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शिमला , 02 जून [ विशाल सूद ] ! भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल ने कहा की दिसंबर, जनवरी और फरवरी के महीने में जो अपेक्षित बर्फ और बरसात होनी चाहिए थी वह नहीं हुई, किसान और बागबान का भारी मात्रा में इससे नुकसान हुआ। अप्रैल और मई के महीने में लगातार वर्षा और ओलावृष्टि का होना, आंधी तूफान का होना, इससे हिमाचल प्रदेश के किसान को भारी नुकसान हुआ है। जहां बागवान की फसलें टूट गई, झड़ गई, पेड़ टूट गए ,ऊपर से उखड़ तक गए। वहीं पर किसान की खड़ी हुई फसल बैठ गई। पिछले कुछ दिनों के अंदर एक अजीब और गरीब सा मौसम पूरे प्रदेश के अंदर व्याप्त है। ऐसे में किसान-बागवान व अनेकों ग्रामीण, शहरी लोग ऐसे हैं जिनके मकानों की छतें उड़ गई, मकान ध्वस्त हो गए, गाड़ियों के ऊपर पेड़ों के गिरने से भारी नुकसान हुआ। ऐसे में प्रदेश की सरकार की ओर से धरातल स्तर के ऊपर एवं जमीनी स्तर के ऊपर अभी कोई एसेसमेंट करते हुए लोगों के नुकसान की भरपाई की दिशा के अंदर कोई पद दिखाई नहीं दे रहा। हमारा आग्रह है कि सरकार इस मामले में मुस्तैदी के साथ काम करते हुए नुकसान का एसेसमेंट करते हुए किसान-बागबान व अन्य लोगों के नुकसान की भरपाई करें। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
शिमला , 02 जून [ विशाल सूद ] ! भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल ने कहा की दिसंबर, जनवरी और फरवरी के महीने में जो अपेक्षित बर्फ और बरसात होनी चाहिए थी वह नहीं हुई, किसान और बागबान का भारी मात्रा में इससे नुकसान हुआ।
अप्रैल और मई के महीने में लगातार वर्षा और ओलावृष्टि का होना, आंधी तूफान का होना, इससे हिमाचल प्रदेश के किसान को भारी नुकसान हुआ है। जहां बागवान की फसलें टूट गई, झड़ गई, पेड़ टूट गए ,ऊपर से उखड़ तक गए। वहीं पर किसान की खड़ी हुई फसल बैठ गई।
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पिछले कुछ दिनों के अंदर एक अजीब और गरीब सा मौसम पूरे प्रदेश के अंदर व्याप्त है। ऐसे में किसान-बागवान व अनेकों ग्रामीण, शहरी लोग ऐसे हैं जिनके मकानों की छतें उड़ गई, मकान ध्वस्त हो गए, गाड़ियों के ऊपर पेड़ों के गिरने से भारी नुकसान हुआ।
ऐसे में प्रदेश की सरकार की ओर से धरातल स्तर के ऊपर एवं जमीनी स्तर के ऊपर अभी कोई एसेसमेंट करते हुए लोगों के नुकसान की भरपाई की दिशा के अंदर कोई पद दिखाई नहीं दे रहा। हमारा आग्रह है कि सरकार इस मामले में मुस्तैदी के साथ काम करते हुए नुकसान का एसेसमेंट करते हुए किसान-बागबान व अन्य लोगों के नुकसान की भरपाई करें।
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