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डलहौजी ,19 दिसंबर [ शिवानी ] ! डलहौजी तथा इसके आसपास के क्षेत्रों में जंगली भालुओं का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। बीते कुछ समय से भालू आबादी वाले जंगलों से निकलकर रिहायशी इलाकों में बार-बार देखे जा रहे हैं, जिससे लोगों में भय का माहौल बना हुआ है। जंगलों के समीप बसे क्षेत्रों में भालुओं की बढ़ती चहलकदमी से स्थानीय लोग खासे सहमे हुए हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार डलहौजी क्षेत्र के कथलग, लोहाली, बकरोटा, डलहौजी छावनी, बनीखेत, सुर्खीगला, उघराहल, सुकडांईबांई, खलपुखर, रोला, रुलायनी, ओसल तथा अब देवीदेहरा के भटोली क्षेत्र से भालुओं की ताजा सीसीटीवी फुटेज सामने आई है। इन फुटेज में भालू रात के समय सड़कों और रिहायशी इलाकों में घूमते नजर आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि डलहौजी व इसके आसपास के क्षेत्रों में भालुओं का आना-जाना लगातार बना हुआ है। इसको लेकर वन विभाग द्वारा कई बार जागरूकता अभियान चलाए गए और एडवाइजरी भी जारी की गई, लेकिन इसके बावजूद लोगों के दिलों से डर कम नहीं हुआ है। उल्टा भालुओं की गतिविधियां और अधिक बढ़ती जा रही हैं। मौजूदा हालात में वन विभाग इस समस्या को लेकर बेबस सा नजर आ रहा है, जबकि स्थानीय लोग स्थायी समाधान की मांग कर रहे हैं।
डलहौजी ,19 दिसंबर [ शिवानी ] ! डलहौजी तथा इसके आसपास के क्षेत्रों में जंगली भालुओं का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। बीते कुछ समय से भालू आबादी वाले जंगलों से निकलकर रिहायशी इलाकों में बार-बार देखे जा रहे हैं, जिससे लोगों में भय का माहौल बना हुआ है। जंगलों के समीप बसे क्षेत्रों में भालुओं की बढ़ती चहलकदमी से स्थानीय लोग खासे सहमे हुए हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार डलहौजी क्षेत्र के कथलग, लोहाली, बकरोटा, डलहौजी छावनी, बनीखेत, सुर्खीगला, उघराहल, सुकडांईबांई, खलपुखर, रोला, रुलायनी, ओसल तथा अब देवीदेहरा के भटोली क्षेत्र से भालुओं की ताजा सीसीटीवी फुटेज सामने आई है। इन फुटेज में भालू रात के समय सड़कों और रिहायशी इलाकों में घूमते नजर आ रहे हैं।
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बताया जा रहा है कि डलहौजी व इसके आसपास के क्षेत्रों में भालुओं का आना-जाना लगातार बना हुआ है। इसको लेकर वन विभाग द्वारा कई बार जागरूकता अभियान चलाए गए और एडवाइजरी भी जारी की गई, लेकिन इसके बावजूद लोगों के दिलों से डर कम नहीं हुआ है। उल्टा भालुओं की गतिविधियां और अधिक बढ़ती जा रही हैं। मौजूदा हालात में वन विभाग इस समस्या को लेकर बेबस सा नजर आ रहा है, जबकि स्थानीय लोग स्थायी समाधान की मांग कर रहे हैं।
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