प्रदेश सरकार ने समीक्षा बैठक में सहकारी क्षेत्र को और सुदृढ बनाने के लिए केंद्रीय राज्य मंत्री के समक्ष उठायी मांग,बोले पहाड़ी क्षेत्र के हो अलग मानदंड, *केंद्रीय राज्य मंत्री ने हर संभव मदद का दिया आश्वासन,बोले किसान और बागवानों का विकास दोनों सरकारों की प्राथमिकता * हिमाचल के शिक्षण संस्थानों में सहकारी विषय आरंभ करने पर भी हुई चर्चा।
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शिमला , 14 सितंबर [ विशाल सूद ] ! हिमाचल प्रदेश में सहकारी क्षेत्र को और सुदृढ़ करने और किसानों के विकास के उद्देश्य से आज शिमला केंद्रीय सहकारिता राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने सहकारिता क्षेत्र में हो रहे विकास और इस क्षेत्र को और सुदृढ़ करने के उद्देश्य से आ रही समस्याओं से केंद्रीय मंत्री को अवगत करवाया। इस समीक्षा बैठक में सहकारिता क्षेत्र से जुड़े अभी अधिकारियों ने अपने विभाग का ब्यौरा प्रस्तुत किया और आ रही समस्याओं से केंद्रीय राज्य मंत्री को अवगत करवाया ।सहकार से समृद्धि पर आयोजित इस बैठक में किसानों, बागवानों और सहकारी संस्थाओं से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई। केंद्रीय मंत्री ने हिमाचल को हर संभव मदद का आश्वासन दिया और इस क्षेत्र में आ रही समस्याओं को केंद्र के समक्ष उठाने और उन्हें हल करने की बात कही। केंद्रीय सहकारिता राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने कहा कि भारत में किस का विकास बहुत आवश्यक है 2047 में विकसित भारत का सपना सहकारिता से ही संभव है।वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विकास का मूल मंत्र सहकारिता से समृद्धि है।उन्होंने कहा कि हिमाचल "देश का फल कटोरा" कहलाता है और यहां के मेहनती लोगों की अलग पहचान है। सहकारिता के माध्यम से बागवानों और किसानों को मजबूत बनाना केंद्र और राज्य, दोनों सरकारों की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि आज सहकारिता विभाग की समीक्षा बैठक में अनेक बिंदुओं पर चर्चा की गई हिमाचल प्रदेश में अभूतपूर्व कार्य हुए हैं और इन कार्यों को आगे बढ़ते हुए केंद्र और राज्य सरकार मिलकर सहकारिता क्षेत्र से ही किसान का विककस कर सकती है । केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि केंद्र की तीन संस्थाओं NCOL, NCOEL, BBSL योजनाओं पर भी विस्तार से विचार की गई है और इसका लाभ हिमाचल को मिलेगा। इसके अलावा नए सहकारिता विश्वविद्यालय त्रिभुवन के से जुड़े कोर्स हिमाचल में शुरू करने पर भी चर्चा हुई, ताकि युवाओं को प्रशिक्षण और रोजगार के अवसर मिल सकें। इसके लिए हिमाचल सरकार का प्रस्ताव आ गया है। उप मुख्यमंत्री ने फीस से संबंधित कुछ बातें और विचार यहां पर बैठक में साझा किए हैं उस पर चर्चा की जाएगी। उप मुख्यमंत्री से हिमाचल में सहकारिता क्षेत्र में आ रही समस्याओं पर चर्चा हुई उन सभी समस्याओं का हल निकाला जाएगा।वहीं, हिमाचल के बागवानों के लिए कोल्ड स्टोरेज और सीए स्टोर की जरूरत पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि चूंकि यह प्रदेश फलों का कटोरा है, इसलिए यहां भंडारण की विशेष योजनाएँ लागू करने पर केंद्र गंभीरता से विचार करेगा हिमाचल सरकार की ओर से फल भंडारण योजना के लिए प्रस्ताव आया है। हिमाचल प्रदेश के कोऑपरेटिव बैंकों को और सुदृढ़ करने के लिए हर संभव प्रयास किये जाएंगे। केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि केंद्र और हिमाचल सरकार मिलकर सहकारिता क्षेत्र को और सुदृढ़ करने के लिए कार्य करेगी उप मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान कहा कि हिमाचल सहकारिता क्षेत्र का जनक है।प्रदेश में सहकारिता नीति को बनाकर जल्द लागू किया जाएगा।उन्होंने कहा कि हिमाचल के जिस समय से गत हुआ उस समय से प्रदेश को निरंतर केंद्र से मदद की दरकार रहती है।हिमाचल एक पहाड़ी क्षेत्र है और सहकारिता क्षेत्र के विकास के लिए पहाड़ी और दूसरे क्षेत्र के मानदंड अलग होने चाहिए।जिससे सहकारी क्षेत्र में और विकास होगा।इसके साथ ही उन्होंने कहा कि केंद्र सहकारी क्षेत्र में विश्वविद्यालय बनाने जा रहा है।इस विश्विद्यालय के का फीस स्ट्रक्चर व्यवसायिक विभविद्यालयों के सामान न होकर कम होना चाहिए।जिससे अधिक से अधिक कॉलेज की एफीलिएशन हो सके।
