*क्या सुक्खू सरकार द्वारा बार-बार संविधान की धज्जियां उड़ाना बड़ा मुद्दा नहीं* *सरकार और उसके सलाहकारों के लिए मित्र मंडली का भला ही बड़ा मुद्दा नहीं*
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शिमला , 27 ऑक्टूबर [ विशाल सूद ] : भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता एवं पूर्व विधायक राजिंदर राणा ने कहा कि व्यवस्था परिवर्तन वाली सुख की सरकार ने कैबिनेट रैंक के साथ सलाहकारों की फौज खड़ी करके मुख्यमंत्री ने प्रदेश पर पहले ही आर्थिक भार डाल दिया है। ऐसे सलाहकार जिनके लिए प्रदेश में व्याप्त अराजकता, भ्रष्टाचार, अव्यवस्था, व्यवस्था पतन, विकास के विपरीत काम प्रमुख मुद्दा नहीं है? मुख्यमंत्री को उनसे किनारा कर लेना चाहिए। इस तरीके की सोच रखने वाले सलाहकार भी प्रदेश के विकास में बहुत बड़ी बाधा है। वेलफेयर स्टेट के बजाय फ्रेंड्स वेलफेयर स्टेट के तौर पर काम कर रही सरकार के सलाहकार मुख्यमंत्री को विकास करने की सलाह देने की बजाय विपक्ष को सलाह दे रहे हैं कि वह प्रदेश के हितों के मुद्दे ना उठाएं? क्या मित्र मंडली को ही पूरे प्रदेश के संसाधन लूटने की खुली छूट देना ही प्रदेश के विकास का मानक है? प्रदेश की आर्थिकी पर अब तक करोड़ों का बोझ डाल चुके सलाहकार महोदय कहते हैं कि नेता प्रतिपक्ष अच्छे मुद्दे नहीं उठा रहे हैं। क्या आपदा प्रभावितों को केंद्र द्वारा भेजा गया 5500 करोड़ रुपए देने की मांग करना, सर्दी के मौसम में बेघर हो चुके लोगों की चिंता करना, आपदा प्रभावितों को राशन पहुंचाने की मांग करना, इसके युवाओं को नौकरी देने की मांग करना, प्रदेश के कर्मचारियों को समय पर वेतन देने की मांग करना, डीए देने की मांग करना गलत है? क्या विपक्ष द्वारा प्रदेश में बीमार स्वास्थ्य व्यवस्था के सुधार की बात करना, अस्पतालों में बर्बाद हो चुकी चिकित्सा व्यवस्था को दुरुस्त करने की बात करना, हिम केयर, आयुष्मान, शगुन, सहारा, वृद्धा पेंशन जारी करने की मांग करना छोटा मुद्दा है? अगर उन्हें ऐसा लगता है तो उनकी सोच में कोई खामी है। भाजपा नेता राजिंदर राणा ने कहा कि क्या प्रदेश में संविधान की धज्जियां उड़ाना, नगर निगम के चुनाव रोककर, नगर निकाय के चुनाव रोककर, ग्राम पंचायत के चुनाव रोककर संविधान की धज्जियां उड़ाना और लोगों को संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकारों को छीनने का विरोध करना छोटा मुद्दा है? क्या प्रदेश के संसाधनों को मित्र मंडली द्वारा पंजा मारने से रोकना छोटा मुद्दा है? क्या प्रदेश में फैल रहे नशे के कारोबार, अपराध, माफिया राज नशाखोरी को सरकार का संरक्षण देने का विरोध करना छोटा मुद्दा है? प्रदेश हित की बात करना छोटा मुद्दा है? क्या सरकार से हिसाब मांगना उसकी जवाबदेही तय करने की बात करना छोटा मुद्दा है? सत्ता के संरक्षण में मित्र मंडली द्वारा प्रदेश के संसाधनों के लूट की खुली झूठ का विरोध करने की बजाय सरकार के सलाहकार विपक्ष को ही बता रहे हैं कि सरकार के भ्रष्टाचार को उजागर करने के बजाय, जनहित की बात करने के बजाय बड़े मुद्दे उठाएं। आम आदमी के मुद्दे भारतीय जनता पार्टी के लिए सबसे बड़े मुद्दे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री नेता प्रतिपक्ष के मुद्दे हैं। हर हिमाचली के मुद्दे हैं। हर हिमाचल वासी की पीड़ा को उठाना हमारा धर्म है और हम इसे उठाते रहेंगे। सरकार में बैठे कैबिनेट रैंक के सलाहकार अपनी और सरकार की नीयत साफ रखें और उन झूठी गारंटियों को पूरा करने का काम करें जिसके भरोसे कांग्रेस ने प्रदेश का जनादेश चुराया था।
