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चम्बा , 23 जुलाई [ शिवानी ] ! आज अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति ने कैप्टन लक्ष्मी सहगल जी की स्मृति दिवस बाबा मार्केट नज़दीक ए जी चौक पर मनाया। हर साल 23 जुलाई को महिला समिति द्वारा कैप्टन लक्ष्मी सहगल, स्वतंत्रता सेनानी और हमारे संगठन के संस्थापकों में से एक के स्मृतिदिवस के रूप मे मनाया जाता है। महिला समिति जिला कमेटी की सचिव सोनिया शबरवाल ने सेमिनार की शुरुआत करते हुए कहा कि कैप्टन लक्ष्मी सहगल जी का पूरा जीवन भारत पर अंग्रेजों के शासन के खिलाफ स्वतंत्रता संग्राम में समर्पित रहा था। उन्होंने सुभाष चंद्र बोस के नेतृत्व में आजाद हिंद फौज में शामिल होने के लिए एक डॉक्टर का करियर छोड़ दिया और भारत को स्वतंत्रता दिलाने के लिए अपनी जान जोखिम में डाल दी थी। उसके पश्चात महिला समिति की शिमला शहरी कमेटी के सचिव रंजना जैरेट जी जो आज की मुख्य वक्ता थी।उन्होंने अपनी बात रखी।ओर सहगल जी की पूरी जीवन शैली ओर उनके किए आंदोलन के ऊपर बात रखी।उन्होंने बताया कि किस तरह वो पेशे से डॉक्टर होने के बावजूद भी 1943 में सुभाष चंद्र बोस की सेना में रानी झांसी रेजीमेंट में भर्ती हुई ओर 1981 में अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति के संस्थापकों में से एक संस्थापक रही और 2002 में राष्ट्रपति के पद के लिए नॉमिनेट हुई।उनकी किताब मई रेवोल्यूशनरी लाइफ में उन्होंने अपने जीवन के संघर्षों के बारे में विस्तारपूर्वक बताया। उनके बाद महिला समिति की राज्य सचिव फ़लमा चौहान जी ने बात रखी।उन्होंने बताया कि सहगल जी का महिला समिति में क्या योगदान रहा है ।ओर आज उनकी बेटी सुभाषिनी अली जी महिला समिति में काम कर रही हैं।वो आज महिला समिति की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की उपाध्यक्ष हैं।ओर किस तरह आज महिला समिति में दलित,आदिवासी,गरीब ओर पीड़ित महिलाओं के बीच काम कर रही है।साथ ही उन्होंने कहा कि सभी को महिला समिति की सदस्यता करे और ओर महिला समिति को आगे बढ़ाने में मदद करनी है।ताकि महिलाओं के मुद्दों को ओर अच्छे से उठाना है। सेमिनार में कई महिलाओं ने भाग लिया। जिसमें गजाला अनवर,रमा रावत, हिम्मई ठाकुर,डोल्मा,अनीता जरयाल, नैना, नीमा सुनिधि ओर कई महिलाओं ने भाग लिया।ओर एक सफल सेमिनार का आयोजन किया।
चम्बा , 23 जुलाई [ शिवानी ] ! आज अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति ने कैप्टन लक्ष्मी सहगल जी की स्मृति दिवस बाबा मार्केट नज़दीक ए जी चौक पर मनाया। हर साल 23 जुलाई को महिला समिति द्वारा कैप्टन लक्ष्मी सहगल, स्वतंत्रता सेनानी और हमारे संगठन के संस्थापकों में से एक के स्मृतिदिवस के रूप मे मनाया जाता है।
महिला समिति जिला कमेटी की सचिव सोनिया शबरवाल ने सेमिनार की शुरुआत करते हुए कहा कि कैप्टन लक्ष्मी सहगल जी का पूरा जीवन भारत पर अंग्रेजों के शासन के खिलाफ स्वतंत्रता संग्राम में समर्पित रहा था। उन्होंने सुभाष चंद्र बोस के नेतृत्व में आजाद हिंद फौज में शामिल होने के लिए एक डॉक्टर का करियर छोड़ दिया और भारत को स्वतंत्रता दिलाने के लिए अपनी जान जोखिम में डाल दी थी।
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उसके पश्चात महिला समिति की शिमला शहरी कमेटी के सचिव रंजना जैरेट जी जो आज की मुख्य वक्ता थी।उन्होंने अपनी बात रखी।ओर सहगल जी की पूरी जीवन शैली ओर उनके किए आंदोलन के ऊपर बात रखी।उन्होंने बताया कि किस तरह वो पेशे से डॉक्टर होने के बावजूद भी 1943 में सुभाष चंद्र बोस की सेना में रानी झांसी रेजीमेंट में भर्ती हुई ओर 1981 में अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति के संस्थापकों में से एक संस्थापक रही और 2002 में राष्ट्रपति के पद के लिए नॉमिनेट हुई।उनकी किताब मई रेवोल्यूशनरी लाइफ में उन्होंने अपने जीवन के संघर्षों के बारे में विस्तारपूर्वक बताया।
उनके बाद महिला समिति की राज्य सचिव फ़लमा चौहान जी ने बात रखी।उन्होंने बताया कि सहगल जी का महिला समिति में क्या योगदान रहा है ।ओर आज उनकी बेटी सुभाषिनी अली जी महिला समिति में काम कर रही हैं।वो आज महिला समिति की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की उपाध्यक्ष हैं।ओर किस तरह आज महिला समिति में दलित,आदिवासी,गरीब ओर पीड़ित महिलाओं के बीच काम कर रही है।साथ ही उन्होंने कहा कि सभी को महिला समिति की सदस्यता करे और ओर महिला समिति को आगे बढ़ाने में मदद करनी है।ताकि महिलाओं के मुद्दों को ओर अच्छे से उठाना है।
सेमिनार में कई महिलाओं ने भाग लिया। जिसमें गजाला अनवर,रमा रावत, हिम्मई ठाकुर,डोल्मा,अनीता जरयाल, नैना, नीमा सुनिधि ओर कई महिलाओं ने भाग लिया।ओर एक सफल सेमिनार का आयोजन किया।
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