शिमला , 14 सितंबर [ विशाल सूद ] ! हिमाचल प्रदेश में सहकारी क्षेत्र को और सुदृढ़ करने और किसानों के विकास के उद्देश्य से आज शिमला केंद्रीय सहकारिता राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने सहकारिता क्षेत्र में हो रहे विकास और इस क्षेत्र को और सुदृढ़ करने के उद्देश्य से आ रही समस्याओं से केंद्रीय मंत्री को अवगत करवाया।
इस समीक्षा बैठक में सहकारिता क्षेत्र से जुड़े अभी अधिकारियों ने अपने विभाग का ब्यौरा प्रस्तुत किया और आ रही समस्याओं से केंद्रीय राज्य मंत्री को अवगत करवाया ।सहकार से समृद्धि पर आयोजित इस बैठक में किसानों, बागवानों और सहकारी संस्थाओं से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई। केंद्रीय मंत्री ने हिमाचल को हर संभव मदद का आश्वासन दिया और इस क्षेत्र में आ रही समस्याओं को केंद्र के समक्ष उठाने और उन्हें हल करने की बात कही।
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केंद्रीय सहकारिता राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने कहा कि भारत में किस का विकास बहुत आवश्यक है 2047 में विकसित भारत का सपना सहकारिता से ही संभव है।वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विकास का मूल मंत्र सहकारिता से समृद्धि है।उन्होंने कहा कि हिमाचल "देश का फल कटोरा" कहलाता है और यहां के मेहनती लोगों की अलग पहचान है। सहकारिता के माध्यम से बागवानों और किसानों को मजबूत बनाना केंद्र और राज्य, दोनों सरकारों की प्राथमिकता है।
उन्होंने कहा कि आज सहकारिता विभाग की समीक्षा बैठक में अनेक बिंदुओं पर चर्चा की गई हिमाचल प्रदेश में अभूतपूर्व कार्य हुए हैं और इन कार्यों को आगे बढ़ते हुए केंद्र और राज्य सरकार मिलकर सहकारिता क्षेत्र से ही किसान का विककस कर सकती है । केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि केंद्र की तीन संस्थाओं NCOL, NCOEL, BBSL योजनाओं पर भी विस्तार से विचार की गई है और इसका लाभ हिमाचल को मिलेगा। इसके अलावा नए सहकारिता विश्वविद्यालय त्रिभुवन के से जुड़े कोर्स हिमाचल में शुरू करने पर भी चर्चा हुई, ताकि युवाओं को प्रशिक्षण और रोजगार के अवसर मिल सकें।
इसके लिए हिमाचल सरकार का प्रस्ताव आ गया है। उप मुख्यमंत्री ने फीस से संबंधित कुछ बातें और विचार यहां पर बैठक में साझा किए हैं उस पर चर्चा की जाएगी। उप मुख्यमंत्री से हिमाचल में सहकारिता क्षेत्र में आ रही समस्याओं पर चर्चा हुई उन सभी समस्याओं का हल निकाला जाएगा।वहीं, हिमाचल के बागवानों के लिए कोल्ड स्टोरेज और सीए स्टोर की जरूरत पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि चूंकि यह प्रदेश फलों का कटोरा है, इसलिए यहां भंडारण की विशेष योजनाएँ लागू करने पर केंद्र गंभीरता से विचार करेगा हिमाचल सरकार की ओर से फल भंडारण योजना के लिए प्रस्ताव आया है। हिमाचल प्रदेश के कोऑपरेटिव बैंकों को और सुदृढ़ करने के लिए हर संभव प्रयास किये जाएंगे। केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि केंद्र और हिमाचल सरकार मिलकर सहकारिता क्षेत्र को और सुदृढ़ करने के लिए कार्य करेगी
उप मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान कहा कि हिमाचल सहकारिता क्षेत्र का जनक है।प्रदेश में सहकारिता नीति को बनाकर जल्द लागू किया जाएगा।उन्होंने कहा कि हिमाचल के जिस समय से गत हुआ उस समय से प्रदेश को निरंतर केंद्र से मदद की दरकार रहती है।हिमाचल एक पहाड़ी क्षेत्र है और सहकारिता क्षेत्र के विकास के लिए पहाड़ी और दूसरे क्षेत्र के मानदंड अलग होने चाहिए।जिससे सहकारी क्षेत्र में और विकास होगा।इसके साथ ही उन्होंने कहा कि केंद्र सहकारी क्षेत्र में विश्वविद्यालय बनाने जा रहा है।इस विश्विद्यालय के का फीस स्ट्रक्चर व्यवसायिक विभविद्यालयों के सामान न होकर कम होना चाहिए।जिससे अधिक से अधिक कॉलेज की एफीलिएशन हो सके।
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