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कुल्लू ! कुल्लू के राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में पहुंचे उपायुक्त आशुतोष गर्ग से मिलकर बच्चों का बढ़ा आत्मविश्वास. कुछ ने ली सेल्फी तो कुछ बच्चों ने राजनीति और प्रशासन से जुड़े सवाल उनसे पूछें. यह मौका था बच्चों की सरकार कैसी हो। अभियान के तहत हुए संवाद सत्र का, जिसमें देश-भर के हज़ार से भी ज्यादा बच्चे जुड़े. इन बच्चों में राजकीय विद्यालय काज़ा, कैंब्रिज विद्यालय कुल्लू, राजकीय विद्यालय टुटू, राजस्थान, गुजरात, असम से भी बच्चे सत्र में मौजूद थे.11 बजे हुए इस सवाल-जवाब सत्र में बच्चों ने पूछा-सवाल- कैंब्रिज विद्यालय कुल्लू, की प्रशिष्टि ठाकुर ने पूछा की प्रशासनिक अधिकारी वर्कलोड और राजनीतिक दबाव में कैसे संतुलन करते है । जवाब- जिसका जवाब देते हुए उप-आयुक्त आशुतोष गर्ग ने कहा की कार्यभार सभी व्यवसाय में होता, ऐसे में अपने मन को शांत रखने से संतुलन कायम किया जा सकता है. सवाल- राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय, कुल्लू की छात्रा दया ने आधुनिक भारत में कु-प्रथाओं के चलते हो रहे भेद-भाव पर सवाल खड़ा किया? जवाब- इस समस्या से अवगत होते हुए मुख्य अतिथि ने बच्चों को बताया की संविधान में भेदभाव के प्रति स्पष्ट मनाही है. ऐसे में की भी कु-प्रथा को संपत करने हेतु आपको आगे आना होना और उसके खिलाफ आवाज़ उठानी होगी और यही एक मात्र रास्ता है. आपकी मदद के लिए सरकार, न्याय, और हमारे जैसे अधिकारी हमेशा खड़े है. इसके साथ ही मुख्य अतिथि से जब प्रशासनिक अधिकारी पर राजनीतिक दबाव से क्या असर पड़ता है। सवाल पूछा गया तो उन्होंने जवाब देते हुए बताया की अगर अधिकारी कानून की पालना करता है और अपने कार्य के प्रति ईमानदार है तो राजनीतिक दबाव का उस पर कोई असर नहीं होता। डिजिटल बाल माल और एल.आई.सी द्वारा आयोजित बच्चों की सरकार कैसी हो। के तहत गुरुवार, 9 मई को संवाद सत्र आयोजित किया गया। इसमें बतौर मुख्य अतिथि कुल्लू उप-आयुक्त श्री आशुतोष गर्ग बच्चों के साथ जुड़े. उन्होंने बच्चों से “राजनीतिक ज़रूरतें और प्रशासनिक प्रतिबद्धता की चुनौतियां” विषय पर संवाद किया और बच्चों के सवालों के जवाब दिए। डिजिटल बाल मेला की फाउंडर जान्हवी शर्मा ने बताया कि इस संवाद सत्र में मुख्य अतिथि द्वारा राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय, कुल्लू की छात्रा दया को “सत्र का लीडर” चुना गया. शिक्षा विभाग, हिमाचल के तत्वाधान में आयोजित बच्चों की सरकार कैसी हो। अभियान के चलते 12, जून को शिमला, विधानसभा “बाल सत्र” का आयोजन किया जाएगा. इस विशेष सत्र में देश के 68 बच्चे हिस्सा बनेंगे, जो सरकार के सामने सुझाव और बाल मुद्दे उठाएंगे। इस सत्र का आयोजन हिमाचल विधानसभा में होगा. इसका मौका एच.पी विधानसभा स्पीकर श्री कुलदीप सिंह पठानिया ने दिया है,जिन्हें बच्चों की राजनीतिक जागरूकता के लिए शुरू किया गया यह अभियान बहुत पसंद आया. हिमाचल के मुख्यमंत्री श्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस अभियान को भावी पीढ़ी के राजनीतिक विकास के लिए अहम बताया है। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
