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शिमला , 08 जुलाई [ विशाल सूद ] ! हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट के हैक हो जाने की हालिया घटना ने विश्वविद्यालय प्रशासन की गंभीर लापरवाही और तकनीकी अव्यवस्था को उजागर किया है। इस घटना के खिलाफ स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया ने आज भारी संख्या में छात्रों के साथ मिलकर विश्वविद्यालय परिसर में एक विरोध प्रदर्शन आयोजित किया। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय सह सचिव कामरेड नावेद ने बताया कि 2 जुलाई 2025 को हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट पर छात्रों को एक संदिग्ध गतिविधि का पता चला। बाद में पुष्टि हुई कि वेबसाइट को अज्ञात हैकरों द्वारा हैक कर लिया गया है, और कई अहम सेक्शन तक पहुंच बाधित हो गई थी। छात्रों का शैक्षणिक डाटा, परीक्षा संबंधी सूचनाएं, और प्रवेश प्रक्रिया प्रभावित हो रही है। एसएफआई ने इसे न केवल प्रशासन की तकनीकी विफलता बल्कि छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ बताया है। यह भी सवाल उठाया गया कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने न तो पहले से कोई साइबर सुरक्षा प्रबंध किए थे, और न ही हैकिंग के बाद समय रहते छात्रों को कोई स्पष्ट जानकारी दी। एस एफ आई कैंपस सहसचिव कामरेड नावेद ने बताया कि एचपीयू जैसी प्रतिष्ठित संस्थान की वेबसाइट का हैक होना बेहद गंभीर मामला है यह दर्शाता है कि प्रशासन ना तो साइबर सुरक्षा को लेकर गंभीर है और ना ही छात्रों की निजी जानकारी को सुरक्षित रखने को लेकर। उन्होंने बताया कि 2014 के अंदर ई आर पी को हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के अंदर लाया गया था ताकि छात्रों को सुविधा प्रदान की जा सके लेकिन आज जहां छात्रों का काम आसान करना था वहां छात्रों को दुविधा का सामना करना पड़ रहा है इसी इ आर पी के कारण छात्रों को कई कठिनाइयां आ रही हैं जिस कारण छात्रों को दूर-दूर से हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के अंदर आना पड़ता है जिसे पूरा छात्र समुदाय प्रताड़ित हो रहा है। एसएफआई ने मांग की है कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इसके ऊपर सकारात्मक कार्यवाही करें तथा इस इआरपी को हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से निकालने का काम करें ताकि छात्रों के भविष्य को सुरक्षित रखा जा सके एस एफ आई ने मांग की है कि विश्वविद्यालय प्रशासन जल्द से जल्द इसके ऊपर सकारात्मक कार्यवाही करें यदि विश्वविद्यालय प्रशासन ऐसा नहीं करता है तो एस एफ आई छात्र समुदाय को एकत्र करते हुए आंदोलन तैयार करेगी जिसका जिम्मेदार विषय विश्वविद्यालय प्रशासन स्वयं होगा।
शिमला , 08 जुलाई [ विशाल सूद ] ! हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट के हैक हो जाने की हालिया घटना ने विश्वविद्यालय प्रशासन की गंभीर लापरवाही और तकनीकी अव्यवस्था को उजागर किया है। इस घटना के खिलाफ स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया ने आज भारी संख्या में छात्रों के साथ मिलकर विश्वविद्यालय परिसर में एक विरोध प्रदर्शन आयोजित किया।
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय सह सचिव कामरेड नावेद ने बताया कि 2 जुलाई 2025 को हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट पर छात्रों को एक संदिग्ध गतिविधि का पता चला। बाद में पुष्टि हुई कि वेबसाइट को अज्ञात हैकरों द्वारा हैक कर लिया गया है, और कई अहम सेक्शन तक पहुंच बाधित हो गई थी। छात्रों का शैक्षणिक डाटा, परीक्षा संबंधी सूचनाएं, और प्रवेश प्रक्रिया प्रभावित हो रही है।
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एसएफआई ने इसे न केवल प्रशासन की तकनीकी विफलता बल्कि छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ बताया है। यह भी सवाल उठाया गया कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने न तो पहले से कोई साइबर सुरक्षा प्रबंध किए थे, और न ही हैकिंग के बाद समय रहते छात्रों को कोई स्पष्ट जानकारी दी।
एस एफ आई कैंपस सहसचिव कामरेड नावेद ने बताया कि एचपीयू जैसी प्रतिष्ठित संस्थान की वेबसाइट का हैक होना बेहद गंभीर मामला है यह दर्शाता है कि प्रशासन ना तो साइबर सुरक्षा को लेकर गंभीर है और ना ही छात्रों की निजी जानकारी को सुरक्षित रखने को लेकर।
उन्होंने बताया कि 2014 के अंदर ई आर पी को हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के अंदर लाया गया था ताकि छात्रों को सुविधा प्रदान की जा सके लेकिन आज जहां छात्रों का काम आसान करना था वहां छात्रों को दुविधा का सामना करना पड़ रहा है इसी इ आर पी के कारण छात्रों को कई कठिनाइयां आ रही हैं जिस कारण छात्रों को दूर-दूर से हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के अंदर आना पड़ता है जिसे पूरा छात्र समुदाय प्रताड़ित हो रहा है।
एसएफआई ने मांग की है कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इसके ऊपर सकारात्मक कार्यवाही करें तथा इस इआरपी को हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से निकालने का काम करें ताकि छात्रों के भविष्य को सुरक्षित रखा जा सके एस एफ आई ने मांग की है कि विश्वविद्यालय प्रशासन जल्द से जल्द इसके ऊपर सकारात्मक कार्यवाही करें यदि विश्वविद्यालय प्रशासन ऐसा नहीं करता है तो एस एफ आई छात्र समुदाय को एकत्र करते हुए आंदोलन तैयार करेगी जिसका जिम्मेदार विषय विश्वविद्यालय प्रशासन स्वयं होगा।
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