
- विज्ञापन (Article Top Ad) -
शिमला ! कृषि लागत एवं मूल्य आयोग के अध्यक्ष प्रो. विजय पॉल शर्मा ने आज यहां हिमाचल प्रदेश के कृषि विभाग के तत्वावधान में उत्तरी राज्यों के लिए रबी फसलों की मूल्य नीति 2024-25 के संबंध में आयोजित बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि आयोग का मुख्य उद्देश्य कृषक समुदाय को आधुनिक तकनीक को अपनाने, उत्पादकता को बढ़ावा तथा देश में समग्र अनाजों को बढ़ावा देना है। आयोग विभिन्न वस्तुओं की मूल्य नीति की सिफारिश करते समय मूल्य और आपूर्ति, उत्पादन की लागत, बाज़ार में घरेलू और अन्तरराष्ट्रीय कीमतों के उछाल और अंतर फसल मूल्य समता जैसे विभिन्न घटकों का विश्लेषण करता है। इसके अतिरिक्त कृषि और गैर कृषि व्यापार की शर्तें, उत्पादन लागत पर मार्जन के रूप में 50 प्रतिशत और उपभोक्ताओं पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के प्रभावों का भी विश्लेषण करता है। उन्होंने कहा कि किसानों को नवीनतम तकनीक और पद्धति को अपनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। खेती की लागत कम करने की दिशा में भी उन्हें जागरूक किया जा रहा है। इस अवसर पर कृषि सचिव राकेश कंवर ने सभी गणमान्यों का स्वागत करते हुए कहा कि किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित करने की दिशा में इस प्रकार की क्षेत्रीय बैठकें महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। राज्य सरकार प्रदेश के किसानों के उत्पादों के लिए बेहतर बाजार उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है। राज्य सरकार किसानों की आय को बढ़ाने की दिशा में किसान हितैषी नीतियां बना रही है। प्रदेश में एकीकृत एवं समग्र कृषि गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है। राज्य में किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने की दिशा में और उनके उत्पादों के विपणन के लिए अभिनव प्रयास किए जा रहे हैं। बैठक में 23 कृषि उत्पादों, जिसमें 7 अनाज (धान, गेहूं, मक्का, ज्वार, बाजरा, जौ और रागी,) पांच दालें चना, अरहर, मूंग, उड़द, मसूर, सात तिलहन (मूंगफली, रेपसीड-सरसों, सोयाबीन, तिल, सूरजमुखी, कुसुम, नाइजर सीड) और चार वाणिज्यिक फसलों (कोपरा, गन्ना, कपास और कच्चा जूट) आदि का न्यूनतम समर्थन मूल्य और कृषि संबंधित अन्य मुद्दों पर चर्चा की गई। बैठक में कृषि लागत और मूल्य आयोग (सी.ए.पी.सी) के सदस्य डॉ. नवीन सिंह, रतन लाल डग्गा, अनुपम मित्रा और पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, उत्तराखण्ड तथा हिमाचल प्रदेश के कृषि विश्वविश्वविद्यालय के हितधारक विशेष रूप से उपस्थित रहे। बैठक में निदेशक कृषि डॉ. राजेश कौशिक ने धन्यावाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। इस अवसर पर निदेशक खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति आर.के. गौतम, पुरस्कृत किसानों, कृषि एवं खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के अधिकारियों ने भाग लिया। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
शिमला ! कृषि लागत एवं मूल्य आयोग के अध्यक्ष प्रो. विजय पॉल शर्मा ने आज यहां हिमाचल प्रदेश के कृषि विभाग के तत्वावधान में उत्तरी राज्यों के लिए रबी फसलों की मूल्य नीति 2024-25 के संबंध में आयोजित बैठक की अध्यक्षता की।
उन्होंने कहा कि आयोग का मुख्य उद्देश्य कृषक समुदाय को आधुनिक तकनीक को अपनाने, उत्पादकता को बढ़ावा तथा देश में समग्र अनाजों को बढ़ावा देना है। आयोग विभिन्न वस्तुओं की मूल्य नीति की सिफारिश करते समय मूल्य और आपूर्ति, उत्पादन की लागत, बाज़ार में घरेलू और अन्तरराष्ट्रीय कीमतों के उछाल और अंतर फसल मूल्य समता जैसे विभिन्न घटकों का विश्लेषण करता है। इसके अतिरिक्त कृषि और गैर कृषि व्यापार की शर्तें, उत्पादन लागत पर मार्जन के रूप में 50 प्रतिशत और उपभोक्ताओं पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के प्रभावों का भी विश्लेषण करता है।
- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
उन्होंने कहा कि किसानों को नवीनतम तकनीक और पद्धति को अपनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। खेती की लागत कम करने की दिशा में भी उन्हें जागरूक किया जा रहा है।
इस अवसर पर कृषि सचिव राकेश कंवर ने सभी गणमान्यों का स्वागत करते हुए कहा कि किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित करने की दिशा में इस प्रकार की क्षेत्रीय बैठकें महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। राज्य सरकार प्रदेश के किसानों के उत्पादों के लिए बेहतर बाजार उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है। राज्य सरकार किसानों की आय को बढ़ाने की दिशा में किसान हितैषी नीतियां बना रही है। प्रदेश में एकीकृत एवं समग्र कृषि गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है। राज्य में किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने की दिशा में और उनके उत्पादों के विपणन के लिए अभिनव प्रयास किए जा रहे हैं।
बैठक में 23 कृषि उत्पादों, जिसमें 7 अनाज (धान, गेहूं, मक्का, ज्वार, बाजरा, जौ और रागी,) पांच दालें चना, अरहर, मूंग, उड़द, मसूर, सात तिलहन (मूंगफली, रेपसीड-सरसों, सोयाबीन, तिल, सूरजमुखी, कुसुम, नाइजर सीड) और चार वाणिज्यिक फसलों (कोपरा, गन्ना, कपास और कच्चा जूट) आदि का न्यूनतम समर्थन मूल्य और कृषि संबंधित अन्य मुद्दों पर चर्चा की गई।
बैठक में कृषि लागत और मूल्य आयोग (सी.ए.पी.सी) के सदस्य डॉ. नवीन सिंह, रतन लाल डग्गा, अनुपम मित्रा और पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, उत्तराखण्ड तथा हिमाचल प्रदेश के कृषि विश्वविश्वविद्यालय के हितधारक विशेष रूप से उपस्थित रहे। बैठक में निदेशक कृषि डॉ. राजेश कौशिक ने धन्यावाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर निदेशक खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति आर.के. गौतम, पुरस्कृत किसानों, कृषि एवं खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के अधिकारियों ने भाग लिया।
- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 1) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 2) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 3) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 4) -