
ग्राम पंचायतों में वित्तीय समावेशन (FI) योजनाओं का अधिकतम लाभ योग्य नागरिकों तक पहुंचाना है उद्देश्य वित्तीय समावेशन संतृप्ति अभियान के तहत अबतक प्रदेश में खोले गए 2531 नए प्रधानमंत्री जनधन खाते प्रदेश में फाइनेंशियल इंक्लूजन अभियान के 1618 जागरूकता शिविर आयोजित
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शिमला, 13 अगस्त [ विशाल सूद ] !हिमाचल प्रदेश में फाइनेंशियल इंक्लूजन अभियान के अंतर्गत बीते 43 दिनों में उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की गई है। 1 जुलाई से प्रारंभ इस राष्ट्रव्यापी अभियान के तहत हिमाचल में अब तक कुल 1618 शिविरों का सफल आयोजन किया गया है, जिनके माध्यम से 2531 नए प्रधानमंत्री जनधन खाते खोले गए हैं। 8974 नागरिकों को प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना में तथा 16989 नागरिकों को प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना में पंजीकृत किया गया है। इसके साथ ही 3561 नागरिकों को अटल पेंशन योजना से जोड़ा गया है, 24810 खातों का पुनः केवाईसी किया गया है तथा 7724 खातों में नामांकन (नॉमिनेशन) दर्ज किए गए हैं. यूको बैंक - राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति, हिमाचल प्रदेश ने मीडिया के समक्ष को तीन महीने के वित्तीय समावेशन योजना अभियान, रीकेवाईसी के बारे में जानकारी साझा की. भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग द्वारा राष्ट्रव्यापी अभियान के तहत पत्र व्यक्तियों को केंद्र सरकार की योजनाओं जिनमें प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना तथा अटल पेंशन योजना का लाभ पहुँचाना है। साथ ही बैंकिंग सेवा से वंचित वयस्कों को प्रधानमंत्री जनधन योजना से जोड़कर उन्हें वित्तीय रूप से सशक्त बनाना है। हिमाचल प्रदेश राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति (SLBC) के संयोजक होने के नाते यूको बैंक ने वित्तीय सेवाएं विभाग, भारत सरकार, द्वारा जारी निर्देशों को राज्य के सभी बैंकों और अग्रणी जिला प्रबंधकों को आवश्यक कार्रवाई और अनुपालन के लिए प्रेषित किया है। उप महाप्रबंधक एवं संयोजक राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति, विवेक कुमार मिश्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस संबोधित करते हुए कहा कि तीन महीने के वित्तीय समावेशन अभियान और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के तहत संतृप्ति के उद्देश्य, रणनीतियों और अपेक्षित परिणामों का वर्णन किया, जो 1 जुलाई 2025 से 30 सितंबर 2025 तक चलाया जा रहा है। इसके अलावा एसएलबीसी प्रभारी हिमाचल प्रदेश दीपक कुमार ने बताया कि अभियान को संबंधित जिला कलेक्टर और जिला मजिस्ट्रेट के समग्र मार्गदर्शन और निर्देशों के तहत आरबीआई और राज्य सरकार की सक्रिय भूमिका के तहत प्रमुख जिला प्रबंधकों द्वारा समन्वित किया जा रहा है। अभियान की प्रगति की समीक्षा प्रत्येक जिले के उपायुक्त (DC) एवं लीड जिला प्रबंधक (LDM) द्वारा नियमित रूप से की जा रही है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अभियान प्रभावी ढंग से क्रियान्वित हो और सभी सुपात्र नागरिकों तक इसकी पहुंच सुनिश्चित हो। हिमाचल प्रदेश राज्य में इस अभियान की शुरुआत 1 जुलाई 2025 को जिला शिमला के कुफ़री ग्राम पंचायत से की गई थी। यह अभियान राज्य के 12 जिलों के 91 ब्लॉकों के अंतर्गत आने वाली 3615 ग्राम