बिगड़ती कानून व्यवस्था के लिए पूरी तरह से हिमाचल प्रदेश की वर्तमान कांग्रेस सरकार जिम्मेवार : बिंदल
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शिमला, 24 मई [ विशाल सूद ] ! भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल ने सरकार और पुलिस के अंतर्द्वंद का मामला उठते हुए कहा हिमाचल प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था के लिए पूरी तरह से हिमाचल प्रदेश की वर्तमान कांग्रेस सरकार जिम्मेवार है। यह बात एसपी शिमला द्वारा की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस से पूरी तरह से साबित होती है। बिंदल ने कहा कि एसपी शिमला ने डीजीपी पर अनेक प्रकार के प्रश्न खड़े किए। अन्य अधिकारियों के ऊपर जैसे चीफ सेक्रेटरी, पूर्व डीजीपी ,अन्य इंक्वायरीज पर, एफिडेविट्स पर और एक मामले में नहीं, अनेक मामले में उन्होंने गंभीर प्रश्न खड़े किए हैं। एसपी ने विमल नेगी जी के रहस्यमई मृत्यु पर अनेक इंक्वायरी से जुड़े हुए प्रश्न खड़े किए और इसके विपरीत जो पुलिस के महानिदेशक हैं उन्होंने सुपरिडेंट ऑफ पुलिस के खिलाफ अनेक प्रकार की बातें रखी हैं। बिंदल ने कहा कि हिमाचल की जनता परेशान है, जनता जानना चाहती है कि ये सरकार में हो क्या रहा है? चिट्टा माफिया सर चढ़कर के बोल रहा है जिसका खुलासा पुलिस के अधिकारी ने किया है। एसपी आरोप लगा रहे हैं कि सर्वोच्च पुलिस अधिकारी के कार्यालय के अंदर इस प्रकार के लोग हैं जो नशे को बढ़ावा दे रहे है। प्रदेश के अंदर हत्याएं, खून, बलात्कार ये सारा कुछ खुल कर चला हुआ है। जगह-जगह गोलीबारी हो रही है। बिंदल ने कहा कि पुलिस आपस में जिस तरह से लड़ रही है जैसे क्रॉस बॉर्डर फायरिंग हो रही है। हिमाचल की जनता जानना चाहती है कि इस सारे मामले में सरकार कहां खड़ी है। क्या सुपिडेंट ऑफ पुलिस की प्रेस कॉन्फ्रेंस माननीय मुख्यमंत्री जी के आदेश पर हुई है या उनसे पूछकर हुई है या उनसे सलाह लेकर हुई है? डीजीपी साहब जो सारी बात कह रहे हैं वो माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा,जानी या समझी गई है? क्या सरकार एवं अधिकारियों की आपसी लड़ाई जनता की सुरक्षा से ऊपर है ? क्या अधिकारियों की आपसी लड़ाई में हिमाचल प्रदेश की जनता पिस रही है ? इसके लिए जिम्मेवार और कोई नहीं है ? बिंदल में कहा कि वर्तमान स्थिति के लिए जिम्मेवार केवल और केवल वर्तमान कांग्रेस की सरकार, माननीय मुख्यमंत्री जी और इनके मंत्रीगण हैं, जो पूरी तरह से मूकदर्शक बने हैं। वास्तव में मुख्यमंत्री मुखदर्शक नहीं है। जिस तरह से विमल नेगी की हत्या का मामला उसको और किस तरह से और छुपाने का प्रयास किया गया और माननीय उच्च न्यायालय ने जब उसके अंदर सीबीआई की इंक्वायरी दी है तो अब बहुत सारी चीजें और निकल रही हैं। सरकार कह रही है, सरकार के प्रवक्ता कह रहे हैं, हम इसके अंदर अपील फाइल नहीं करेंगे। परंतु पीआईएल फाइल हो रही है। वो पीआईएल क्यों फाइल हो रही है? कहां से फाइल हो रही है? और उसके अंदर और एडिशनल सब्सटेंसेस फाइल करने के लिए पुलिस विभाग कह रहा है। यह केवल एक मामला नहीं पूरे प्रदेश की स्थिति खराब है। आज की प्रेस कॉन्फ्रेंस के अंदर समोसे की इंक्वायरी का मामला सामने आता है। अनेक मामले सामने आते हैं। यह चीज बहुत खतरनाक है। शायद किसी भी सरकार में मुख्यमंत्री की नाक के नीचे, होम मिनिस्टर की नाक के नीचे इस प्रकार की घटना कभी हुई होगी और ना भूतो ना भविष्यतिथी। इस स्थिति के अंदर सरकार को और चिंतन करने की आवश्यकता है। क्या वह और गद्दी पर रहने की स्थिति में है या नहीं? माननीय मुख्यमंत्री जी जो होम मिनिस्टर हैं उनका विभाग आपस में गुथमग्थ करके लड़ रहा है। और जनता त्रस्त है। उसके ऊपर वह मुखदर्शक है। यह कब तक चलेगा? कब तक हिमाचल की जनता पीसती रहेगी? यह सवाल आज स्पष्ट रूप से दिखाई देता है और विमल नेगी जी की रहस्यमई मृत्यु उसको और उलझाने की आवश्यकता नहीं है और प्रदेश की जनता और माननीय उच्च न्यायालय ने जो निर्णय दिया है उसको अक्षरश पालन करने की आवश्यकता है। उनके साक्ष्यों को मिटाकर गड़बड़ करके करना यह सर्वथा और जनहित के परे है।
