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शिमला , 24 मई [ विशाल सूद ] ! हिमाचल प्रदेश के जनजातीय क्षेत्र पांगी में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी से लोग परेशान है। अस्पताल में जहां डॉक्टर नहीं है वही अल्ट्रासाउंड की सुविधा न होने से लोगों को कल्लू और जम्मू जाना पड़ रहा है वही विधायक डॉ जनकराज ने सरकार पर पांगी के साथ सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए है और मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखने को लेकर हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और याचिका दर्ज कर मूलभूत सुविधाएं मुहैय्या करवाने की गुहार लगाई है। शिमला में शनिवार को पत्रकार वार्ता कर भाजपा विधायक डॉक्टर जनक राज ने कहा कि बीते एक सप्ताह से वे पांगी प्रवास पर थे । पांगी में स्वास्थ्य सुविधाएं पूरी तरह से चरमराई हुई है वहां पर विकास नाम की कोई चीज नहीं है सरकार की ओर से कोई भी कार्य वहां पर नहीं किया जा रहे हैं इस बार हिमाचल दिवस केवल शिष्टाचार के तौर पर पांगी में आयोजित किया गया जो भी मुख्यमंत्री ने वहां पर घोषणा की गई उनमें से कोई भी पूरी नहीं की गई लोगो की समस्याए का समाधान भी नही हुआ। पांगी में स्वास्थ्य सुविधाओं की हालत काफी खराब है । अस्पतालो में अल्ट्रासाउंड की सुविधा नहीं है जिसके चलते लोगों को या तो जम्मू जाना पड़ता है या कुल्लू आना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने कुछ दिन पहले ही पांगी में मिनी सचिवालय का उद्घाटन किया और उसके बाद मिनी सचिवालय वैसा के वैसा बंद पड़ा हुआ है। 15 अप्रैल को मुख्यमंत्री ने औपचारिकता निभाने के लिए पांगी पहुंचे थे। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके विधानसभा क्षेत्र को सरकार अनदेखा कर रही है। मुख्यमंत्री द्वारा वहां पर महिलाओं को 1500 देने की घोषणा की गई लेकिन यह सब्सिडी के पैसे को डायवर्ट किया गया जबकि यह पैसा गरीब लोगों के घरों के लिए स्वीकृत हुआ था। उन्होंने कहा कि अभी तक पांगी क्षेत्र में विकास के नाम पर औपचारिकता ही होती आई है।पांगी में मोबाइल नेटवर्क की काफी दिक्कतें आ रही है बिजली भी कई गांवों तक नहीं पहुंची है यही नहीं पानी भी गन्दा लोगों को पिलाया जा रहा है । नालो से सीधे पाइप लगाई गई है ओर बिना फिल्टर के पानी लोगों के घरों में जा रहा है ।जिससे लोगो के बीमार होने का खतरा बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि पांगी के कुमार पंचायत में सर्दियों में हिम्सनखलन के चलते कई घरों को नुकसान हुआ और अभी तक प्रभावित परिवारों को कोई भी मदद नहीं दी गई है इतना समय बीत जाने के बाद भी प्रभावितों को कोई भी राहत नहीं मिल पाई है अभी तक ना तो तहसीलदार एसडीएम वहां पर मौके पर पहुंचा है। इसके अलावा पांगी के क्षेत्र में स्कूलों के हालत खस्ता है स्कूलों में शिक्षक नहीं है ओर जो बस किलाड़ से चम्बा के लिए लगाई गई है उसे कुल्लू में बदला जा रहा है और वहां पर से लोगों को खड़े-खड़े ही चम्बा जाना पड़ता है इसको लेकर कई बार सरकार के समक्ष मामला उठाया गया।विधानसभा में भी कई बार उठाया लेकिन कोई समाधान नही हुआ है। जिसको देखते हुए हाई कोर्ट में इसको लेकर याचिका दायर की गई है ताकि पानी के लोगों को उनका मौलिक अधिकारों से वंचित न होना पड़े।
