आई टी आई जुब्बल के प्रशिक्षु छात्रों के लिए सीबीसी का दो दिवसीय जनसूचना कार्यक्रम पोस्टर मेकिंग में सोनाक्षी ने प्रथम पुरस्कार हासिल किया
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शिमला 17 दिसंबर [ विशाल सूद ] ! केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अंतर्गत केंद्रीय संचार ब्यूरो और पीआईबी शिमला द्वारा राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) जुब्बल के प्रशिक्षुओं के लिए केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में लागू की गईं चार श्रम संहिताओं पर दो दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन कर आईटीआई जुब्बल के प्राचार्य और मुख्य अतिथि इंजीनियर जय किशन चौहान, विशिष्ट अतिथि एडवोकेट निखिल राल्टा और पीआईबी शिमला के सहायक निदेशक संजीव कुमार शर्मा ने किया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता एडवोकेट निखिल राल्टा ने नई श्रम संहिताओं के फायदे गिनाते हुए कहा कि इनके माध्यम से श्रम से जुड़े वर्ग की आर्थिक एवं सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित हुई है। उन्होंने इन कानूनों को आईटीआई से जुड़े युवाओं के खासतौर पर लाभकारी बताया। एडवोकेट राल्टा ने कहा कि नए श्रम कानूनों ने महिलाओं को बराबरी के वेतन के साथ उनके काम के अवसर एवं कार्यस्थल को सुरक्षित बनाने का काम किया है। अब, महिलाएं रात में भी सुरक्षित माहौल में आजादी और अपनी मनमर्जी से काम कर सकेंगी। मुख्य अतिथि और आईटीआई जुब्बल के प्राचार्य इंजीनियर जय किशन चौहान ने नई संहिताओं को रोजगार के अवसर तलाश रहे युवाओं के लिए सुरक्षा कवच करार दिया। उन्होंने इन कानूनों को आईटीआई के प्रशिक्षुओं के लिए विशेष रूप से उपयोगी बताया। उन्होंने कहा कि नई संहिताओं से तकनीकी दक्षता प्राप्त युवाओं को काम के बेहतर एवं सम्मानजनक अवसर मिलेंगे। इसने श्रमिकों का शोषण रोकने में भी मदद मिलेगी। कार्यक्रम के दौरान, पीआईबी शिमला के प्रमुख और सहायक निदेशक संजीव कुमार शर्मा ने स्वागत भाषण में इस कार्यक्रम के उद्देश्यों की जानकारी दी। उन्होंने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की विभिन्न इकाइयों तथा गतिविधियों की जानकारी देते हुए बताया कि केंद्र सरकार के जन कल्याणकारी प्रयासों को आम लोगों तक पहुंचाना ही हमारा प्राथमिक दायित्व है। कार्यक्रम में पोस्टर मेकिंग और प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता जैसे विभिन्न आयोजन भी हुए। पोस्टर मेकिंग और नारा लेखन प्रतियोगिता में सोनाक्षी ने प्रथम स्थान हासिल किया जबकि पीयूष को दूसरा तथा हिना को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। ख़ास बात यह थी कि प्रथम तीन विजेताओं के अलावा प्रतियोगिता में सभी भाग लेने वाले छात्रों को भी उपहार एवं प्रमाण पत्र भेंट कर उनका उत्साहवर्धन किया गया। इस अवसर पर सीबीसी के कलाकार सुनील कुमार ने सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए। आईटीआई जुब्बल के विद्यार्थियों ने सरस्वती वंदना और स्वागत गीत पेश किया। कार्यक्रम में आईटीआई के शिक्षक,सीबीसी का स्टाफ और बड़ी संख्या में आईटीआई के प्रशिक्षु शामिल हुए। गौरतलब है कि भारत सरकार ने चार श्रम संहिताओं- वेतन संहिता, 2019, औद्योगिक संबंध संहिता, 2020, सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020 और व्यवसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्य शर्त संहिता, 2020 को 21 नवंबर, 2025 से लागू करने की घोषणा की है। इसे 29 मौजूदा श्रम कानूनों के स्थान पर लागू किया जा रहा है। श्रम नियमावली को मॉडर्न बनाकर, मजदूरों की भलाई को बढ़ाकर और श्रम इकोसिस्टम को काम की बदलती दुनिया के साथ जोड़कर, यह ऐतिहासिक कदम भविष्य के लिए तैयार कार्यबल और मजबूत, उद्योग-अनुकूल बनाने की नींव रखता है, जो आत्मनिर्भर भारत के लिए श्रम सुधारों को आगे बढ़ाएंगे। पिछले दशक में, भारत ने सामाजिक-सुरक्षा कवरेज का व्यापक विस्तार किया है, जो 2015 में कार्यबल के लगभग 19 प्रतिशत से बढ़कर 2025 में 64 प्रतिशत से अधिक हो गया है।