पंचायतों में चलाया जा रहा है, जिसमें अब तक नागरिकों की उत्साहजनक भागीदारी और स्थिर प्रगति देखने को मिली है। इस अभियान का उद्देश्य देश के सभी जिलों की ग्राम पंचायतों में वित्तीय समावेशन (FI) योजनाओं का अधिकतम लाभ, योग्य नागरिकों तक पहुंचाना है। अभियान के प्रमुख घटक निम्नलिखित हैं: भारत सरकार की दो सामाजिक सुरक्षा योजनाएं, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई) और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई), का उद्देश्य नागरिकों, विशेषकर समाज के हाशिए पर रहने वाले वर्गों को क्रमशः जीवन और दुर्घटना बीमा कवर प्रदान करना है। पीएमजेजेबीवाई किसी भी कारण से मृत्यु की स्थिति में 436 रुपये के वार्षिक प्रीमियम पर 2 लाख रुपये का बीमा कवर प्रदान करता है, जबकि पीएमएसबीवाई 20 रुपये के वार्षिक प्रीमियम पर 2 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा कवर प्रदान करता है।ये दोनों योजनाएं ऐसी परिस्थितियों में ग्राहकों और/या उनके परिवारों को आवश्यक वित्तीय सहायता प्रदान करती हैं। अटल पेंशन योजना (एपीवाई) सेवानिवृत्ति के लिए स्वैच्छिक बचत को प्रोत्साहित करती है और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को 60 वर्ष की आयु के बाद 1,000 रुपये से 5,000 रुपये प्रति माह तक की न्यूनतम पेंशन की गारंटी देती है, जिससे ग्राहक की वृद्धावस्था के दौरान वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित होती है। प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) के अंतर्गत मौजूदा निष्क्रिय बैंक खातों तथा गैर-पीएमजेडीवाई खातों का पुनः केवाईसी।जिन व्यक्तियों के पास अभी तक बैंक खाते नहीं है, उनके नए बैंक खाते खोलना । डिजिटल धोखाधड़ी की रोकथाम के लिए जागरूकता और दावा न की गई जमा राशि तक पहुंचने के तरीके।इस अभियान के दौरान, देश के सभी जिलों में प्रत्येक ग्राम पंचायत में बैंकों द्वारा राज्य प्रशासन और भारत सरकार के अन्य मंत्रालयों की सक्रिय भागीदारी से कम से कम एक विशेष शिविर का आयोजन किया जाएगा, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वित्तीय समावेशन योजनाओं का लाभ आम जनता तक पहुंचे। उन्होंने कहा कि यह अभियान न केवल नागरिकों को वित्तीय सुरक्षा और बैंकिंग सेवाओं की पहुँच प्रदान करता है, बल्कि डिजिटल समावेशन, उद्यमशीलता को बढ़ावा देने और गरीबी उन्मूलन की दिशा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने सभी पात्र नागरिकों से अपील की कि वे इस अभियान में सक्रिय भागीदारी करें और सरकार की इन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाएं।
शिमला, 13 अगस्त [ विशाल सूद ] !हिमाचल प्रदेश में फाइनेंशियल इंक्लूजन अभियान के अंतर्गत बीते 43 दिनों में उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की गई है। 1 जुलाई से प्रारंभ इस राष्ट्रव्यापी अभियान के तहत हिमाचल में अब तक कुल 1618 शिविरों का सफल आयोजन किया गया है, जिनके माध्यम से 2531 नए प्रधानमंत्री जनधन खाते खोले गए हैं।
8974 नागरिकों को प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना में तथा 16989 नागरिकों को प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना में पंजीकृत किया गया है। इसके साथ ही 3561 नागरिकों को अटल पेंशन योजना से जोड़ा गया है, 24810 खातों का पुनः केवाईसी किया गया है तथा 7724 खातों में नामांकन (नॉमिनेशन) दर्ज किए गए हैं.
