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शिमला , 16 जुलाई [ विशाल सूद ] ! ओडिशा के बालासोर में कॉलेज छात्रा के यौन उत्पीड़न के आरोप लगाने के बाद कॉलेज परिसर में आत्मदाह करने मामले में देश भर में रोष है. इसी मामले में शिमला में एनएसयूआई ने धरना प्रदर्शन किया और उड़ीसा की सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. एनएसयूआई ने आरोप लगाया कि ओडिशा और केंद्र में भाजपा की सरकार है. केंद्र सरकार बेटी पढ़ाओं बेटी बचाओ का नारा देती है. लेकिन भाजपा के शासन में बेटी सुरक्षित नहीं है. एनएसयूआई ने केंद्र सरकार से मामले में हस्तक्षेप करने और पीड़ित को न्याय दिलाने की मांग की है। एनएसयूआई शिमला जिला अध्यक्ष शुभम् शर्मा ने कहा कि 4 दिन पहले ओडिशा के बालासोर में इंसानियत कोई शर्मसार बात करने वाली घटना सामने आई है. बालासोर में कॉलेज की छात्रा के साथ के यौन उत्पीड़न हुआ. छात्रा ने इसकी शिकायत की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. अंततः छात्रा को आत्मदाह का रास्ता अपनाना पड़ा. शुभम् शर्मा ने कहा कि ओडिशा और केंद्र में भाजपा की सरकार है. केंद्र सरकार बेटी पढ़ाओं बेटी बचाओ का नारा देती है. लेकिन भाजपा के शासन में बेटी सुरक्षित नहीं है. एनएसयूआई की मांग है कि केंद्र सरकार इस मामले में हस्तक्षेप करे और पीड़ित को न्याय दिलाए।
शिमला , 16 जुलाई [ विशाल सूद ] ! ओडिशा के बालासोर में कॉलेज छात्रा के यौन उत्पीड़न के आरोप लगाने के बाद कॉलेज परिसर में आत्मदाह करने मामले में देश भर में रोष है. इसी मामले में शिमला में एनएसयूआई ने धरना प्रदर्शन किया और उड़ीसा की सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.
एनएसयूआई ने आरोप लगाया कि ओडिशा और केंद्र में भाजपा की सरकार है. केंद्र सरकार बेटी पढ़ाओं बेटी बचाओ का नारा देती है. लेकिन भाजपा के शासन में बेटी सुरक्षित नहीं है. एनएसयूआई ने केंद्र सरकार से मामले में हस्तक्षेप करने और पीड़ित को न्याय दिलाने की मांग की है।
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एनएसयूआई शिमला जिला अध्यक्ष शुभम् शर्मा ने कहा कि 4 दिन पहले ओडिशा के बालासोर में इंसानियत कोई शर्मसार बात करने वाली घटना सामने आई है. बालासोर में कॉलेज की छात्रा के साथ के यौन उत्पीड़न हुआ. छात्रा ने इसकी शिकायत की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.
अंततः छात्रा को आत्मदाह का रास्ता अपनाना पड़ा. शुभम् शर्मा ने कहा कि ओडिशा और केंद्र में भाजपा की सरकार है. केंद्र सरकार बेटी पढ़ाओं बेटी बचाओ का नारा देती है. लेकिन भाजपा के शासन में बेटी सुरक्षित नहीं है. एनएसयूआई की मांग है कि केंद्र सरकार इस मामले में हस्तक्षेप करे और पीड़ित को न्याय दिलाए।
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