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शिमला , 28 अगस्त [ विशाल सूद ] ! मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के निर्देश पर आज लाहौल-स्पीति जिले के स्टिंगरी से पांच मरीजों को तत्काल जिला अस्पताल कुल्लू पहुंचाया गया ताकि उन्हें बेहतर उपचार की सुविधा प्रदान कर सके। इस मामले की जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री ने त्वरित प्रतिक्रिया करते हुए कुल्लू जिला प्रशासन को निर्देश जारी किए कि सभी मरीजों को हवाई मार्ग से कुल्लू अस्पताल पहुंचाया जाए। इन पांचों मरीजों जिनमें अलका, पूरन सिंह, आयुष, रियांश और उनकी मां संजीता शामिल हैं, को कुल्लू जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। मुख्यमंत्री ने चिकित्सकों को निर्देश दिए हैं कि इन मरीजों को हर संभव चिकित्सा सेवा प्रदान की जाए। यह पहली बार नहीं है जब मुख्यमंत्री ने ऐसी परिस्थितियों में हस्तक्षेप किया हो। इससे पहले भी कई मौकों पर उन्होंने दूर-दराज़ और दुर्गम क्षेत्रों से संकटग्रस्त मरीजों और अन्य व्यक्तियों को समय पर उपचार के लिए हवाई मार्ग से पहुंचाना सुनिश्चित किया है। मरीजों को स्टिंगरी से कुल्लू पहुंचाने के साथ-साथ मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद हवाई मार्ग से आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति भी लाहौल-स्पीति के लिए की गई है ताकि क्षेत्र के लोगों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। यह कदम इसलिए जरूरी हो गया था क्योंकि जिले से सड़क संपर्क बुरी तरह बाधित है और कई स्थानों पर सड़क का कुछ हिस्सा पूरी तरह बह गया है। लगातार बारिश से उत्पन्न व्यापक स्थिति की समीक्षा करते हुए आज बिहार जाते समय मुख्यमंत्री ने राज्य के आपदा प्रभावित क्षेत्रों में चल रहे बचाव और राहत कार्यों का आकलन करने के लिए मुख्य सचिव और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों से बात की। उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों को आवश्यक निर्देश भी दिए। मानसून ने हिमाचल प्रदेश में पहले ही व्यापक क्षति पहुंचाई है, जिससे सड़क नेटवर्क और जल आपूर्ति योजनाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। पिछले 72 घंटों में ही, मूसलाधार बारिश से कीरतपुर-मनाली-लेह राजमार्ग क्षतिग्रस्त हुआ है, जिससे सड़क का एक बड़ा हिस्सा बह गया है।
शिमला , 28 अगस्त [ विशाल सूद ] ! मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के निर्देश पर आज लाहौल-स्पीति जिले के स्टिंगरी से पांच मरीजों को तत्काल जिला अस्पताल कुल्लू पहुंचाया गया ताकि उन्हें बेहतर उपचार की सुविधा प्रदान कर सके। इस मामले की जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री ने त्वरित प्रतिक्रिया करते हुए कुल्लू जिला प्रशासन को निर्देश जारी किए कि सभी मरीजों को हवाई मार्ग से कुल्लू अस्पताल पहुंचाया जाए।
इन पांचों मरीजों जिनमें अलका, पूरन सिंह, आयुष, रियांश और उनकी मां संजीता शामिल हैं, को कुल्लू जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। मुख्यमंत्री ने चिकित्सकों को निर्देश दिए हैं कि इन मरीजों को हर संभव चिकित्सा सेवा प्रदान की जाए।
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यह पहली बार नहीं है जब मुख्यमंत्री ने ऐसी परिस्थितियों में हस्तक्षेप किया हो। इससे पहले भी कई मौकों पर उन्होंने दूर-दराज़ और दुर्गम क्षेत्रों से संकटग्रस्त मरीजों और अन्य व्यक्तियों को समय पर उपचार के लिए हवाई मार्ग से पहुंचाना सुनिश्चित किया है।
मरीजों को स्टिंगरी से कुल्लू पहुंचाने के साथ-साथ मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद हवाई मार्ग से आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति भी लाहौल-स्पीति के लिए की गई है ताकि क्षेत्र के लोगों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। यह कदम इसलिए जरूरी हो गया था क्योंकि जिले से सड़क संपर्क बुरी तरह बाधित है और कई स्थानों पर सड़क का कुछ हिस्सा पूरी तरह बह गया है।
लगातार बारिश से उत्पन्न व्यापक स्थिति की समीक्षा करते हुए आज बिहार जाते समय मुख्यमंत्री ने राज्य के आपदा प्रभावित क्षेत्रों में चल रहे बचाव और राहत कार्यों का आकलन करने के लिए मुख्य सचिव और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों से बात की। उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों को आवश्यक निर्देश भी दिए।
मानसून ने हिमाचल प्रदेश में पहले ही व्यापक क्षति पहुंचाई है, जिससे सड़क नेटवर्क और जल आपूर्ति योजनाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। पिछले 72 घंटों में ही, मूसलाधार बारिश से कीरतपुर-मनाली-लेह राजमार्ग क्षतिग्रस्त हुआ है, जिससे सड़क का एक बड़ा हिस्सा बह गया है।
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