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यूको बैंक - राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति, हिमाचल प्रदेश ने मीडिया के समक्ष को तीन महीने के वित्तीय समावेशन योजना अभियान, रीकेवाईसी के बारे में जानकारी साझा की. भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग द्वारा राष्ट्रव्यापी अभियान के तहत पत्र व्यक्तियों को केंद्र सरकार की योजनाओं जिनमें प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना तथा अटल पेंशन योजना का लाभ पहुँचाना है।
साथ ही बैंकिंग सेवा से वंचित वयस्कों को प्रधानमंत्री जनधन योजना से जोड़कर उन्हें वित्तीय रूप से सशक्त बनाना है। हिमाचल प्रदेश राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति (SLBC) के संयोजक होने के नाते यूको बैंक ने वित्तीय सेवाएं विभाग, भारत सरकार, द्वारा जारी निर्देशों को राज्य के सभी बैंकों और अग्रणी जिला प्रबंधकों को आवश्यक कार्रवाई और अनुपालन के लिए प्रेषित किया है।
उप महाप्रबंधक एवं संयोजक राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति, विवेक कुमार मिश्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस संबोधित करते हुए कहा कि तीन महीने के वित्तीय समावेशन अभियान और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के तहत संतृप्ति के उद्देश्य, रणनीतियों और अपेक्षित परिणामों का वर्णन किया, जो 1 जुलाई 2025 से 30 सितंबर 2025 तक चलाया जा रहा है।
इसके अलावा एसएलबीसी प्रभारी हिमाचल प्रदेश दीपक कुमार ने बताया कि अभियान को संबंधित जिला कलेक्टर और जिला मजिस्ट्रेट के समग्र मार्गदर्शन और निर्देशों के तहत आरबीआई और राज्य सरकार की सक्रिय भूमिका के तहत प्रमुख जिला प्रबंधकों द्वारा समन्वित किया जा रहा है।
अभियान की प्रगति की समीक्षा प्रत्येक जिले के उपायुक्त (DC) एवं लीड जिला प्रबंधक (LDM) द्वारा नियमित रूप से की जा रही है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अभियान प्रभावी ढंग से क्रियान्वित हो और सभी सुपात्र नागरिकों तक इसकी पहुंच सुनिश्चित हो।
हिमाचल प्रदेश राज्य में इस अभियान की शुरुआत 1 जुलाई 2025 को जिला शिमला के कुफ़री ग्राम पंचायत से की गई थी। यह अभियान राज्य के 12 जिलों के 91 ब्लॉकों के अंतर्गत आने वाली 3615 ग्राम पंचायतों में चलाया जा रहा है, जिसमें अब तक नागरिकों की उत्साहजनक भागीदारी और स्थिर प्रगति देखने को मिली है।
इस अभियान का उद्देश्य देश के सभी जिलों की ग्राम पंचायतों में वित्तीय समावेशन (FI) योजनाओं का अधिकतम लाभ, योग्य नागरिकों तक पहुंचाना है। अभियान के प्रमुख घटक निम्नलिखित हैं: भारत सरकार की दो सामाजिक सुरक्षा योजनाएं, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई) और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई), का उद्देश्य नागरिकों, विशेषकर समाज के हाशिए पर रहने वाले वर्गों को क्रमशः जीवन और दुर्घटना बीमा कवर प्रदान करना है।
पीएमजेजेबीवाई किसी भी कारण से मृत्यु की स्थिति में 436 रुपये के वार्षिक प्रीमियम पर 2 लाख रुपये का बीमा कवर प्रदान करता है, जबकि पीएमएसबीवाई 20 रुपये के वार्षिक प्रीमियम पर 2 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा कवर प्रदान करता है।ये दोनों योजनाएं ऐसी परिस्थितियों में ग्राहकों और/या उनके परिवारों को आवश्यक वित्तीय सहायता प्रदान करती हैं।
अटल पेंशन योजना (एपीवाई) सेवानिवृत्ति के लिए स्वैच्छिक बचत को प्रोत्साहित करती है और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को 60 वर्ष की आयु के बाद 1,000 रुपये से 5,000 रुपये प्रति माह तक की न्यूनतम पेंशन की गारंटी देती है, जिससे ग्राहक की वृद्धावस्था के दौरान वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित होती है।
प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) के अंतर्गत मौजूदा निष्क्रिय बैंक खातों तथा गैर-पीएमजेडीवाई खातों का पुनः केवाईसी।जिन व्यक्तियों के पास अभी तक बैंक खाते नहीं है, उनके नए बैंक खाते खोलना ।
डिजिटल धोखाधड़ी की रोकथाम के लिए जागरूकता और दावा न की गई जमा राशि तक पहुंचने के तरीके।इस अभियान के दौरान, देश के सभी जिलों में प्रत्येक ग्राम पंचायत में बैंकों द्वारा राज्य प्रशासन और भारत सरकार के अन्य मंत्रालयों की सक्रिय भागीदारी से कम से कम एक विशेष शिविर का आयोजन किया जाएगा, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वित्तीय समावेशन योजनाओं का लाभ आम जनता तक पहुंचे।
उन्होंने कहा कि यह अभियान न केवल नागरिकों को वित्तीय सुरक्षा और बैंकिंग सेवाओं की पहुँच प्रदान करता है, बल्कि डिजिटल समावेशन, उद्यमशीलता को बढ़ावा देने और गरीबी उन्मूलन की दिशा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने सभी पात्र नागरिकों से अपील की कि वे इस अभियान में सक्रिय भागीदारी करें और सरकार की इन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाएं।
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