शिमला, 24 मई [ विशाल सूद ] ! भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल ने सरकार और पुलिस के अंतर्द्वंद का मामला उठते हुए कहा हिमाचल प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था के लिए पूरी तरह से हिमाचल प्रदेश की वर्तमान कांग्रेस सरकार जिम्मेवार है। यह बात एसपी शिमला द्वारा की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस से पूरी तरह से साबित होती है।
बिंदल ने कहा कि एसपी शिमला ने डीजीपी पर अनेक प्रकार के प्रश्न खड़े किए। अन्य अधिकारियों के ऊपर जैसे चीफ सेक्रेटरी, पूर्व डीजीपी ,अन्य इंक्वायरीज पर, एफिडेविट्स पर और एक मामले में नहीं, अनेक मामले में उन्होंने गंभीर प्रश्न खड़े किए हैं।
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एसपी ने विमल नेगी जी के रहस्यमई मृत्यु पर अनेक इंक्वायरी से जुड़े हुए प्रश्न खड़े किए और इसके विपरीत जो पुलिस के महानिदेशक हैं उन्होंने सुपरिडेंट ऑफ पुलिस के खिलाफ अनेक प्रकार की बातें रखी हैं।
बिंदल ने कहा कि हिमाचल की जनता परेशान है, जनता जानना चाहती है कि ये सरकार में हो क्या रहा है? चिट्टा माफिया सर चढ़कर के बोल रहा है जिसका खुलासा पुलिस के अधिकारी ने किया है। एसपी आरोप लगा रहे हैं कि सर्वोच्च पुलिस अधिकारी के कार्यालय के अंदर इस प्रकार के लोग हैं जो नशे को बढ़ावा दे रहे है। प्रदेश के अंदर हत्याएं, खून, बलात्कार ये सारा कुछ खुल कर चला हुआ है। जगह-जगह गोलीबारी हो रही है।
बिंदल ने कहा कि पुलिस आपस में जिस तरह से लड़ रही है जैसे क्रॉस बॉर्डर फायरिंग हो रही है। हिमाचल की जनता जानना चाहती है कि इस सारे मामले में सरकार कहां खड़ी है।
क्या सुपिडेंट ऑफ पुलिस की प्रेस कॉन्फ्रेंस माननीय मुख्यमंत्री जी के आदेश पर हुई है या उनसे पूछकर हुई है या उनसे सलाह लेकर हुई है?
डीजीपी साहब जो सारी बात कह रहे हैं वो माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा,जानी या समझी गई है?
क्या सरकार एवं अधिकारियों की आपसी लड़ाई जनता की सुरक्षा से ऊपर है ?
क्या अधिकारियों की आपसी लड़ाई में हिमाचल प्रदेश की जनता पिस रही है ? इसके लिए जिम्मेवार और कोई नहीं है ?
बिंदल में कहा कि वर्तमान स्थिति के लिए जिम्मेवार केवल और केवल वर्तमान कांग्रेस की सरकार, माननीय मुख्यमंत्री जी और इनके मंत्रीगण हैं, जो पूरी तरह से मूकदर्शक बने हैं। वास्तव में मुख्यमंत्री मुखदर्शक नहीं है। जिस तरह से विमल नेगी की हत्या का मामला उसको और किस तरह से और छुपाने का प्रयास किया गया और माननीय उच्च न्यायालय ने जब उसके अंदर सीबीआई की इंक्वायरी दी है तो अब बहुत सारी चीजें और निकल रही हैं।
सरकार कह रही है, सरकार के प्रवक्ता कह रहे हैं, हम इसके अंदर अपील फाइल नहीं करेंगे। परंतु पीआईएल फाइल हो रही है। वो पीआईएल क्यों फाइल हो रही है? कहां से फाइल हो रही है? और उसके अंदर और एडिशनल सब्सटेंसेस फाइल करने के लिए पुलिस विभाग कह रहा है। यह केवल एक मामला नहीं पूरे प्रदेश की स्थिति खराब है।
आज की प्रेस कॉन्फ्रेंस के अंदर समोसे की इंक्वायरी का मामला सामने आता है। अनेक मामले सामने आते हैं। यह चीज बहुत खतरनाक है। शायद किसी भी सरकार में मुख्यमंत्री की नाक के नीचे, होम मिनिस्टर की नाक के नीचे इस प्रकार की घटना कभी हुई होगी और ना भूतो ना भविष्यतिथी। इस स्थिति के अंदर सरकार को और चिंतन करने की आवश्यकता है। क्या वह और गद्दी पर रहने की स्थिति में है या नहीं?
माननीय मुख्यमंत्री जी जो होम मिनिस्टर हैं उनका विभाग आपस में गुथमग्थ करके लड़ रहा है। और जनता त्रस्त है। उसके ऊपर वह मुखदर्शक है। यह कब तक चलेगा? कब तक हिमाचल की जनता पीसती रहेगी? यह सवाल आज स्पष्ट रूप से दिखाई देता है और विमल नेगी जी की रहस्यमई मृत्यु उसको और उलझाने की आवश्यकता नहीं है और प्रदेश की जनता और माननीय उच्च न्यायालय ने जो निर्णय दिया है उसको अक्षरश पालन करने की आवश्यकता है। उनके साक्ष्यों को मिटाकर गड़बड़ करके करना यह सर्वथा और जनहित के परे है।
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