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शिमला, 19 दिसंबर [ विशाल सूद ] ! भाजपा सांसद एवं उपाध्यक्ष डॉ. राजीव भारद्वाज ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा कांगड़ा के इंदौरा में दिए गए बयान पर तीखा पलटवार करते हुए कहा कि मनरेगा समाप्त करने का दावा पूरी तरह झूठा, भ्रामक और राजनीतिक भ्रम फैलाने की साजिश है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व तथ्यहीन बयानबाजी कर ग्रामीण गरीबों को डराने का प्रयास कर रहा है। डॉ. भारद्वाज ने स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार ने मनरेगा को समाप्त नहीं किया है, बल्कि उसे और अधिक मजबूत, पारदर्शी और परिणामोन्मुख बनाने के लिए ‘विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एवं आजीविका मिशन (ग्रामीण)’ के रूप में उसका संरचनात्मक उन्नयन किया है। उन्होंने कहा कि यह नया अधिनियम रोजगार की गारंटी को 100 दिनों से बढ़ाकर 125 दिन करता है, जिससे ग्रामीण परिवारों की आय सुरक्षा पहले से अधिक मजबूत होगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस यह बताने से क्यों डर रही है कि नए कानून के तहत जल सुरक्षा, कोर ग्रामीण अवसंरचना, आजीविका अवसंरचना और जलवायु लचीलापन जैसे क्षेत्रों में टिकाऊ परिसंपत्तियों का निर्माण होगा, जिससे गांवों में स्थायी विकास और रोजगार दोनों सुनिश्चित होंगे। संसद में कांग्रेस का व्यवहार लोकतंत्र के लिए कलंक डॉ. राजीव भारद्वाज ने कहा कि सीएम सुक्खू को लोकतंत्र की दुहाई देने से पहले अपनी पार्टी के सांसदों के आचरण पर भी नजर डालनी चाहिए। उन्होंने कहा कि संसद में इस विधेयक पर 98 सांसदों ने गंभीर और विस्तृत चर्चा में भाग लिया, जो देर रात 1:30 बजे तक चली। केंद्रीय मंत्री द्वारा विपक्ष के प्रत्येक प्रश्न का उत्तर देने की सहमति दी गई थी, लेकिन कांग्रेस और इंडी गठबंधन ने उत्तर सुनने से पहले ही हंगामा, कागज फाड़ना, मेजों पर चढ़ना और आसन का अपमान किया। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या यह आचरण राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आदर्शों के अनुरूप है? क्या संसद को भीड़तंत्र और गुंडातंत्र में बदलने का प्रयास लोकतंत्र की रक्षा कहलाता है? डॉ. भारद्वाज ने कहा कि अपनी बात कह लेने के बाद दूसरे पक्ष को बोलने से रोकना न केवल अनैतिक है, बल्कि संसदीय परंपराओं का घोर उल्लंघन है। कांग्रेस का दोहरा चरित्र उजागर डॉ. राजीव भारद्वाज ने कहा कि कांग्रेस एक ओर संसद में अव्यवस्था फैलाती है और दूसरी ओर बाहर आकर लोकतंत्र की दुहाई देती है। यही कांग्रेस का दोहरा चरित्र है। उन्होंने कहा कि मनरेगा के नाम पर राजनीति करने वाली कांग्रेस यह क्यों नहीं बताती कि अपने शासनकाल में कितनी पारदर्शिता थी और कितनी योजनाएं भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ीं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार का स्पष्ट संकल्प है कि ग्रामीण भारत को रोजगार, गरिमा और आत्मनिर्भरता तीनों मिले। नया कानून उसी दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। --- भाजपा झूठ के खिलाफ सच के साथ खड़ी डॉ. राजीव भारद्वाज ने कहा कि भाजपा कांग्रेस द्वारा फैलाए जा रहे हर झूठ का तथ्यात्मक जवाब देगी और ग्रामीण जनता को गुमराह नहीं होने देगी। उन्होंने कहा कि देश की जनता जानती है कि विकसित भारत का मार्ग भ्रम और झूठ से नहीं, बल्कि सुधार, पारदर्शिता और जवाबदेही से होकर गुजरता है।
