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लाहौल , 08 मई [ विशाल सूद ] ! वन प्रमुख हिमाचल प्रदेश समीर रस्तोगी का लाहौल वन मंडल द्वारा अटल टनल रोहतांग (उत्तर पोर्टल) पर गार्ड ऑफ ऑनर के साथ गरिमामय स्वागत किया गया। अपने दौरे के दौरान रस्तोगी ने गोशाल एवं तांडी ग्राम वन विकास समितियों के सदस्यों से संवाद कर समुदाय सहभागिता से संचालित योजनाओं की जानकारी प्राप्त की। बाद में उन्होंने लाहौल वन मंडल के वन मित्रों से भी भेंट की और बिलिंग वीएफडीएस द्वारा पारंपरिक रूप से उनका एवं जीआईसीए परियोजना से जुड़े गणमान्य अतिथियों का स्वागत किया गया। इस अवसर पर वन मंडलाधिकारी लाहौल अनीकेत वानवे द्वारा जेआईसीए परियोजना के अंतर्गत लाहौल में संचालित गतिविधियों पर विस्तृत प्रस्तुति दी गई। जेआईसीए टीम ने विशेष रूप से स्थानीय आजीविका संवर्धन, महिला सहभागिता, तथा मानव-वन्यजीव संघर्ष निवारण के क्षेत्र में लाहौल वन मंडल द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। इसी क्रम में, बिलिंग एवं कारदंग पंचायतों में मुख्यमंत्री वन विस्तार योजना के अंतर्गत वृक्षारोपण कार्यों को लेकर संबंधित बीएफडीएस प्रधानों से विचार साझा किए गए। इस पहल की विशेषता यह रही कि वन विभाग द्वारा ग्राम वन विकास समितियों के खातों में राशि सीधे हस्तांतरित की गई, जिससे पारदर्शिता और स्थानीय सहभागिता को बल मिला। वृक्षारोपण का कार्य महिला मंडलों एवं बीएफडीएस सदस्यों द्वारा किया जा रहा है, जबकि वन विभाग पौधों की आपूर्ति एवं तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान कर रहा है। यह सामुदायिक सहभागिता आधारित मॉडल न केवल पर्यावरण संरक्षण को सशक्त करता है, बल्कि स्थानीय लोगों की आजीविका एवं आत्मनिर्भरता को भी मजबूती प्रदान करता है। इस अवसर पर संदीप शर्मा, वन संरक्षक कुल्लू, श्री अनीकेत वानवे, डीसीएफ लाहौल, श्रीमती युकारी इनागाकी डॉ. एस. के. कप्टा (निदेशक, औषधीय पौध प्रकोष्ठ), तथा विनीत सरीन (जेआईसीए प्रमुख – विकास संचालन) सहित जेआईसीए जापान एवं भारत के अन्य प्रतिनिधिगण एवं वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित रहे। यह दौरा लाहौल क्षेत्र में वन संरक्षण, आजीविका संवर्धन एवं सतत विकास की पहलों को और अधिक सशक्त एवं प्रेरणादायक बनाने में सहायक सिद्ध होगा।
लाहौल , 08 मई [ विशाल सूद ] ! वन प्रमुख हिमाचल प्रदेश समीर रस्तोगी का लाहौल वन मंडल द्वारा अटल टनल रोहतांग (उत्तर पोर्टल) पर गार्ड ऑफ ऑनर के साथ गरिमामय स्वागत किया गया। अपने दौरे के दौरान रस्तोगी ने गोशाल एवं तांडी ग्राम वन विकास समितियों के सदस्यों से संवाद कर समुदाय सहभागिता से संचालित योजनाओं की जानकारी प्राप्त की।
बाद में उन्होंने लाहौल वन मंडल के वन मित्रों से भी भेंट की और बिलिंग वीएफडीएस द्वारा पारंपरिक रूप से उनका एवं जीआईसीए परियोजना से जुड़े गणमान्य अतिथियों का स्वागत किया गया।
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इस अवसर पर वन मंडलाधिकारी लाहौल अनीकेत वानवे द्वारा जेआईसीए परियोजना के अंतर्गत लाहौल में संचालित गतिविधियों पर विस्तृत प्रस्तुति दी गई।
जेआईसीए टीम ने विशेष रूप से स्थानीय आजीविका संवर्धन, महिला सहभागिता, तथा मानव-वन्यजीव संघर्ष निवारण के क्षेत्र में लाहौल वन मंडल द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की।
इसी क्रम में, बिलिंग एवं कारदंग पंचायतों में मुख्यमंत्री वन विस्तार योजना के अंतर्गत वृक्षारोपण कार्यों को लेकर संबंधित बीएफडीएस प्रधानों से विचार साझा किए गए। इस पहल की विशेषता यह रही कि वन विभाग द्वारा ग्राम वन विकास समितियों के खातों में राशि सीधे हस्तांतरित की गई, जिससे पारदर्शिता और स्थानीय सहभागिता को बल मिला।
वृक्षारोपण का कार्य महिला मंडलों एवं बीएफडीएस सदस्यों द्वारा किया जा रहा है, जबकि वन विभाग पौधों की आपूर्ति एवं तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान कर रहा है। यह सामुदायिक सहभागिता आधारित मॉडल न केवल पर्यावरण संरक्षण को सशक्त करता है, बल्कि स्थानीय लोगों की आजीविका एवं आत्मनिर्भरता को भी मजबूती प्रदान करता है।
इस अवसर पर संदीप शर्मा, वन संरक्षक कुल्लू, श्री अनीकेत वानवे, डीसीएफ लाहौल, श्रीमती युकारी इनागाकी डॉ. एस. के. कप्टा (निदेशक, औषधीय पौध प्रकोष्ठ), तथा विनीत सरीन (जेआईसीए प्रमुख – विकास संचालन) सहित जेआईसीए जापान एवं भारत के अन्य प्रतिनिधिगण एवं वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित रहे।
यह दौरा लाहौल क्षेत्र में वन संरक्षण, आजीविका संवर्धन एवं सतत विकास की पहलों को और अधिक सशक्त एवं प्रेरणादायक बनाने में सहायक सिद्ध होगा।
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