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शिमला , 10 फरवरी [ विशाल सूद ] ! हिमाचल प्रदेश के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने शिमला में एक बयान में कहा कि यूपीएस को लेकर सरकार विचार करेगी। उन्होंने बताया कि जब राज्य सरकार ने ओपीएस लागू की थी, उस समय यूपीएस अस्तित्व में नहीं था। इसे केंद्र सरकार ने हाल ही के बजट में लागू किया है। अब सरकार इस योजना पर चर्चा करेगी और इसके लाभ-हानि का विश्लेषण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस विषय को कैबिनेट बैठक में रखा जाएगा और मुख्यमंत्री से चर्चा के बाद निर्णय लिया जाएगा। राज्य सरकार का मुख्य उद्देश्य प्रदेश के कर्मचारियों के हितों की रक्षा करना है। सरकार यह आकलन करेगी कि ओपीएस अधिक लाभदायक है या यूपीएस, और वित्तीय भार को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिया जाएगा। मंत्री ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार के पास हिमाचल प्रदेश के कर्मचारियों के 9,000 करोड़ रुपये जमा हैं, जिसे प्रदेश सरकार को वापस मिलना चाहिए। उन्होंने केंद्र सरकार से अनुरोध किया कि इस विषय को राजनीतिक मुद्दा न बनाया जाए और प्रदेश के अधिकारों को सुरक्षित रखा जाए। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश एक पर्वतीय राज्य है और विकास के लिए केंद्र सरकार का सहयोग आवश्यक है। सरकार राज्य के पर्यटन, स्वास्थ्य सेवाओं, रक्षा और बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए केंद्र के साथ समन्वय बनाए रखने का प्रयास कर रही है। उन्होंने उम्मीद जताई कि केंद्र सरकार हिमाचल के साथ भेदभाव नहीं करेगी और राज्य के आर्थिक हितों को सुरक्षित रखने में मदद करेगी।
शिमला , 10 फरवरी [ विशाल सूद ] ! हिमाचल प्रदेश के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने शिमला में एक बयान में कहा कि यूपीएस को लेकर सरकार विचार करेगी। उन्होंने बताया कि जब राज्य सरकार ने ओपीएस लागू की थी, उस समय यूपीएस अस्तित्व में नहीं था। इसे केंद्र सरकार ने हाल ही के बजट में लागू किया है। अब सरकार इस योजना पर चर्चा करेगी और इसके लाभ-हानि का विश्लेषण किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इस विषय को कैबिनेट बैठक में रखा जाएगा और मुख्यमंत्री से चर्चा के बाद निर्णय लिया जाएगा। राज्य सरकार का मुख्य उद्देश्य प्रदेश के कर्मचारियों के हितों की रक्षा करना है। सरकार यह आकलन करेगी कि ओपीएस अधिक लाभदायक है या यूपीएस, और वित्तीय भार को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिया जाएगा।
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मंत्री ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार के पास हिमाचल प्रदेश के कर्मचारियों के 9,000 करोड़ रुपये जमा हैं, जिसे प्रदेश सरकार को वापस मिलना चाहिए। उन्होंने केंद्र सरकार से अनुरोध किया कि इस विषय को राजनीतिक मुद्दा न बनाया जाए और प्रदेश के अधिकारों को सुरक्षित रखा जाए।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश एक पर्वतीय राज्य है और विकास के लिए केंद्र सरकार का सहयोग आवश्यक है। सरकार राज्य के पर्यटन, स्वास्थ्य सेवाओं, रक्षा और बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए केंद्र के साथ समन्वय बनाए रखने का प्रयास कर रही है। उन्होंने उम्मीद जताई कि केंद्र सरकार हिमाचल के साथ भेदभाव नहीं करेगी और राज्य के आर्थिक हितों को सुरक्षित रखने में मदद करेगी।
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