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चम्बा , 20 दिसंबर [ शिवानी ] ! हिमाचल प्रदेश के जिला चंबा में झोपड़ी में कांपते मासूम, फटी छत से टपकती ठंड और आंखों में बेबसी,की यह तस्वीरें किसी का भी दिल पसीज के रख देंगी। चम्बा जिले के अंतर्गत पड़ने वाले ग्राम पंचायत भजोत्रा के गांव मटवाड़ की यह तस्वीरें उन बेसहारा बच्चों की दास्तां उन बेसहारा बच्चों की हकीकत को बंया कर रही है, जिसने इंसान की इंसानियत को शर्मशार करके रख दिया है। यह दास्तां केवल एक परिवार की पीड़ा नहीं, बल्कि उस व्यवस्था पर सवाल बन गई, जो इन मासूमों के दर्द को अनदेखा करती रही। आज इन बच्चों की मासूमियत और इनकी गरीबी की दास्तां प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के कानों में क्या पहुंची उन्होंने वीडियो कॉल कर न केवल उन बेसहारा बच्चों का कुशल क्षेम जाना बल्कि उन बच्चों को आगे की पढ़ाई करने और उनका भविष्य बनाने तक की घोषणा कर डाली। आपको बता दे कि पिता की मृत्यु के बाद मां ने कर ली दूसरी शादी पिता की मृत्यु और मां के घर छोड़कर चले जाने के बाद चार बच्चे बेसहारा हो चुके थे। जिनके पास न खाने के लिए भरपेट भोजन, न पहनने के लिए गर्म कपड़े और न सिर छिपाने के लिए छत। सर्द मौसम में झोपड़ीनुमा मकान में ठिठुरते ये बच्चे हर रात जिंदगी से जूझते रहते थे। पर अब हालत बदलते हुए तब दिखाई दिए जब मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने इन बच्चों का हाथ थामा और आगे का भविष्य बनाने की घोषणा तक कर डाली। आईए मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू और इन बच्चों की मोबाइल फोन से और क्या क्या वार्तालाप हुई उन्हीं की जुबानी सुनते है।
चम्बा , 20 दिसंबर [ शिवानी ] ! हिमाचल प्रदेश के जिला चंबा में झोपड़ी में कांपते मासूम, फटी छत से टपकती ठंड और आंखों में बेबसी,की यह तस्वीरें किसी का भी दिल पसीज के रख देंगी। चम्बा जिले के अंतर्गत पड़ने वाले ग्राम पंचायत भजोत्रा के गांव मटवाड़ की यह तस्वीरें उन बेसहारा बच्चों की दास्तां उन बेसहारा बच्चों की हकीकत को बंया कर रही है, जिसने इंसान की इंसानियत को शर्मशार करके रख दिया है। यह दास्तां केवल एक परिवार की पीड़ा नहीं, बल्कि उस व्यवस्था पर सवाल बन गई, जो इन मासूमों के दर्द को अनदेखा करती रही।
आज इन बच्चों की मासूमियत और इनकी गरीबी की दास्तां प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के कानों में क्या पहुंची उन्होंने वीडियो कॉल कर न केवल उन बेसहारा बच्चों का कुशल क्षेम जाना बल्कि उन बच्चों को आगे की पढ़ाई करने और उनका भविष्य बनाने तक की घोषणा कर डाली।
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आपको बता दे कि पिता की मृत्यु के बाद मां ने कर ली दूसरी शादी पिता की मृत्यु और मां के घर छोड़कर चले जाने के बाद चार बच्चे बेसहारा हो चुके थे। जिनके पास न खाने के लिए भरपेट भोजन, न पहनने के लिए गर्म कपड़े और न सिर छिपाने के लिए छत। सर्द मौसम में झोपड़ीनुमा मकान में ठिठुरते ये बच्चे हर रात जिंदगी से जूझते रहते थे। पर अब हालत बदलते हुए तब दिखाई दिए जब मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने इन बच्चों का हाथ थामा और आगे का भविष्य बनाने की घोषणा तक कर डाली।
आईए मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू और इन बच्चों की मोबाइल फोन से और क्या क्या वार्तालाप हुई उन्हीं की जुबानी सुनते है।
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