


जहां से 11 लोग लापता हुए वहां नहीं मिली फौरी राहत : जयराम ठाकुर* *दुनिया की सबसे खूबसूरत जगह लगने वाली जगह के दृश्य अब दिल दहलाते हैं* *आपदा राहत के कामों में बहुत तेजी लाने की जरूरत*
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मंडी , 08 जुलाई [ विशाल सूद ] : नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर आज सराज विधानसभा क्षेत्र के पखरेर पंचायत के देजी गांव पहुंचे। आपदा की शुरुआत यहीं से हुई थी। यहां से 11 लोग लापता है और अभी तक किसी को भी खोजा नहीं जा सका है। आपदा की वजह से इस जगह की सिर्फ मुख्य सड़के ही नहीं नष्ट हुई हैं बल्कि पैदल चलने वाले रास्ते भी पूरी तरीके से तबाह हो गए हैं। पैदल चलने के लिए भी यह रास्ते सुरक्षित नहीं है। इन्हीं खतरनाक रास्तों से लगभग पांच किलोमीटर कठिन चढ़ाई वाले रास्तों से चलकर जयराम ठाकुर पखरेर पंचायतें के देजी गांव पहुंचे। वहां पहुंच कर उन्होंने आपदा प्रभावित लोगों से मिलकर उन्हें ढांढस बंधाया, अपनी संवेदनाएं व्यक्त की। जयराम ठाकुर ने कहा कि वहां की स्थिति बहुत भयानक है। एक ही गांव से 11 लोग लापता है उनका अभी तक कोई पता नहीं चला है। ज्यादातर मकान पूरी तरीके से क्षतिग्रस्त हैं। लोगों के सर ढकने की जगह भी नहीं बची है। यहां भी सिर्फ लोगों के घर ही नहीं बहें हैं बल्कि उनकी जमीन भी बह गई है। लोगों से मिलकर और इलाके का दृश्य देखकर मन बहुत विचलित हो जाता है। इस जगह की ऐसी हालत होने की कभी हमने कल्पना ही नहीं की थी। जब भी यहां आना हुआ एक अलग ही खुशहाली लोगों में देखने को मिलती थी लेकिन आज सब की आंखें नम है, सबके दिल बहुत भारी हैं। सिर्फ जिंदगी भर की कमाई ही नहीं लोगों को अपने प्रियजनों को खोना पड़ा है। लोगों की हालत देखकर सांत्वना के शब्द नहीं निकलते हैं। अपनों को खोने का दुःख बहुत भारी होता है। कुदरती खूबसूरती से भरी यह घाटी दुनिया की सबसे खूबसूरत जगहों में एक थी, लेकिन अब हर जगह सिर्फ तबाही के निशान ही दिखाई दे रहे हैं। यहां के दृश्य दिल दहलाने वाले हैं, मन को विचलित करने वाले हैं। जयराम ठाकुर ने कहा कि यहां आने पर मुझे पता चला कि अभी तक यहां पर प्रशासन के आला अधिकारी भी नहीं पहुंचे हैं। लोगों को आठ दिनों बाद भी फौरी राहत नहीं मिल पाई है। यह चीजें भी बताती हैं कि यह आपदा कितनी बड़ी है। राहत एवं बचाव और पुनर्वास तथा पुनर्स्थापन के कार्यों को किस लेवल पर करने की आवश्यकता है। यद्यपि रास्ते कठिन हैं लेकिन विपदा भी बहुत बड़ी है। इस समय हमें सामान्य परिस्थितियों के विपरीत काम करना है। ऐसे में जिस गांव में 11 लोग लापता हों वहां प्रशासन के आलाधिकारी और सरकार के नुमाइंदों के पहुंचने से लोगों को बल मिलता है। इसलिए इन कार्यों को जितनी जल्दी हो, किया जाना चाहिए। जयराम ठाकुर ने कहा कि आपदा में राहत बचाव कार्यों में बहुत सारे लोग लगे हुए हैं। सभी विभाग काम कर रहे हैं लेकिन आपदा का स्वरूप जितना बड़ा है। उससे यह साफ है कि वर्तमान में जिस स्तर पर काम हो रहे हैं उसे बहुत अधिक बढ़ने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि जैसे-जैसे हम आगे बढ़ रहे हैं वैसे-वैसे परिस्थिति का अंदाजा हो रहा है। यह तबाही हमारे अनुमानों से बहुत अधिक है। इसलिए हमें सारे कार्य युद्ध स्तर पर ही करने होंगे। आज सुबह जयराम ठाकुर थुनाग पहुंचे और अधिकारियों से मिल कर और प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे राहत एवं बचाव कार्यों का जायजा लिया। साथ ही अलग-अलग जगह पर चल रहे रास्तों को खोलने, बिजली और पेय जल योजनाएं बहाल करने के कार्यों की समीक्षा की और अधिकारियों को अपने इनपुट्स के आधार पर आवश्यक दिशा निर्देश दिए। इसके बाद उन्होंने बगस्याड़ थुनाग और अन्य स्थानों पर प्रभावित परिवारों से मिलकर उन्हें आपदा राहत सामग्री वितरित की।
