*कहा- हिमाचल को ठगने के बाद अब बिहार को ठगने निकले मुख्यमंत्री सुक्खू*
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*शिमला* 30 ऑक्टूबर [ विशाल सूद ] : भाजपा के प्रदेश मुख्य प्रवक्ता राकेश जमवाल ने बिहार में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की प्रेस वार्ता को कांग्रेस के “झूठ के प्रचार अभियान” का एक और उदाहरण बताते हुए तीखा प्रहार किया है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश की जनता को झूठे वादों से ठगने के बाद अब सुक्खू जी बिहार की धरती पर उसी “ठग मॉडल” को लागू करने निकले हैं। यह महागठबंधन नहीं, बल्कि एक “महाठगबंधन” है — जिसका काम जनता को गुमराह करना, झूठ बोलना और अपनी असफलताओं को ढकना है। राकेश जमवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री सुक्खू की यह प्रवृत्ति चिंताजनक है कि जब हिमाचल प्रदेश प्राकृतिक आपदा से जूझ रहा है, हजारों परिवार अभी भी पुनर्वास की प्रतीक्षा में हैं, तब प्रदेश के मुखिया विकास और राहत कार्यों की समीक्षा छोड़कर बिहार के चुनावों में कांग्रेस का स्टार प्रचारक बनकर घूम रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह न सिर्फ हिमाचल की जनता के साथ अन्याय है, बल्कि यह साबित करता है कि सुक्खू सरकार की प्राथमिकता जनता की सेवा नहीं, बल्कि सत्ता की राजनीति है। मुख्य प्रवक्ता ने कहा कि सुक्खू जी ने बिहार में यह कहकर कि “हमने हिमाचल में 2.87 लाख महिलाओं को ₹1500 प्रतिमाह दिया है”, एक बार फिर झूठ की पराकाष्ठा पार कर दी। वास्तविकता यह है कि हिमाचल में अधिकांश पात्र महिलाएं अब भी इस योजना से वंचित हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने महिलाओं को ₹1500 का सपना दिखाया, लेकिन ज़मीन पर एक रुपया तक नहीं पहुंचा। अब वही झूठ लेकर बिहार पहुंचना कांग्रेस की चुनावी ठगी का सबूत है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि मुख्यमंत्री हिमाचल में अपनी “ठग स्कीम” का ट्रायल कर चुके हैं और अब उसका “फुल वर्जन” बिहार में लॉन्च करने जा रहे हैं। महिलाओं को गुमराह करना, युवाओं को रोजगार का झांसा देना और किसानों को झूठे समर्थन मूल्य की बात करना — यह कांग्रेस की परंपरागत राजनीति बन चुकी है। राकेश जमवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री बिहार में जाकर सड़क और विकास की बातें कर रहे हैं जबकि हिमाचल प्रदेश में सैकड़ों सड़कें आपदा के बाद से बंद हैं। तीन महीने बीत जाने के बाद भी न तो सड़कों की मरम्मत हुई, न ही ग्रामीण इलाकों तक परिवहन बहाल हुआ। पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव स्थगित कर सुक्खू सरकार ने लोकतंत्र का गला घोंटने का काम किया है। और इन चुनावों को स्थगित करने के लिए यही कारण दिया गया है कि सड़कें ठीक नही और बिहार में हिमाचल का मॉडल प्रस्तुत कर रहे। जबकि हिमाचल में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल से यही समझ नही आता कि सड़क में गढ़े हैं के गढ़ो में सड़क है। आज स्वास्थ्य सेवाओं की हालत यह है कि अस्पतालों में डॉक्टर नहीं, दवाएं नहीं और बजट का उपयोग कागज़ों में दिखाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने अपनी प्रेस वार्ता में हिमाचल को “मॉडल राज्य” बताकर हास्यास्पद दावा किया है। अगर हिमाचल इतना विकसित है तो फिर प्रदेश के शिक्षक आंदोलन कर रहे हैं, ठेकेदार भुगतान के लिए सड़क पर हैं, और कर्मचारी नई पेंशन स्कीम के अंतर्गत धोखे का शिकार हो रहे हैं। ओल्ड