शिमला 17 दिसंबर [ विशाल सूद ] ! केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अंतर्गत केंद्रीय संचार ब्यूरो और पीआईबी शिमला द्वारा राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) जुब्बल के प्रशिक्षुओं के लिए केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में लागू की गईं चार श्रम संहिताओं पर दो दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन कर आईटीआई जुब्बल के प्राचार्य और मुख्य अतिथि इंजीनियर जय किशन चौहान, विशिष्ट अतिथि एडवोकेट निखिल राल्टा और पीआईबी शिमला के सहायक निदेशक संजीव कुमार शर्मा ने किया।
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कार्यक्रम के मुख्य वक्ता एडवोकेट निखिल राल्टा ने नई श्रम संहिताओं के फायदे गिनाते हुए कहा कि इनके माध्यम से श्रम से जुड़े वर्ग की आर्थिक एवं सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित हुई है। उन्होंने इन कानूनों को आईटीआई से जुड़े युवाओं के खासतौर पर लाभकारी बताया। एडवोकेट राल्टा ने कहा कि नए श्रम कानूनों ने महिलाओं को बराबरी के वेतन के साथ उनके काम के अवसर एवं कार्यस्थल को सुरक्षित बनाने का काम किया है। अब, महिलाएं रात में भी सुरक्षित माहौल में आजादी और अपनी मनमर्जी से काम कर सकेंगी।
मुख्य अतिथि और आईटीआई जुब्बल के प्राचार्य इंजीनियर जय किशन चौहान ने नई संहिताओं को रोजगार के अवसर तलाश रहे युवाओं के लिए सुरक्षा कवच करार दिया। उन्होंने इन कानूनों को आईटीआई के प्रशिक्षुओं के लिए विशेष रूप से उपयोगी बताया। उन्होंने कहा कि नई संहिताओं से तकनीकी दक्षता प्राप्त युवाओं को काम के बेहतर एवं सम्मानजनक अवसर मिलेंगे। इसने श्रमिकों का शोषण रोकने में भी मदद मिलेगी।
कार्यक्रम के दौरान, पीआईबी शिमला के प्रमुख और सहायक निदेशक संजीव कुमार शर्मा ने स्वागत भाषण में इस कार्यक्रम के उद्देश्यों की जानकारी दी। उन्होंने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की विभिन्न इकाइयों तथा गतिविधियों की जानकारी देते हुए बताया कि केंद्र सरकार के जन कल्याणकारी प्रयासों को आम लोगों तक पहुंचाना ही हमारा प्राथमिक दायित्व है।
कार्यक्रम में पोस्टर मेकिंग और प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता जैसे विभिन्न आयोजन भी हुए। पोस्टर मेकिंग और नारा लेखन प्रतियोगिता में सोनाक्षी ने प्रथम स्थान हासिल किया जबकि पीयूष को दूसरा तथा हिना को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। ख़ास बात यह थी कि प्रथम तीन विजेताओं के अलावा प्रतियोगिता में सभी भाग लेने वाले छात्रों को भी उपहार एवं प्रमाण पत्र भेंट कर उनका उत्साहवर्धन किया गया।
इस अवसर पर सीबीसी के कलाकार सुनील कुमार ने सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए। आईटीआई जुब्बल के विद्यार्थियों ने सरस्वती वंदना और स्वागत गीत पेश किया। कार्यक्रम में आईटीआई के शिक्षक,सीबीसी का स्टाफ और बड़ी संख्या में आईटीआई के प्रशिक्षु शामिल हुए।
गौरतलब है कि भारत सरकार ने चार श्रम संहिताओं- वेतन संहिता, 2019, औद्योगिक संबंध संहिता, 2020, सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020 और व्यवसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्य शर्त संहिता, 2020 को 21 नवंबर, 2025 से लागू करने की घोषणा की है। इसे 29 मौजूदा श्रम कानूनों के स्थान पर लागू किया जा रहा है।
श्रम नियमावली को मॉडर्न बनाकर, मजदूरों की भलाई को बढ़ाकर और श्रम इकोसिस्टम को काम की बदलती दुनिया के साथ जोड़कर, यह ऐतिहासिक कदम भविष्य के लिए तैयार कार्यबल और मजबूत, उद्योग-अनुकूल बनाने की नींव रखता है, जो आत्मनिर्भर भारत के लिए श्रम सुधारों को आगे बढ़ाएंगे। पिछले दशक में, भारत ने सामाजिक-सुरक्षा कवरेज का व्यापक विस्तार किया है, जो 2015 में कार्यबल के लगभग 19 प्रतिशत से बढ़कर 2025 में 64 प्रतिशत से अधिक हो गया है।
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