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शिमला , 23 जुलाई [ विशाल सूद ] ! हिमाचल प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में फर्जी तरीके से मजदूरों को मिलने वाले लाभ लेने के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। बोर्ड ने ऐसे 38 लोगों की पहचान की है, जो नियमों को ताक पर रखकर कल्याणकारी योजनाओं का लाभ ले रहे थे। इन सभी पर एफआईआर दर्ज कर दी गई है। राज्य सचिवालय शिमला में एक प्रेस वार्ता में बोर्ड के अध्यक्ष नरदेव सिंह कंवर ने बताया कि* ई-केवाईसी अभियान के दौरान यह फर्जीवाड़ा सामने आया है। इन 38 लोगों में से 9 ने आवास और मातृत्व योजनाओं के तहत 9 लाख रुपये से अधिक की राशि का लाभ उठाया है, जबकि अन्य ने भी विभिन्न योजनाओं में आवेदन कर लाभ लिया। ये सभी लोग आर्थिक रूप से संपन्न हैं — इनमें व्यापारी, सरकारी कर्मचारी और शिक्षक तक शामिल हैं। ऐसे लोगों का श्रमिकों की श्रेणी में पंजीकरण करना अपने आप में गंभीर धोखाधड़ी है। उन्होंने कहा कि इन सभी आरोपियों के खिलाफ बढ़सर, हमीरपुर और भोरंज थानों में शिकायतें दर्ज करवा दी गई हैं। नरदेव सिंह कंवर ने पूर्ववर्ती भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वर्ष 2021-22 में चुनावी लाभ लेने के उद्देश्य से मात्र चार महीनों में 70 हजार से अधिक मजदूरों को रजिस्टर किया गया था। उन्होंने कहा कि हमें इन पंजीकरणों पर संदेह है, इसलिए अब बोर्ड द्वारा सभी रजिस्टर्ड श्रमिकों की ई-केवाईसी करवाई जा रही है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि किसी भी अपात्र व्यक्ति को इसका लाभ न मिले। बोर्ड की इस कार्रवाई से साफ है कि सरकार अब श्रमिक योजनाओं में भी पारदर्शिता लाने और फर्जी लाभार्थियों पर नकेल कसने के लिए सख्त कदम उठा रही है।हिमाचल प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में फर्जी तरीके से मजदूरों को मिलने वाले लाभ लेने के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। बोर्ड ने ऐसे 38 लोगों की पहचान की है, जो नियमों को ताक पर रखकर कल्याणकारी योजनाओं का लाभ ले रहे थे। इन सभी पर एफआईआर दर्ज कर दी गई है। राज्य सचिवालय शिमला में एक प्रेस वार्ता में बोर्ड के अध्यक्ष नरदेव सिंह कंवर ने बताया कि ई-केवाईसी अभियान के दौरान यह फर्जीवाड़ा सामने आया है। इन 38 लोगों में से 9 ने आवास और मातृत्व योजनाओं के तहत 9 लाख रुपये से अधिक की राशि का लाभ उठाया है, जबकि अन्य ने भी विभिन्न योजनाओं में आवेदन कर लाभ लिया। ये सभी लोग आर्थिक रूप से संपन्न हैं — इनमें व्यापारी, सरकारी कर्मचारी और शिक्षक तक शामिल हैं। ऐसे लोगों का श्रमिकों की श्रेणी में पंजीकरण करना अपने आप में गंभीर धोखाधड़ी है। उन्होंने कहा कि इन सभी आरोपियों के खिलाफ बढ़सर, हमीरपुर और भोरंज थानों में शिकायतें दर्ज करवा दी गई हैं। नरदेव सिंह कंवर ने पूर्ववर्ती भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वर्ष 2021-22 में चुनावी लाभ लेने के उद्देश्य से मात्र चार महीनों में 70 हजार से अधिक मजदूरों को रजिस्टर किया गया था। उन्होंने कहा कि हमें इन पंजीकरणों पर संदेह है, इसलिए अब बोर्ड द्वारा सभी रजिस्टर्ड श्रमिकों की ई-केवाईसी करवाई जा रही है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि किसी भी अपात्र व्यक्ति को इसका लाभ न मिले। बोर्ड की इस कार्रवाई से साफ है कि सरकार अब श्रमिक योजनाओं में भी पारदर्शिता लाने और फर्जी लाभार्थियों पर नकेल कसने के लिए सख्त कदम उठा रही है।
