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चम्बा , 23 जुलाई [ शिवानी ] ! मैं डॉ. जनक राज, भरमौर विधानसभा क्षेत्र के विधायक, आज भरमौर क्षेत्र के एक स्कूल के मासूम बच्चों द्वारा हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार के खिलाफ किए गए प्रदर्शन पर गहरा दुख और चिंता व्यक्त करता हूं। ये बच्चे, जो भविष्य के भारत का निर्माण करने वाले हैं, आज शिक्षकों की कमी के कारण सड़कों पर उतर आए हैं। फोटोज में स्पष्ट दिख रहा है कि स्कूली छात्राएं प्लेकार्ड्स लेकर सरकार से शिक्षकों की नियुक्ति की मांग कर रही हैं। यह दृश्य हिमाचल की कांग्रेस सरकार की शिक्षा के प्रति उदासीनता और लापरवाही का जीवंत प्रमाण है।भरमौर जैसे दूरदराज और आदिवासी बहुल क्षेत्र में शिक्षा की स्थिति पहले से ही चुनौतीपूर्ण है। मैंने विधायक के रूप में बार-बार विधानसभा में यह मुद्दा उठाया है और भरमौर में स्कूलों के लिए बेहतर सुविधाओं, शिक्षकों की भर्ती और बुनियादी ढांचे की मांग की है। लेकिन कांग्रेस सरकार की प्राथमिकताएं स्पष्ट हैं – वे राजनीतिक लाभ के लिए व्यस्त हैं, जबकि हमारे बच्चे बिना शिक्षकों के पढ़ाई से वंचित हो रहे हैं। कोविड महामारी के बाद शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के बजाय, सरकार ने स्कूलों को अनदेखा किया है, जिसका खामियाजा हमारे ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चे भुगत रहे हैं।आए दिन किसी ना किसी स्कूल से शिक्षक न होने की खबरें आती रहती है। यह प्रदर्शन एक चेतावनी है। अगर सरकार तुरंत कार्रवाई नहीं करती – शिक्षकों की भर्ती, स्कूलों में स्टाफ की पूर्ति और शिक्षा बजट का सही उपयोग – तो यह आंदोलन और बड़ा रूप ले सकता है। मैं भाजपा की ओर से मांग करता हूं कि मुख्यमंत्री तुरंत इस मुद्दे पर हस्तक्षेप करें और भरमौर सहित पूरे हिमाचल में शिक्षा की स्थिति सुधारें। हमारा लक्ष्य है कि हर बच्चा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करे, ताकि वे राष्ट्र के अच्छे नागरिक बन सकें। मैं इन बच्चों के साथ हूं और उनके संघर्ष में उनका साथ दूंगा। सरकार को याद दिलाता हूं कि राष्ट्रवाद और विकास शिक्षा से ही शुरू होता है। जय हिंद।
चम्बा , 23 जुलाई [ शिवानी ] ! मैं डॉ. जनक राज, भरमौर विधानसभा क्षेत्र के विधायक, आज भरमौर क्षेत्र के एक स्कूल के मासूम बच्चों द्वारा हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार के खिलाफ किए गए प्रदर्शन पर गहरा दुख और चिंता व्यक्त करता हूं।
ये बच्चे, जो भविष्य के भारत का निर्माण करने वाले हैं, आज शिक्षकों की कमी के कारण सड़कों पर उतर आए हैं। फोटोज में स्पष्ट दिख रहा है कि स्कूली छात्राएं प्लेकार्ड्स लेकर सरकार से शिक्षकों की नियुक्ति की मांग कर रही हैं।
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यह दृश्य हिमाचल की कांग्रेस सरकार की शिक्षा के प्रति उदासीनता और लापरवाही का जीवंत प्रमाण है।भरमौर जैसे दूरदराज और आदिवासी बहुल क्षेत्र में शिक्षा की स्थिति पहले से ही चुनौतीपूर्ण है। मैंने विधायक के रूप में बार-बार विधानसभा में यह मुद्दा उठाया है और भरमौर में स्कूलों के लिए बेहतर सुविधाओं, शिक्षकों की भर्ती और बुनियादी ढांचे की मांग की है।
लेकिन कांग्रेस सरकार की प्राथमिकताएं स्पष्ट हैं – वे राजनीतिक लाभ के लिए व्यस्त हैं, जबकि हमारे बच्चे बिना शिक्षकों के पढ़ाई से वंचित हो रहे हैं। कोविड महामारी के बाद शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के बजाय, सरकार ने स्कूलों को अनदेखा किया है, जिसका खामियाजा हमारे ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चे भुगत रहे हैं।आए दिन किसी ना किसी स्कूल से शिक्षक न होने की खबरें आती रहती है।
यह प्रदर्शन एक चेतावनी है। अगर सरकार तुरंत कार्रवाई नहीं करती – शिक्षकों की भर्ती, स्कूलों में स्टाफ की पूर्ति और शिक्षा बजट का सही उपयोग – तो यह आंदोलन और बड़ा रूप ले सकता है। मैं भाजपा की ओर से मांग करता हूं कि मुख्यमंत्री तुरंत इस मुद्दे पर हस्तक्षेप करें और भरमौर सहित पूरे हिमाचल में शिक्षा की स्थिति सुधारें। हमारा लक्ष्य है कि हर बच्चा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करे, ताकि वे राष्ट्र के अच्छे नागरिक बन सकें।
मैं इन बच्चों के साथ हूं और उनके संघर्ष में उनका साथ दूंगा। सरकार को याद दिलाता हूं कि राष्ट्रवाद और विकास शिक्षा से ही शुरू होता है। जय हिंद।
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