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चम्बा, 18 जुलाई [श्रेया] ! उपायुक्त अपूर्व देवगन ने जारी मानसून मौसम के दौरान पेयजल की गुणवत्ता और लगातार आपूर्ति सुनिश्चित बनाने को लेकर सचिव, जल शक्ति विभाग द्वारा जारी एडवाइजरी का ज़िला में पालन सुनिश्चित बनाने को लेकर संबंधित विभागों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं। जारी दिशा-निर्देश में कहा गया है कि स्थानीय स्त्रोतों से पेयजल आपूर्ति करने वाले ग्रामीण विकास विभाग, शहरी विकास विभाग, स्थानीय निकायों को जलापूर्ति से पहले पानी की क्लोरिनेशन करनी होगी। क्लोरिनेशन के लिए ब्लीचिंग पाउडर को जल शक्ति विभाग के स्थानीय कार्यालय द्वारा उपलब्ध करवाया जाएगा। इसमें यह भी स्पष्ट किया गया है कि पेयजल आपूर्ति की उचित और लगातार गुणवत्ता सुनिश्चित बनानी होगी। गुणवत्ता जांच के लिए एफटीकेस और सहायक केमिकल ग्राम पंचायतों को पहले से उपलब्ध करवाए जा चुके हैं । गुणवत्ता की जांच को सुनिश्चित बनाने के लिए सैंपल जल स्त्रोतों और चलित नलकों से लेने होंगे और निर्धारित मानकों में अंतर पाए जाने की अवस्था में जल शक्ति विभाग को सूचित करना होगा। साथ में सार्वजनिक जल आपूर्ति योजनाओं के जल स्रोतों को सीवरेज के डिस्चार्ज और विभिन्न तरह के जल प्रदूषण माध्यमों से सुरक्षित करना होगा। इसके साथ लोगों को जल गुणवत्ता के बारे में जागरूक करने और उन्हें पेय की गुणवत्ता के प्रति सतर्क रहने की सलाह देने के लिए आईईसी गतिविधियां शुरू करने को भी निर्देशित किया गया है। लोगों से पानी को उबालकर पीने का आह्वान किया गया है ।
चम्बा, 18 जुलाई [श्रेया] ! उपायुक्त अपूर्व देवगन ने जारी मानसून मौसम के दौरान पेयजल की गुणवत्ता और लगातार आपूर्ति सुनिश्चित बनाने को लेकर सचिव, जल शक्ति विभाग द्वारा जारी एडवाइजरी का ज़िला में पालन सुनिश्चित बनाने को लेकर संबंधित विभागों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
जारी दिशा-निर्देश में कहा गया है कि स्थानीय स्त्रोतों से पेयजल आपूर्ति करने वाले ग्रामीण विकास विभाग, शहरी विकास विभाग, स्थानीय निकायों को जलापूर्ति से पहले पानी की क्लोरिनेशन करनी होगी। क्लोरिनेशन के लिए ब्लीचिंग पाउडर को जल शक्ति विभाग के स्थानीय कार्यालय द्वारा उपलब्ध करवाया जाएगा।
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इसमें यह भी स्पष्ट किया गया है कि पेयजल आपूर्ति की उचित और लगातार गुणवत्ता सुनिश्चित बनानी होगी। गुणवत्ता जांच के लिए एफटीकेस और सहायक केमिकल ग्राम पंचायतों को पहले से उपलब्ध करवाए जा चुके हैं । गुणवत्ता की जांच को सुनिश्चित बनाने के लिए सैंपल जल स्त्रोतों और चलित नलकों से लेने होंगे और निर्धारित मानकों में अंतर पाए जाने की अवस्था में जल शक्ति विभाग को सूचित करना होगा।
साथ में सार्वजनिक जल आपूर्ति योजनाओं के जल स्रोतों को सीवरेज के डिस्चार्ज और विभिन्न तरह के जल प्रदूषण माध्यमों से सुरक्षित करना होगा। इसके साथ लोगों को जल गुणवत्ता के बारे में जागरूक करने और उन्हें पेय की गुणवत्ता के प्रति सतर्क रहने की सलाह देने के लिए आईईसी गतिविधियां शुरू करने को भी निर्देशित किया गया है। लोगों से पानी को उबालकर पीने का आह्वान किया गया है ।
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