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चम्बा , 20 अगस्त [ शिवानी ] ! भरमौर की पंचायत खणी के प्रसिद्ध पतरोडू मेले का सम्मान किया गया। 3 दिवसीय इस मेले में खेल प्रतियोगित एवं दंगल का आयोजन किया गया। वर्षों से चली आ रही परंपरा के अनुसार पूरी पंचायत के बुजुर्गों ,महिलाओं,युवक एवं युवतियां ने अपने पौराणिक वेश-भूषा में युवक युवतियों ने सामूहिक नृत्य किया। इसके अतिरिक्त स्टार नाइट का आयोजन किया गया। जिसमें राज जैरी, रिशु रिहाल, संदीप कुमार, विनोद कुमार तथा संदीप कपूर ने अपने गानों से लोगों का खूब मनोरंजन किया। राज जैरी के गाने तेरा मेरा लग्न ओ सजना पर लोगों ने खूब नृत्य किया। इस अवसर पर विजेता टीमों को पुरस्कृत करते हुए मुख्य अतिथि प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता अमित भरमौरी ने कहा कि अपनी संस्कृति को जिंदा रखने में अपना बहुमूल्य योगदान देना आज की नई पीढ़ी का दायित्व बनता है। उन्होंने कहा कि मेले हमारी संस्कृति को बचाने में सहायक सिद्ध हो रहे है। कुछ समय पहले आधुनिकता की होड में विलुप्त हो रही हमारी संस्कृति को आज की पीढ़ी ने नए सिरे से जीवनदान देने का जो कार्य किया है वह सराहनीय है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों से गद्दी संस्कृति को एक नई पहचान मिली है,जिसके लिए हमारे लोक गायकों का प्रमुख योगदान रहा है। आज प्रदेश में हर जगह हमारे पारंपरिक लिबास डोरा, लुआंचडी, चिड़ी,चंद्रहार जैसे गहनों की मार्केट बढी है। संस्कृति का जमकर प्रचार हुआ है। जिसे लोग पसंद भी कर रहे हैं। उन्होंने समूचे भरमौर के युवाओं से आग्रह किया कि आधुनिकता के साथ साथ अपनी पुरानी संस्कृति,भेष भूषा को जिंदा रखने में अपना बहुमूल्य योगदान दें।
चम्बा , 20 अगस्त [ शिवानी ] ! भरमौर की पंचायत खणी के प्रसिद्ध पतरोडू मेले का सम्मान किया गया। 3 दिवसीय इस मेले में खेल प्रतियोगित एवं दंगल का आयोजन किया गया। वर्षों से चली आ रही परंपरा के अनुसार पूरी पंचायत के बुजुर्गों ,महिलाओं,युवक एवं युवतियां ने अपने पौराणिक वेश-भूषा में युवक युवतियों ने सामूहिक नृत्य किया। इसके अतिरिक्त स्टार नाइट का आयोजन किया गया।
जिसमें राज जैरी, रिशु रिहाल, संदीप कुमार, विनोद कुमार तथा संदीप कपूर ने अपने गानों से लोगों का खूब मनोरंजन किया। राज जैरी के गाने तेरा मेरा लग्न ओ सजना पर लोगों ने खूब नृत्य किया। इस अवसर पर विजेता टीमों को पुरस्कृत करते हुए मुख्य अतिथि प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता अमित भरमौरी ने कहा कि अपनी संस्कृति को जिंदा रखने में अपना बहुमूल्य योगदान देना आज की नई पीढ़ी का दायित्व बनता है।
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उन्होंने कहा कि मेले हमारी संस्कृति को बचाने में सहायक सिद्ध हो रहे है। कुछ समय पहले आधुनिकता की होड में विलुप्त हो रही हमारी संस्कृति को आज की पीढ़ी ने नए सिरे से जीवनदान देने का जो कार्य किया है वह सराहनीय है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों से गद्दी संस्कृति को एक नई पहचान मिली है,जिसके लिए हमारे लोक गायकों का प्रमुख योगदान रहा है।
आज प्रदेश में हर जगह हमारे पारंपरिक लिबास डोरा, लुआंचडी, चिड़ी,चंद्रहार जैसे गहनों की मार्केट बढी है। संस्कृति का जमकर प्रचार हुआ है। जिसे लोग पसंद भी कर रहे हैं। उन्होंने समूचे भरमौर के युवाओं से आग्रह किया कि आधुनिकता के साथ साथ अपनी पुरानी संस्कृति,भेष भूषा को जिंदा रखने में अपना बहुमूल्य योगदान दें।
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