शिमला , 27 ऑक्टूबर [ विशाल सूद ] : भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता एवं पूर्व विधायक राजिंदर राणा ने कहा कि व्यवस्था परिवर्तन वाली सुख की सरकार ने कैबिनेट रैंक के साथ सलाहकारों की फौज खड़ी करके मुख्यमंत्री ने प्रदेश पर पहले ही आर्थिक भार डाल दिया है। ऐसे सलाहकार जिनके लिए प्रदेश में व्याप्त अराजकता, भ्रष्टाचार, अव्यवस्था, व्यवस्था पतन, विकास के विपरीत काम प्रमुख मुद्दा नहीं है? मुख्यमंत्री को उनसे किनारा कर लेना चाहिए।
इस तरीके की सोच रखने वाले सलाहकार भी प्रदेश के विकास में बहुत बड़ी बाधा है। वेलफेयर स्टेट के बजाय फ्रेंड्स वेलफेयर स्टेट के तौर पर काम कर रही सरकार के सलाहकार मुख्यमंत्री को विकास करने की सलाह देने की बजाय विपक्ष को सलाह दे रहे हैं कि वह प्रदेश के हितों के मुद्दे ना उठाएं? क्या मित्र मंडली को ही पूरे प्रदेश के संसाधन लूटने की खुली छूट देना ही प्रदेश के विकास का मानक है?
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प्रदेश की आर्थिकी पर अब तक करोड़ों का बोझ डाल चुके सलाहकार महोदय कहते हैं कि नेता प्रतिपक्ष अच्छे मुद्दे नहीं उठा रहे हैं। क्या आपदा प्रभावितों को केंद्र द्वारा भेजा गया 5500 करोड़ रुपए देने की मांग करना, सर्दी के मौसम में बेघर हो चुके लोगों की चिंता करना, आपदा प्रभावितों को राशन पहुंचाने की मांग करना, इसके युवाओं को नौकरी देने की मांग करना, प्रदेश के कर्मचारियों को समय पर वेतन देने की मांग करना, डीए देने की मांग करना गलत है?
क्या विपक्ष द्वारा प्रदेश में बीमार स्वास्थ्य व्यवस्था के सुधार की बात करना, अस्पतालों में बर्बाद हो चुकी चिकित्सा व्यवस्था को दुरुस्त करने की बात करना, हिम केयर, आयुष्मान, शगुन, सहारा, वृद्धा पेंशन जारी करने की मांग करना छोटा मुद्दा है? अगर उन्हें ऐसा लगता है तो उनकी सोच में कोई खामी है।
भाजपा नेता राजिंदर राणा ने कहा कि क्या प्रदेश में संविधान की धज्जियां उड़ाना, नगर निगम के चुनाव रोककर, नगर निकाय के चुनाव रोककर, ग्राम पंचायत के चुनाव रोककर संविधान की धज्जियां उड़ाना और लोगों को संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकारों को छीनने का विरोध करना छोटा मुद्दा है? क्या प्रदेश के संसाधनों को मित्र मंडली द्वारा पंजा मारने से रोकना छोटा मुद्दा है? क्या प्रदेश में फैल रहे नशे के कारोबार, अपराध, माफिया राज नशाखोरी को सरकार का संरक्षण देने का विरोध करना छोटा मुद्दा है? प्रदेश हित की बात करना छोटा मुद्दा है? क्या सरकार से हिसाब मांगना उसकी जवाबदेही तय करने की बात करना छोटा मुद्दा है?
सत्ता के संरक्षण में मित्र मंडली द्वारा प्रदेश के संसाधनों के लूट की खुली झूठ का विरोध करने की बजाय सरकार के सलाहकार विपक्ष को ही बता रहे हैं कि सरकार के भ्रष्टाचार को उजागर करने के बजाय, जनहित की बात करने के बजाय बड़े मुद्दे उठाएं। आम आदमी के मुद्दे भारतीय जनता पार्टी के लिए सबसे बड़े मुद्दे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री नेता प्रतिपक्ष के मुद्दे हैं। हर हिमाचली के मुद्दे हैं। हर हिमाचल वासी की पीड़ा को उठाना हमारा धर्म है और हम इसे उठाते रहेंगे। सरकार में बैठे कैबिनेट रैंक के सलाहकार अपनी और सरकार की नीयत साफ रखें और उन झूठी गारंटियों को पूरा करने का काम करें जिसके भरोसे कांग्रेस ने प्रदेश का जनादेश चुराया था।
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