पेंशन स्कीम के नाम पर कांग्रेस ने सरकारी कर्मचारियों को राजनीतिक शिकार बनाया है। मुख्य प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री ने यह भी दावा किया कि हिमाचल में दूध ₹100 प्रति लीटर खरीदा जा रहा है, जबकि सच्चाई यह है कि किसान आज भी अपने उत्पाद का उचित मूल्य पाने के लिए भटक रहे हैं। न तो दूध की एमएसपी तय हुई है और न ही किसानों को भुगतान समय पर हो रहा है। जिन योजनाओं का अस्तित्व तक नहीं, उनके नाम पर शेखी बघारना कांग्रेस की आदत बन चुकी है। राकेश जमवाल ने कहा कि हिमाचल की जनता को अब पूरी तरह समझ आ गया है कि कांग्रेस सरकार सिर्फ भाषणों और घोषणाओं की सरकार है। अब वही झूठी उपलब्धियां लेकर सुक्खू जी बिहार की जनता को ठगने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने पहले हिमाचल को ठगा, अब बिहार को ठगने का सपना देख रही है। लेकिन बिहार की जनता बहुत जागरूक है — वह जानती है कि असली विकास का प्रतीक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नेतृत्व और भारतीय जनता पार्टी का सुशासन है। उन्होंने कहा कि सुक्खू सरकार ने हिमाचल को कर्ज के दलदल में धकेल दिया है। प्रदेश की आर्थिक स्थिति इतनी खराब है कि कर्मचारियों के वेतन तक के लिए उधार लेना पड़ रहा है। मुख्यमंत्री सुक्खू बिहार जाकर चाहे जितनी लंबी भाषणबाजी कर लें, लेकिन हिमाचल की जनता उनके झूठ की सच्चाई जान चुकी है। राकेश जमवाल ने कहा — यह महागठबंधन नहीं, बल्कि महाठगबंधन है — जिसने हिमाचल में जनता को ठगा और अब बिहार की जनता को बहकाने की कोशिश कर रहा है। लेकिन अब न हिमाचल में उनकी बात सुनी जाएगी, न बिहार में। देश के लोग मोदी जी के नेतृत्व में विकास, पारदर्शिता और विश्वास की राजनीति के साथ खड़े हैं।
*शिमला* 30 ऑक्टूबर [ विशाल सूद ] : भाजपा के प्रदेश मुख्य प्रवक्ता राकेश जमवाल ने बिहार में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की प्रेस वार्ता को कांग्रेस के “झूठ के प्रचार अभियान” का एक और उदाहरण बताते हुए तीखा प्रहार किया है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश की जनता को झूठे वादों से ठगने के बाद अब सुक्खू जी बिहार की धरती पर उसी “ठग मॉडल” को लागू करने निकले हैं। यह महागठबंधन नहीं, बल्कि एक “महाठगबंधन” है — जिसका काम जनता को गुमराह करना, झूठ बोलना और अपनी असफलताओं को ढकना है।
राकेश जमवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री सुक्खू की यह प्रवृत्ति चिंताजनक है कि जब हिमाचल प्रदेश प्राकृतिक आपदा से जूझ रहा है, हजारों परिवार अभी भी पुनर्वास की प्रतीक्षा में हैं, तब प्रदेश के मुखिया विकास और राहत कार्यों की समीक्षा छोड़कर बिहार के चुनावों में कांग्रेस का स्टार प्रचारक बनकर घूम रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह न सिर्फ हिमाचल की जनता के साथ अन्याय है, बल्कि यह साबित करता है कि सुक्खू सरकार की प्राथमिकता जनता की सेवा नहीं, बल्कि सत्ता की राजनीति है।
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मुख्य प्रवक्ता ने कहा कि सुक्खू जी ने बिहार में यह कहकर कि “हमने हिमाचल में 2.87 लाख महिलाओं को ₹1500 प्रतिमाह दिया है”, एक बार फिर झूठ की पराकाष्ठा पार कर दी। वास्तविकता यह है कि हिमाचल में अधिकांश पात्र महिलाएं अब भी इस योजना से वंचित हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने महिलाओं को ₹1500 का सपना दिखाया, लेकिन ज़मीन पर एक रुपया तक नहीं पहुंचा। अब वही झूठ लेकर बिहार पहुंचना कांग्रेस की चुनावी ठगी का सबूत है।
उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि मुख्यमंत्री हिमाचल में अपनी “ठग स्कीम” का ट्रायल कर चुके हैं और अब उसका “फुल वर्जन” बिहार में लॉन्च करने जा रहे हैं। महिलाओं को गुमराह करना, युवाओं को रोजगार का झांसा देना और किसानों को झूठे समर्थन मूल्य की बात करना — यह कांग्रेस की परंपरागत राजनीति बन चुकी है।
राकेश जमवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री बिहार में जाकर सड़क और विकास की बातें कर रहे हैं जबकि हिमाचल प्रदेश में सैकड़ों सड़कें आपदा के बाद से बंद हैं। तीन महीने बीत जाने के बाद भी न तो सड़कों की मरम्मत हुई, न ही ग्रामीण इलाकों तक परिवहन बहाल हुआ। पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव स्थगित कर सुक्खू सरकार ने लोकतंत्र का गला घोंटने का काम किया है। और इन चुनावों को स्थगित करने के लिए यही कारण दिया गया है कि सड़कें ठीक नही और बिहार में हिमाचल का मॉडल प्रस्तुत कर रहे।
जबकि हिमाचल में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल से यही समझ नही आता कि सड़क में गढ़े हैं के गढ़ो में सड़क है। आज स्वास्थ्य सेवाओं की हालत यह है कि अस्पतालों में डॉक्टर नहीं, दवाएं नहीं और बजट का उपयोग कागज़ों में दिखाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने अपनी प्रेस वार्ता में हिमाचल को “मॉडल राज्य” बताकर हास्यास्पद दावा किया है। अगर हिमाचल इतना विकसित है तो फिर प्रदेश के शिक्षक आंदोलन कर रहे हैं, ठेकेदार भुगतान के लिए सड़क पर हैं, और कर्मचारी नई पेंशन स्कीम के अंतर्गत धोखे का शिकार हो रहे हैं। ओल्ड पेंशन स्कीम के नाम पर कांग्रेस ने सरकारी कर्मचारियों को राजनीतिक शिकार बनाया है।
मुख्य प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री ने यह भी दावा किया कि हिमाचल में दूध ₹100 प्रति लीटर खरीदा जा रहा है, जबकि सच्चाई यह है कि किसान आज भी अपने उत्पाद का उचित मूल्य पाने के लिए भटक रहे हैं। न तो दूध की एमएसपी तय हुई है और न ही किसानों को भुगतान समय पर हो रहा है। जिन योजनाओं का अस्तित्व तक नहीं, उनके नाम पर शेखी बघारना कांग्रेस की आदत बन चुकी है।
राकेश जमवाल ने कहा कि हिमाचल की जनता को अब पूरी तरह समझ आ गया है कि कांग्रेस सरकार सिर्फ भाषणों और घोषणाओं की सरकार है। अब वही झूठी उपलब्धियां लेकर सुक्खू जी बिहार की जनता को ठगने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने पहले हिमाचल को ठगा, अब बिहार को ठगने का सपना देख रही है। लेकिन बिहार की जनता बहुत जागरूक है — वह जानती है कि असली विकास का प्रतीक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नेतृत्व और भारतीय जनता पार्टी का सुशासन है।
उन्होंने कहा कि सुक्खू सरकार ने हिमाचल को कर्ज के दलदल में धकेल दिया है। प्रदेश की आर्थिक स्थिति इतनी खराब है कि कर्मचारियों के वेतन तक के लिए उधार लेना पड़ रहा है। मुख्यमंत्री सुक्खू बिहार जाकर चाहे जितनी लंबी भाषणबाजी कर लें, लेकिन हिमाचल की जनता उनके झूठ की सच्चाई जान चुकी है।
राकेश जमवाल ने कहा — यह महागठबंधन नहीं, बल्कि महाठगबंधन है — जिसने हिमाचल में जनता को ठगा और अब बिहार की जनता को बहकाने की कोशिश कर रहा है। लेकिन अब न हिमाचल में उनकी बात सुनी जाएगी, न बिहार में। देश के लोग मोदी जी के नेतृत्व में विकास, पारदर्शिता और विश्वास की राजनीति के साथ खड़े हैं।
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