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शिमला ! सावन पूर्णिमा के पावन अवसर पर राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज राजभवन में पवित्र हवन यज्ञ किया और राज्य की शांति, सुरक्षा और प्राकृतिक आपदाओं से रक्षा की प्रार्थना की। इस दौरान हिमाचल प्रदेश और पड़ोसी राज्य उत्तराखंड में हाल ही में आई आपदाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए ईश्वरीय हस्तक्षेप की कामना करते हुए विशेष आहुतियाँ अर्पित की गईं। लेडी गवर्नर जानकी शुक्ला के साथ-साथ राजभवन के अधिकारियों और कर्मचारियों ने भी इस अवसर पर भक्ति और श्रद्धा के साथ अनुष्ठान में भाग लिया। राज्यपाल ने इस अवसर पर कहा कि हम हिमाचलवासी अपनी आस्था से गहराई से जुड़े हुए हैं और हमारा दृढ़विश्वास है कि इस तरह के आध्यात्मिक प्रयास देवभूमि हिमाचल प्रदेश को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने में मदद करेंगे। उन्होंने हाल के वर्षों में प्राकृतिक आपदाओं के कारण राज्य को हुए भारी नुकसान पर चिंता व्यक्त की। मंडी जिले के आपदा प्रभावित सराज क्षेत्र के अपने हाल ही में किए गए दौरे को याद करते हुए राज्यपाल ने जान-माल के व्यापक नुकसान का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि हवन के माध्यम से इन आपदाओं में दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना भी की गई। हवन यज्ञ के बाद, मैत्री संस्था की सदस्यों और राज्य रेडक्रॉस की महिलाओं ने राज्यपाल की कलाई पर राखी बाँधी और उनकी दीर्घायु एवं उत्तम स्वास्थ्य की कामना की। राज्यपाल ने कहा कि रक्षा सूत्र का कोमल धागा न केवल कलाई को बाँधता है, बल्कि हृदय और आत्मा को भी जोड़ता है। रक्षा बंधन के पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ देते हुए उन्होंने कहा कि यह पर्व स्नेह, विश्वास और परस्पर रक्षा का प्रतीक है। राज्यपाल के सचिव सी.पी. वर्मा भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
शिमला ! सावन पूर्णिमा के पावन अवसर पर राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज राजभवन में पवित्र हवन यज्ञ किया और राज्य की शांति, सुरक्षा और प्राकृतिक आपदाओं से रक्षा की प्रार्थना की। इस दौरान हिमाचल प्रदेश और पड़ोसी राज्य उत्तराखंड में हाल ही में आई आपदाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए ईश्वरीय हस्तक्षेप की कामना करते हुए विशेष आहुतियाँ अर्पित की गईं।
लेडी गवर्नर जानकी शुक्ला के साथ-साथ राजभवन के अधिकारियों और कर्मचारियों ने भी इस अवसर पर भक्ति और श्रद्धा के साथ अनुष्ठान में भाग लिया।
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राज्यपाल ने इस अवसर पर कहा कि हम हिमाचलवासी अपनी आस्था से गहराई से जुड़े हुए हैं और हमारा दृढ़विश्वास है कि इस तरह के आध्यात्मिक प्रयास देवभूमि हिमाचल प्रदेश को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने में मदद करेंगे। उन्होंने हाल के वर्षों में प्राकृतिक आपदाओं के कारण राज्य को हुए भारी नुकसान पर चिंता व्यक्त की। मंडी जिले के आपदा प्रभावित सराज क्षेत्र के अपने हाल ही में किए गए दौरे को याद करते हुए राज्यपाल ने जान-माल के व्यापक नुकसान का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि हवन के माध्यम से इन आपदाओं में दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना भी की गई।
हवन यज्ञ के बाद, मैत्री संस्था की सदस्यों और राज्य रेडक्रॉस की महिलाओं ने राज्यपाल की कलाई पर राखी बाँधी और उनकी दीर्घायु एवं उत्तम स्वास्थ्य की कामना की। राज्यपाल ने कहा कि रक्षा सूत्र का कोमल धागा न केवल कलाई को बाँधता है, बल्कि हृदय और आत्मा को भी जोड़ता है। रक्षा बंधन के पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ देते हुए उन्होंने कहा कि यह पर्व स्नेह, विश्वास और परस्पर रक्षा का प्रतीक है। राज्यपाल के सचिव सी.पी. वर्मा भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
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