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शिमला , 21 मई ! पंचायती राज विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में परिवार रजिस्टर सर्वेक्षण आरम्भ किया गया है। इस सर्वेक्षण का उद्देश्य प्रदेश के लगभग 76 लाख ग्रामीण नागरिकों का आधार आधारित सत्यापन कर डिजिटल परिवार रजिस्टर तैयार करना है। उन्होंने बताया कि अब तक 24.34 लाख लोगों का सत्यापन पूरा हो चुका है जबकि शेष 51.66 लाख लोगों का सत्यापन कार्य प्रगति पर है। सर्वेक्षण के दौरान परिवार के प्रत्येक सदस्य का आधार कार्ड अथवा फेस स्केन के माध्यम से सत्यापन किया जाएगा। इसके साथ ही राशन कार्ड को परिवार रजिस्टर से जोड़ा जाएगा ताकि सभी जानकारी एक ही प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध हो सके। प्रवक्ता ने बताया कि यह सर्वेक्षण राशन कार्ड, बीपीएल, पेंशन, आवास योजना जैसे सरकारी लाभों को पात्र लाभार्थी तक पहुंचाने में सहायक सिद्ध होगा। इसके साथ ही गाय, बैल, भैंस आदि पशुधन का भी पंजीकरण किया जाएगा, जिससे बेसहारा पशुओं की पहचान और बेहतर प्रबंधन संभव होगा। उन्होंने ग्रामीण जनता से ग्राम पंचायत सचिव अथवा अधिकृत सर्वेक्षण कर्मियों को उचित जानकारी प्रदान करने में पूरा सहयोग करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि लोगों द्वारा दी गई जानकारी को गोपनीय रखा जाएगा और केवल सरकारी योजनाओं के लिए ही उपयोग किया जाएगा। प्रवक्ता ने बताया कि यह सर्वेक्षण ग्रामीण परिवारों के हितों की रक्षा और सरकारी सेवाओं के लाभ पहंुचाने में बेहद महत्त्वपूर्ण साबित होगा।
शिमला , 21 मई ! पंचायती राज विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में परिवार रजिस्टर सर्वेक्षण आरम्भ किया गया है। इस सर्वेक्षण का उद्देश्य प्रदेश के लगभग 76 लाख ग्रामीण नागरिकों का आधार आधारित सत्यापन कर डिजिटल परिवार रजिस्टर तैयार करना है।
उन्होंने बताया कि अब तक 24.34 लाख लोगों का सत्यापन पूरा हो चुका है जबकि शेष 51.66 लाख लोगों का सत्यापन कार्य प्रगति पर है। सर्वेक्षण के दौरान परिवार के प्रत्येक सदस्य का आधार कार्ड अथवा फेस स्केन के माध्यम से सत्यापन किया जाएगा। इसके साथ ही राशन कार्ड को परिवार रजिस्टर से जोड़ा जाएगा ताकि सभी जानकारी एक ही प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध हो सके।
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प्रवक्ता ने बताया कि यह सर्वेक्षण राशन कार्ड, बीपीएल, पेंशन, आवास योजना जैसे सरकारी लाभों को पात्र लाभार्थी तक पहुंचाने में सहायक सिद्ध होगा। इसके साथ ही गाय, बैल, भैंस आदि पशुधन का भी पंजीकरण किया जाएगा, जिससे बेसहारा पशुओं की पहचान और बेहतर प्रबंधन संभव होगा।
उन्होंने ग्रामीण जनता से ग्राम पंचायत सचिव अथवा अधिकृत सर्वेक्षण कर्मियों को उचित जानकारी प्रदान करने में पूरा सहयोग करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि लोगों द्वारा दी गई जानकारी को गोपनीय रखा जाएगा और केवल सरकारी योजनाओं के लिए ही उपयोग किया जाएगा।
प्रवक्ता ने बताया कि यह सर्वेक्षण ग्रामीण परिवारों के हितों की रक्षा और सरकारी सेवाओं के लाभ पहंुचाने में बेहद महत्त्वपूर्ण साबित होगा।
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