शिमला, 19 दिसंबर [ विशाल सूद ] ! भाजपा सांसद एवं उपाध्यक्ष डॉ. राजीव भारद्वाज ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा कांगड़ा के इंदौरा में दिए गए बयान पर तीखा पलटवार करते हुए कहा कि मनरेगा समाप्त करने का दावा पूरी तरह झूठा, भ्रामक और राजनीतिक भ्रम फैलाने की साजिश है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व तथ्यहीन बयानबाजी कर ग्रामीण गरीबों को डराने का प्रयास कर रहा है।
डॉ. भारद्वाज ने स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार ने मनरेगा को समाप्त नहीं किया है, बल्कि उसे और अधिक मजबूत, पारदर्शी और परिणामोन्मुख बनाने के लिए ‘विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एवं आजीविका मिशन (ग्रामीण)’ के रूप में उसका संरचनात्मक उन्नयन किया है। उन्होंने कहा कि यह नया अधिनियम रोजगार की गारंटी को 100 दिनों से बढ़ाकर 125 दिन करता है, जिससे ग्रामीण परिवारों की आय सुरक्षा पहले से अधिक मजबूत होगी।
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उन्होंने कहा कि कांग्रेस यह बताने से क्यों डर रही है कि नए कानून के तहत जल सुरक्षा, कोर ग्रामीण अवसंरचना, आजीविका अवसंरचना और जलवायु लचीलापन जैसे क्षेत्रों में टिकाऊ परिसंपत्तियों का निर्माण होगा, जिससे गांवों में स्थायी विकास और रोजगार दोनों सुनिश्चित होंगे।
संसद में कांग्रेस का व्यवहार लोकतंत्र के लिए कलंक
डॉ. राजीव भारद्वाज ने कहा कि सीएम सुक्खू को लोकतंत्र की दुहाई देने से पहले अपनी पार्टी के सांसदों के आचरण पर भी नजर डालनी चाहिए। उन्होंने कहा कि संसद में इस विधेयक पर 98 सांसदों ने गंभीर और विस्तृत चर्चा में भाग लिया, जो देर रात 1:30 बजे तक चली। केंद्रीय मंत्री द्वारा विपक्ष के प्रत्येक प्रश्न का उत्तर देने की सहमति दी गई थी, लेकिन कांग्रेस और इंडी गठबंधन ने उत्तर सुनने से पहले ही हंगामा, कागज फाड़ना, मेजों पर चढ़ना और आसन का अपमान किया।
उन्होंने सवाल उठाया कि क्या यह आचरण राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आदर्शों के अनुरूप है? क्या संसद को भीड़तंत्र और गुंडातंत्र में बदलने का प्रयास लोकतंत्र की रक्षा कहलाता है? डॉ. भारद्वाज ने कहा कि अपनी बात कह लेने के बाद दूसरे पक्ष को बोलने से रोकना न केवल अनैतिक है, बल्कि संसदीय परंपराओं का घोर उल्लंघन है।
कांग्रेस का दोहरा चरित्र उजागर
डॉ. राजीव भारद्वाज ने कहा कि कांग्रेस एक ओर संसद में अव्यवस्था फैलाती है और दूसरी ओर बाहर आकर लोकतंत्र की दुहाई देती है। यही कांग्रेस का दोहरा चरित्र है। उन्होंने कहा कि मनरेगा के नाम पर राजनीति करने वाली कांग्रेस यह क्यों नहीं बताती कि अपने शासनकाल में कितनी पारदर्शिता थी और कितनी योजनाएं भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ीं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार का स्पष्ट संकल्प है कि ग्रामीण भारत को रोजगार, गरिमा और आत्मनिर्भरता तीनों मिले। नया कानून उसी दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।
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भाजपा झूठ के खिलाफ सच के साथ खड़ी
डॉ. राजीव भारद्वाज ने कहा कि भाजपा कांग्रेस द्वारा फैलाए जा रहे हर झूठ का तथ्यात्मक जवाब देगी और ग्रामीण जनता को गुमराह नहीं होने देगी। उन्होंने कहा कि देश की जनता जानती है कि विकसित भारत का मार्ग भ्रम और झूठ से नहीं, बल्कि सुधार, पारदर्शिता और जवाबदेही से होकर गुजरता है।
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