पहले गिरी नदी के तट पर पहुंचती थी पालकियां, समाजसेवी राजेंद्र सिंह की याचिका पर हाईकोर्ट ने जारी किए आदेश, मुख्यमंत्री खेल मैदान में देवपालकी को देंगे कंधा, शिक्षा विभाग को देनी होगी ₹20000 की राशि।
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सिरमौर , 26 ऑक्टूबर [ विशाल सूद ] ! हिमाचल उच्च न्यायालय के निर्देशों के बाद अंतर्राष्ट्रीय स्तरीय श्री रेणुका जी मेले के दौरान भगवान परशुराम की पालकिया गिरी नदी के तट की बजाय स्कूल ददाहू स्कूल मैदान में इकट्ठा होगी और उसी स्थान से मुख्यमंत्री पालकी को कंधा देकर अंतर्राष्ट्रीय स्तरीय मेले का शुभारंभ करेंगे। दरअसल पिछले 3 सालों से परशुराम भगवान की सभी पालकिया गिरी नदी के तट पर एकत्रित हो रही थी। स्थानीय समाज सेवी राजेंद्र सिंह ने स्थानीय लोगों की मांग पर उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी जिसमें मांग की गई थी कि स्कूल मैदान में पालकियों को रखने ईजाजत दी जाए । याचिका में हवाला दिया गया था कि गिरि नदी के तट पर अंतिम संस्कार भी किए जाते हैं ऐसे में कई लोग देवपालकियों के दर्शन करने यहां नहीं आ पाते है और वहां जाने से परहेज करते है। याचिकाकर्ता राजेंद्र सिंह ने मीडिया से बात करते हुए उच्च न्यायालय का मामले पर सुनवाई के लिए आभार जताया है और कहा की उच्च न्यायालय ने उपायुक्त सिरमौर को देवपालकियों को खेल मैदान में चार घंटे तक रखने के निर्देश दिए है जहां आसानी से लोग भगवान परशुराम के दर्शन कर पाएंगे। वहीं उच्च न्यायालय के निर्देशों के मुताबिक उपायुक्त सिरमौर को ₹20000 की धनराशि भी शिक्षा विभाग को देनी होगी साथ ही यहाँ पर सफाई व्यवस्था सुनिश्चित करनी होगी। समाजसेवी राजेंद्र सिंह ने यह भी कहा कि पहली बार यहां अंतरराष्ट्रीय श्री रेणुका जी मेले के दौरान इस बार रेणुका झील में लोकायान को भी इजाजत दी गई है जिससे हादसों का खतरा बना रहता है ऐसे में इस बारे में प्रशासन को पुनर्विचार करने की आवश्यकता है।
सिरमौर , 26 ऑक्टूबर [ विशाल सूद ] ! हिमाचल उच्च न्यायालय के निर्देशों के बाद अंतर्राष्ट्रीय स्तरीय श्री रेणुका जी मेले के दौरान भगवान परशुराम की पालकिया गिरी नदी के तट की बजाय स्कूल ददाहू स्कूल मैदान में इकट्ठा होगी और उसी स्थान से मुख्यमंत्री पालकी को कंधा देकर अंतर्राष्ट्रीय स्तरीय मेले का शुभारंभ करेंगे।
दरअसल पिछले 3 सालों से परशुराम भगवान की सभी पालकिया गिरी नदी के तट पर एकत्रित हो रही थी। स्थानीय समाज सेवी राजेंद्र सिंह ने स्थानीय लोगों की मांग पर उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी जिसमें मांग की गई थी कि स्कूल मैदान में पालकियों को रखने ईजाजत दी जाए । याचिका में हवाला दिया गया था कि गिरि नदी के तट पर अंतिम संस्कार भी किए जाते हैं ऐसे में कई लोग देवपालकियों के दर्शन करने यहां नहीं आ पाते है और वहां जाने से परहेज करते है।
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याचिकाकर्ता राजेंद्र सिंह ने मीडिया से बात करते हुए उच्च न्यायालय का मामले पर सुनवाई के लिए आभार जताया है और कहा की उच्च न्यायालय ने उपायुक्त सिरमौर को देवपालकियों को खेल मैदान में चार घंटे तक रखने के निर्देश दिए है जहां आसानी से लोग भगवान परशुराम के दर्शन कर पाएंगे। वहीं उच्च न्यायालय के निर्देशों के मुताबिक उपायुक्त सिरमौर को ₹20000 की धनराशि भी शिक्षा विभाग को देनी होगी साथ ही यहाँ पर सफाई व्यवस्था सुनिश्चित करनी होगी।
समाजसेवी राजेंद्र सिंह ने यह भी कहा कि पहली बार यहां अंतरराष्ट्रीय श्री रेणुका जी मेले के दौरान इस बार रेणुका झील में लोकायान को भी इजाजत दी गई है जिससे हादसों का खतरा बना रहता है ऐसे में इस बारे में प्रशासन को पुनर्विचार करने की आवश्यकता है।
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