शिमला , 23 जुलाई [ विशाल सूद ] ! हिमाचल प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में फर्जी तरीके से मजदूरों को मिलने वाले लाभ लेने के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। बोर्ड ने ऐसे 38 लोगों की पहचान की है, जो नियमों को ताक पर रखकर कल्याणकारी योजनाओं का लाभ ले रहे थे। इन सभी पर एफआईआर दर्ज कर दी गई है।
राज्य सचिवालय शिमला में एक प्रेस वार्ता में बोर्ड के अध्यक्ष नरदेव सिंह कंवर ने बताया कि* ई-केवाईसी अभियान के दौरान यह फर्जीवाड़ा सामने आया है। इन 38 लोगों में से 9 ने आवास और मातृत्व योजनाओं के तहत 9 लाख रुपये से अधिक की राशि का लाभ उठाया है, जबकि अन्य ने भी विभिन्न योजनाओं में आवेदन कर लाभ लिया।
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ये सभी लोग आर्थिक रूप से संपन्न हैं — इनमें व्यापारी, सरकारी कर्मचारी और शिक्षक तक शामिल हैं। ऐसे लोगों का श्रमिकों की श्रेणी में पंजीकरण करना अपने आप में गंभीर धोखाधड़ी है।
उन्होंने कहा कि इन सभी आरोपियों के खिलाफ बढ़सर, हमीरपुर और भोरंज थानों में शिकायतें दर्ज करवा दी गई हैं। नरदेव सिंह कंवर ने पूर्ववर्ती भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वर्ष 2021-22 में चुनावी लाभ लेने के उद्देश्य से मात्र चार महीनों में 70 हजार से अधिक मजदूरों को रजिस्टर किया गया था।
उन्होंने कहा कि हमें इन पंजीकरणों पर संदेह है, इसलिए अब बोर्ड द्वारा सभी रजिस्टर्ड श्रमिकों की ई-केवाईसी करवाई जा रही है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि किसी भी अपात्र व्यक्ति को इसका लाभ न मिले।
बोर्ड की इस कार्रवाई से साफ है कि सरकार अब श्रमिक योजनाओं में भी पारदर्शिता लाने और फर्जी लाभार्थियों पर नकेल कसने के लिए सख्त कदम उठा रही है।हिमाचल प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में फर्जी तरीके से मजदूरों को मिलने वाले लाभ लेने के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। बोर्ड ने ऐसे 38 लोगों की पहचान की है, जो नियमों को ताक पर रखकर कल्याणकारी योजनाओं का लाभ ले रहे थे। इन सभी पर एफआईआर दर्ज कर दी गई है।
राज्य सचिवालय शिमला में एक प्रेस वार्ता में बोर्ड के अध्यक्ष नरदेव सिंह कंवर ने बताया कि ई-केवाईसी अभियान के दौरान यह फर्जीवाड़ा सामने आया है। इन 38 लोगों में से 9 ने आवास और मातृत्व योजनाओं के तहत 9 लाख रुपये से अधिक की राशि का लाभ उठाया है, जबकि अन्य ने भी विभिन्न योजनाओं में आवेदन कर लाभ लिया।
ये सभी लोग आर्थिक रूप से संपन्न हैं — इनमें व्यापारी, सरकारी कर्मचारी और शिक्षक तक शामिल हैं। ऐसे लोगों का श्रमिकों की श्रेणी में पंजीकरण करना अपने आप में गंभीर धोखाधड़ी है।
उन्होंने कहा कि इन सभी आरोपियों के खिलाफ बढ़सर, हमीरपुर और भोरंज थानों में शिकायतें दर्ज करवा दी गई हैं। नरदेव सिंह कंवर ने पूर्ववर्ती भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वर्ष 2021-22 में चुनावी लाभ लेने के उद्देश्य से मात्र चार महीनों में 70 हजार से अधिक मजदूरों को रजिस्टर किया गया था।
उन्होंने कहा कि हमें इन पंजीकरणों पर संदेह है, इसलिए अब बोर्ड द्वारा सभी रजिस्टर्ड श्रमिकों की ई-केवाईसी करवाई जा रही है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि किसी भी अपात्र व्यक्ति को इसका लाभ न मिले। बोर्ड की इस कार्रवाई से साफ है कि सरकार अब श्रमिक योजनाओं में भी पारदर्शिता लाने और फर्जी लाभार्थियों पर नकेल कसने के लिए सख्त कदम उठा रही है।
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