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शिमला , 02 मई [ विशाल सूद ] ! भारतीय जनता पार्टी की प्रवक्ता संदीपनी भारद्वाज ने हिमाचल प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री एवं प्रदेश निर्माता डॉ. यशवंत सिंह परमार की पुण्यतिथि पर कांग्रेस सरकार की बेरुख़ी को शर्मनाक और निंदनीय बताया है। संदीपनी भारद्वाज ने कहा कि आज जब पूरा प्रदेश डॉ. परमार को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा था, उस समय राज्य सरकार और प्रशासन पूरी तरह से मौन रहा। शिमला के रिज पर लगी डॉ. परमार की प्रतिमा पर कोई सरकारी प्रतिनिधि, कोई मंत्री या अधिकारी श्रद्धांजलि देने नहीं पहुंचा – यह सीधे-सीधे प्रदेश की अस्मिता का अपमान है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी अपने ही इतिहास से मुंह मोड़ चुकी है। सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि देना केवल औपचारिकता है, सच्ची श्रद्धांजलि तो तब होती जब सरकार पूरे सम्मान के साथ सार्वजनिक कार्यक्रम का आयोजन करती। लेकिन सरकार की उदासीनता से यह स्पष्ट है कि कांग्रेस की नजर में डॉ. परमार का कोई महत्व नहीं बचा। संदीपनी भारद्वाज ने कहा कि जब सोशल मीडिया पर जनता ने सवाल उठाए, तब दोपहर को कुछ कांग्रेस नेता राजीव भवन में श्रद्धांजलि देने पहुंच गए – यह दिखावटी सम्मान है, जिसे जनता भली-भांति पहचान चुकी है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने सदैव डॉ. परमार के योगदान को सम्मान दिया है और उनकी नीतियों को आगे बढ़ाया है। पूर्व भाजपा सरकारों ने डॉ. परमार की जयंती और पुण्यतिथि पर सरकारी स्तर पर आयोजन किए, उनके नाम पर संस्थानों का नामकरण किया और उनके विचारों को शिक्षा और प्रशासन में उतारने का प्रयास किया। “डॉ. परमार केवल एक नेता नहीं, बल्कि हिमाचल की पहचान हैं। उन्हें भुलाने की कांग्रेस की यह साजिश प्रदेश की जनता कभी स्वीकार नहीं करेगी। भाजपा उनके सम्मान और विरासत की रक्षा के लिए हमेशा खड़ी रहेगी।”
शिमला , 02 मई [ विशाल सूद ] ! भारतीय जनता पार्टी की प्रवक्ता संदीपनी भारद्वाज ने हिमाचल प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री एवं प्रदेश निर्माता डॉ. यशवंत सिंह परमार की पुण्यतिथि पर कांग्रेस सरकार की बेरुख़ी को शर्मनाक और निंदनीय बताया है।
संदीपनी भारद्वाज ने कहा कि आज जब पूरा प्रदेश डॉ. परमार को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा था, उस समय राज्य सरकार और प्रशासन पूरी तरह से मौन रहा। शिमला के रिज पर लगी डॉ. परमार की प्रतिमा पर कोई सरकारी प्रतिनिधि, कोई मंत्री या अधिकारी श्रद्धांजलि देने नहीं पहुंचा – यह सीधे-सीधे प्रदेश की अस्मिता का अपमान है।
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उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी अपने ही इतिहास से मुंह मोड़ चुकी है। सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि देना केवल औपचारिकता है, सच्ची श्रद्धांजलि तो तब होती जब सरकार पूरे सम्मान के साथ सार्वजनिक कार्यक्रम का आयोजन करती। लेकिन सरकार की उदासीनता से यह स्पष्ट है कि कांग्रेस की नजर में डॉ. परमार का कोई महत्व नहीं बचा।
संदीपनी भारद्वाज ने कहा कि जब सोशल मीडिया पर जनता ने सवाल उठाए, तब दोपहर को कुछ कांग्रेस नेता राजीव भवन में श्रद्धांजलि देने पहुंच गए – यह दिखावटी सम्मान है, जिसे जनता भली-भांति पहचान चुकी है।
उन्होंने कहा कि भाजपा ने सदैव डॉ. परमार के योगदान को सम्मान दिया है और उनकी नीतियों को आगे बढ़ाया है। पूर्व भाजपा सरकारों ने डॉ. परमार की जयंती और पुण्यतिथि पर सरकारी स्तर पर आयोजन किए, उनके नाम पर संस्थानों का नामकरण किया और उनके विचारों को शिक्षा और प्रशासन में उतारने का प्रयास किया।
“डॉ. परमार केवल एक नेता नहीं, बल्कि हिमाचल की पहचान हैं। उन्हें भुलाने की कांग्रेस की यह साजिश प्रदेश की जनता कभी स्वीकार नहीं करेगी। भाजपा उनके सम्मान और विरासत की रक्षा के लिए हमेशा खड़ी रहेगी।”
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