड़ अधिक होने के कारण कई बार इन कर्मचारियों को रात डेढ़ बजे तक ड्यूटी करनी पड़ती है, ताकि सुबह शहर पर्यटकों के लिए साफ़ और व्यवस्थित नजर आए। ऐसे कठिन हालात में कर्मचारियों का मनोबल बनाए रखना बेहद ज़रूरी है।
ठंडी रातों में, जब पूरा शहर रोशनी और उत्सव में डूबा होता है, तब नगर निगम शिमला के ये सफाई कर्मचारी बिना किसी शोर-शराबे के अपनी ड्यूटी निभाते रहते हैं। कई कर्मचारी ऐसे हैं जो अपने घरों से दूर, परिवार और बच्चों को सोता छोड़कर सड़कों पर उतरते हैं, ताकि अगली सुबह शिमला आने वाला हर पर्यटक एक स्वच्छ शहर देख सके।
उनके हाथों में झाड़ू होती है, लेकिन उनके भीतर शहर के प्रति जिम्मेदारी और आत्मसम्मान की भावना होती है। वे न तो मंच पर दिखाई देते हैं और न ही सुर्खियों में, फिर भी शिमला की सुंदरता और पहचान को संजोने में इन ‘Human Angels’ की भूमिका सबसे अहम है।
इसी बीच मंगलवार शाम को जिला शिमला के उपायुक्त अनुपम कश्यप और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजीव गांधी द्वारा सफाई कर्मचारियों से बातचीत करते हुए ली गई तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुईं। बताया गया कि डीसी और एसपी शिमला ने मौके पर पहुंचकर सफाई कर्मचारियों का आभार जताया और कहा कि “आप सभी की मेहनत की वजह से ही हमारा शिमला स्वच्छ और सुंदर बना हुआ है। आपकी सेवाएं हम सभी के लिए प्रेरणादायक हैं।”
टूरिस्ट सीजन और विंटर कार्निवल की चकाचौंध के पीछे सफाई कर्मचारियों की यह मेहनत अक्सर दिखाई नहीं देती, लेकिन यही कर्मयोगी हर रात शहर को संवारकर पहाड़ों की रानी की गरिमा बनाए रखते हैं।
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