मंडी , 08 जुलाई [ विशाल सूद ] : नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर आज सराज विधानसभा क्षेत्र के पखरेर पंचायत के देजी गांव पहुंचे। आपदा की शुरुआत यहीं से हुई थी। यहां से 11 लोग लापता है और अभी तक किसी को भी खोजा नहीं जा सका है। आपदा की वजह से इस जगह की सिर्फ मुख्य सड़के ही नहीं नष्ट हुई हैं बल्कि पैदल चलने वाले रास्ते भी पूरी तरीके से तबाह हो गए हैं। पैदल चलने के लिए भी यह रास्ते सुरक्षित नहीं है। इन्हीं खतरनाक रास्तों से लगभग पांच किलोमीटर कठिन चढ़ाई वाले रास्तों से चलकर जयराम ठाकुर पखरेर पंचायतें के देजी गांव पहुंचे। वहां पहुंच कर उन्होंने आपदा प्रभावित लोगों से मिलकर उन्हें ढांढस बंधाया, अपनी संवेदनाएं व्यक्त की।
जयराम ठाकुर ने कहा कि वहां की स्थिति बहुत भयानक है। एक ही गांव से 11 लोग लापता है उनका अभी तक कोई पता नहीं चला है। ज्यादातर मकान पूरी तरीके से क्षतिग्रस्त हैं। लोगों के सर ढकने की जगह भी नहीं बची है। यहां भी सिर्फ लोगों के घर ही नहीं बहें हैं बल्कि उनकी जमीन भी बह गई है। लोगों से मिलकर और इलाके का दृश्य देखकर मन बहुत विचलित हो जाता है।
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इस जगह की ऐसी हालत होने की कभी हमने कल्पना ही नहीं की थी। जब भी यहां आना हुआ एक अलग ही खुशहाली लोगों में देखने को मिलती थी लेकिन आज सब की आंखें नम है, सबके दिल बहुत भारी हैं। सिर्फ जिंदगी भर की कमाई ही नहीं लोगों को अपने प्रियजनों को खोना पड़ा है। लोगों की हालत देखकर सांत्वना के शब्द नहीं निकलते हैं। अपनों को खोने का दुःख बहुत भारी होता है। कुदरती खूबसूरती से भरी यह घाटी दुनिया की सबसे खूबसूरत जगहों में एक थी, लेकिन अब हर जगह सिर्फ तबाही के निशान ही दिखाई दे रहे हैं। यहां के दृश्य दिल दहलाने वाले हैं, मन को विचलित करने वाले हैं।
जयराम ठाकुर ने कहा कि यहां आने पर मुझे पता चला कि अभी तक यहां पर प्रशासन के आला अधिकारी भी नहीं पहुंचे हैं। लोगों को आठ दिनों बाद भी फौरी राहत नहीं मिल पाई है। यह चीजें भी बताती हैं कि यह आपदा कितनी बड़ी है। राहत एवं बचाव और पुनर्वास तथा पुनर्स्थापन के कार्यों को किस लेवल पर करने की आवश्यकता है। यद्यपि रास्ते कठिन हैं लेकिन विपदा भी बहुत बड़ी है। इस समय हमें सामान्य परिस्थितियों के विपरीत काम करना है। ऐसे में जिस गांव में 11 लोग लापता हों वहां प्रशासन के आलाधिकारी और सरकार के नुमाइंदों के पहुंचने से लोगों को बल मिलता है। इसलिए इन कार्यों को जितनी जल्दी हो, किया जाना चाहिए।
जयराम ठाकुर ने कहा कि आपदा में राहत बचाव कार्यों में बहुत सारे लोग लगे हुए हैं। सभी विभाग काम कर रहे हैं लेकिन आपदा का स्वरूप जितना बड़ा है। उससे यह साफ है कि वर्तमान में जिस स्तर पर काम हो रहे हैं उसे बहुत अधिक बढ़ने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि जैसे-जैसे हम आगे बढ़ रहे हैं वैसे-वैसे परिस्थिति का अंदाजा हो रहा है। यह तबाही हमारे अनुमानों से बहुत अधिक है। इसलिए हमें सारे कार्य युद्ध स्तर पर ही करने होंगे।
आज सुबह जयराम ठाकुर थुनाग पहुंचे और अधिकारियों से मिल कर और प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे राहत एवं बचाव कार्यों का जायजा लिया। साथ ही अलग-अलग जगह पर चल रहे रास्तों को खोलने, बिजली और पेय जल योजनाएं बहाल करने के कार्यों की समीक्षा की और अधिकारियों को अपने इनपुट्स के आधार पर आवश्यक दिशा निर्देश दिए। इसके बाद उन्होंने बगस्याड़ थुनाग और अन्य स्थानों पर प्रभावित परिवारों से मिलकर उन्हें आपदा राहत सामग्री वितरित की।
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