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शिमला, 11 जुलाई [ विशाल सूद ] ! प्रदेश में आई भीषण आपदा को लेकर सीएम सुक्खू ने कहा कि सरकार केवल राजनीतिक लाभ के लिए प्रभावित क्षेत्रों में नहीं जाती, बल्कि जनता की मदद के लिए तत्पर है। उन्होंने कहा कि आपदा के तुरंत बाद वे धर्मपुर और सराज क्षेत्र पहुंचे और राहत सामग्री पहुंचाई। सरकार ने निर्णय लिया है कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सड़कों को बहाल करने के लिए 5 लाख रुपये तक के टेंडर ऑफलाइन मोड में पास किए जाएंगे ताकि काम में तेजी लाई जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि हर टूटे घर को बसाया जाएगा और हर नुकसान की भरपाई की जाएगी।” उन्होंने बीजेपी के सातों सांसदों से अनुरोध किया कि वे वन भूमि पर पुनर्वास के लिए केंद्र से मंजूरी दिलाने में राज्य सरकार की मदद करें, क्योंकि इस पर अंतिम अधिकार केंद्र सरकार का है। सीएम सुक्खू ने बताया कि प्रदेश में बहुत से परिवार भूमिहीन (लैंडलेस) हो गए हैं और पुनर्वास में वन भूमि की ज़रूरत पड़ रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2023 और 2024 की आपदाओं के लिए केंद्र सरकार से कोई विशेष राहत पैकेज नहीं मिला है। केवल रूटीन फंड मिला है जो हर राज्य का अधिकार होता है। उन्होंने कहा कि इस बार की आपदा को लेकर कैबिनेट बैठक में राहत पैकेज पर फैसला लिया जाएगा। सीएम ने बताया कि वे जल्द दिल्ली जाकर केंद्र सरकार को नुकसान की रिपोर्ट सौंपेंगे और विशेष राहत पैकेज की मांग करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि जो लोग आपदा में लापता हैं, उनके बचने की संभावना बहुत कम है। उन्होंने जिलाधीशों को निर्देश दिए हैं कि ऐसे मामलों में मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किए जाएं ताकि परिजनों को मुआवजा देने में देरी न हो। अंत में मुख्यमंत्री ने कहा कि वो सेवा के लिए हैं, नाम के लिए नहीं। बीजेपी के नेता केंद्र से राहत पैकेज लाएं, जहां ज़रूरत होगी, वो साथ चलेंगे।
शिमला, 11 जुलाई [ विशाल सूद ] ! प्रदेश में आई भीषण आपदा को लेकर सीएम सुक्खू ने कहा कि सरकार केवल राजनीतिक लाभ के लिए प्रभावित क्षेत्रों में नहीं जाती, बल्कि जनता की मदद के लिए तत्पर है। उन्होंने कहा कि आपदा के तुरंत बाद वे धर्मपुर और सराज क्षेत्र पहुंचे और राहत सामग्री पहुंचाई।
सरकार ने निर्णय लिया है कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सड़कों को बहाल करने के लिए 5 लाख रुपये तक के टेंडर ऑफलाइन मोड में पास किए जाएंगे ताकि काम में तेजी लाई जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि हर टूटे घर को बसाया जाएगा और हर नुकसान की भरपाई की जाएगी।”
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उन्होंने बीजेपी के सातों सांसदों से अनुरोध किया कि वे वन भूमि पर पुनर्वास के लिए केंद्र से मंजूरी दिलाने में राज्य सरकार की मदद करें, क्योंकि इस पर अंतिम अधिकार केंद्र सरकार का है। सीएम सुक्खू ने बताया कि प्रदेश में बहुत से परिवार भूमिहीन (लैंडलेस) हो गए हैं और पुनर्वास में वन भूमि की ज़रूरत पड़ रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2023 और 2024 की आपदाओं के लिए केंद्र सरकार से कोई विशेष राहत पैकेज नहीं मिला है। केवल रूटीन फंड मिला है जो हर राज्य का अधिकार होता है। उन्होंने कहा कि इस बार की आपदा को लेकर कैबिनेट बैठक में राहत पैकेज पर फैसला लिया जाएगा। सीएम ने बताया कि वे जल्द दिल्ली जाकर केंद्र सरकार को नुकसान की रिपोर्ट सौंपेंगे और विशेष राहत पैकेज की मांग करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जो लोग आपदा में लापता हैं, उनके बचने की संभावना बहुत कम है। उन्होंने जिलाधीशों को निर्देश दिए हैं कि ऐसे मामलों में मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किए जाएं ताकि परिजनों को मुआवजा देने में देरी न हो। अंत में मुख्यमंत्री ने कहा कि वो सेवा के लिए हैं, नाम के लिए नहीं। बीजेपी के नेता केंद्र से राहत पैकेज लाएं, जहां ज़रूरत होगी, वो साथ चलेंगे।
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