कुल्लू ! कुल्लू के राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में पहुंचे उपायुक्त आशुतोष गर्ग से मिलकर बच्चों का बढ़ा आत्मविश्वास. कुछ ने ली सेल्फी तो कुछ बच्चों ने राजनीति और प्रशासन से जुड़े सवाल उनसे पूछें. यह मौका था बच्चों की सरकार कैसी हो। अभियान के तहत हुए संवाद सत्र का, जिसमें देश-भर के हज़ार से भी ज्यादा बच्चे जुड़े. इन बच्चों में राजकीय विद्यालय काज़ा, कैंब्रिज विद्यालय कुल्लू, राजकीय विद्यालय टुटू, राजस्थान, गुजरात, असम से भी बच्चे सत्र में मौजूद थे.11 बजे हुए इस सवाल-जवाब सत्र में बच्चों ने पूछा-सवाल- कैंब्रिज विद्यालय कुल्लू, की प्रशिष्टि ठाकुर ने पूछा की प्रशासनिक अधिकारी वर्कलोड और राजनीतिक दबाव में कैसे संतुलन करते है ।
जवाब- जिसका जवाब देते हुए उप-आयुक्त आशुतोष गर्ग ने कहा की कार्यभार सभी व्यवसाय में होता, ऐसे में अपने मन को शांत रखने से संतुलन कायम किया जा सकता है.
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जवाब- इस समस्या से अवगत होते हुए मुख्य अतिथि ने बच्चों को बताया की संविधान में भेदभाव के प्रति स्पष्ट मनाही है. ऐसे में की भी कु-प्रथा को संपत करने हेतु आपको आगे आना होना और उसके खिलाफ आवाज़ उठानी होगी और यही एक मात्र रास्ता है. आपकी मदद के लिए सरकार, न्याय, और हमारे जैसे अधिकारी हमेशा खड़े है.
इसके साथ ही मुख्य अतिथि से जब प्रशासनिक अधिकारी पर राजनीतिक दबाव से क्या असर पड़ता है। सवाल पूछा गया तो उन्होंने जवाब देते हुए बताया की अगर अधिकारी कानून की पालना करता है और अपने कार्य के प्रति ईमानदार है तो राजनीतिक दबाव का उस पर कोई असर नहीं होता।
डिजिटल बाल माल और एल.आई.सी द्वारा आयोजित बच्चों की सरकार कैसी हो। के तहत गुरुवार, 9 मई को संवाद सत्र आयोजित किया गया। इसमें बतौर मुख्य अतिथि कुल्लू उप-आयुक्त श्री आशुतोष गर्ग बच्चों के साथ जुड़े. उन्होंने बच्चों से “राजनीतिक ज़रूरतें और प्रशासनिक प्रतिबद्धता की चुनौतियां” विषय पर संवाद किया और बच्चों के सवालों के जवाब दिए। डिजिटल बाल मेला की फाउंडर जान्हवी शर्मा ने बताया कि इस संवाद सत्र में मुख्य अतिथि द्वारा राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय, कुल्लू की छात्रा दया को “सत्र का लीडर” चुना गया. शिक्षा विभाग, हिमाचल के तत्वाधान में आयोजित बच्चों की सरकार कैसी हो। अभियान के चलते 12, जून को शिमला, विधानसभा “बाल सत्र” का आयोजन किया जाएगा. इस विशेष सत्र में देश के 68 बच्चे हिस्सा बनेंगे, जो सरकार के सामने सुझाव और बाल मुद्दे उठाएंगे। इस सत्र का आयोजन हिमाचल विधानसभा में होगा. इसका मौका एच.पी विधानसभा स्पीकर श्री कुलदीप सिंह पठानिया ने दिया है,जिन्हें बच्चों की राजनीतिक जागरूकता के लिए शुरू किया गया यह अभियान बहुत पसंद आया. हिमाचल के मुख्यमंत्री श्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस अभियान को भावी पीढ़ी के राजनीतिक विकास के लिए अहम बताया है।
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