शिमला , 24 मई [ विशाल सूद ] ! हिमाचल प्रदेश के जनजातीय क्षेत्र पांगी में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी से लोग परेशान है। अस्पताल में जहां डॉक्टर नहीं है वही अल्ट्रासाउंड की सुविधा न होने से लोगों को कल्लू और जम्मू जाना पड़ रहा है वही विधायक डॉ जनकराज ने सरकार पर पांगी के साथ सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए है और मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखने को लेकर हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और याचिका दर्ज कर मूलभूत सुविधाएं मुहैय्या करवाने की गुहार लगाई है।
शिमला में शनिवार को पत्रकार वार्ता कर भाजपा विधायक डॉक्टर जनक राज ने कहा कि बीते एक सप्ताह से वे पांगी प्रवास पर थे । पांगी में स्वास्थ्य सुविधाएं पूरी तरह से चरमराई हुई है वहां पर विकास नाम की कोई चीज नहीं है सरकार की ओर से कोई भी कार्य वहां पर नहीं किया जा रहे हैं इस बार हिमाचल दिवस केवल शिष्टाचार के तौर पर पांगी में आयोजित किया गया जो भी मुख्यमंत्री ने वहां पर घोषणा की गई उनमें से कोई भी पूरी नहीं की गई लोगो की समस्याए का समाधान भी नही हुआ।
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पांगी में स्वास्थ्य सुविधाओं की हालत काफी खराब है । अस्पतालो में अल्ट्रासाउंड की सुविधा नहीं है जिसके चलते लोगों को या तो जम्मू जाना पड़ता है या कुल्लू आना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने कुछ दिन पहले ही पांगी में मिनी सचिवालय का उद्घाटन किया और उसके बाद मिनी सचिवालय वैसा के वैसा बंद पड़ा हुआ है। 15 अप्रैल को मुख्यमंत्री ने औपचारिकता निभाने के लिए पांगी पहुंचे थे। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके विधानसभा क्षेत्र को सरकार अनदेखा कर रही है।
मुख्यमंत्री द्वारा वहां पर महिलाओं को 1500 देने की घोषणा की गई लेकिन यह सब्सिडी के पैसे को डायवर्ट किया गया जबकि यह पैसा गरीब लोगों के घरों के लिए स्वीकृत हुआ था। उन्होंने कहा कि अभी तक पांगी क्षेत्र में विकास के नाम पर औपचारिकता ही होती आई है।पांगी में मोबाइल नेटवर्क की काफी दिक्कतें आ रही है बिजली भी कई गांवों तक नहीं पहुंची है यही नहीं पानी भी गन्दा लोगों को पिलाया जा रहा है । नालो से सीधे पाइप लगाई गई है ओर बिना फिल्टर के पानी लोगों के घरों में जा रहा है ।जिससे लोगो के बीमार होने का खतरा बढ़ गया है।
उन्होंने कहा कि पांगी के कुमार पंचायत में सर्दियों में हिम्सनखलन के चलते कई घरों को नुकसान हुआ और अभी तक प्रभावित परिवारों को कोई भी मदद नहीं दी गई है इतना समय बीत जाने के बाद भी प्रभावितों को कोई भी राहत नहीं मिल पाई है अभी तक ना तो तहसीलदार एसडीएम वहां पर मौके पर पहुंचा है।
इसके अलावा पांगी के क्षेत्र में स्कूलों के हालत खस्ता है स्कूलों में शिक्षक नहीं है ओर जो बस किलाड़ से चम्बा के लिए लगाई गई है उसे कुल्लू में बदला जा रहा है और वहां पर से लोगों को खड़े-खड़े ही चम्बा जाना पड़ता है इसको लेकर कई बार सरकार के समक्ष मामला उठाया गया।विधानसभा में भी कई बार उठाया लेकिन कोई समाधान नही हुआ है। जिसको देखते हुए हाई कोर्ट में इसको लेकर याचिका दायर की गई है ताकि पानी के लोगों को उनका मौलिक अधिकारों से वंचित न होना पड़े।
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