देश में टॉप 300 शहरो की लिस्ट से भी हुआ बाहर 7500 अंको में से केवल मिले 4798 अंक शिमला शहर के महापौर सुरेन्द्र चौहान ने जताई कड़ी आपत्ति मंत्रालय को लिखेंगे चिठ्ठी, सर्वेक्षण में बताई त्रुटियां
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शिमला , 18 जुलाई [ विशाल सूद ] ! देश के 824 शहरों में स्वच्छता सर्वेक्षण किया गया. 2024-25 की स्वच्छता रैंकिंग में शिमला इन 824 शहरों में 347वें स्थान पर रहा. हिमाचल प्रदेश में शिमला का ठियोग स्वच्छता के मामले में अब पहले नंबर पर आ गया है. इसके अलावा सर्वेक्षण में हमीरपुर जिले के नादौन को दूसरा और शिमला सिटी को तीसरा रैंक मिला है. 20 हजार से कम आबादी वाले शहरों की श्रेणी में ठियोग घरों से कूड़ा उठाने के साथ कचरा प्रबंधन में भी आगे रहा. ठियोग से निकलने वाले कचरे का निपटारा शिमला नगर निगम ही अपने भरयाल कूड़ा संयंत्र में करता है. शिमला शहर के महापौर ने इस बार हुए सर्वेक्षण पर पश्न चिन्ह लगाए है कहा स्कोच अवार्ड वाले शिमला शहर के साथ अन्याय हुआ है. हमें नहीं मालुम ये किस तरिके का सर्वेक्षण हुआ है नदियां हमारे पास है ही नहीं लेकिन उसमें भी हमारे नंबर काटे गए है, हम इसका खुलकर विरोध कर रहे है कमिशनर के माध्यम से भी आपत्ति दर्ज करवाई जा रही है और मंत्रालय को भी चिठ्ठी लिखी जा रही है ना जाने किन मापदंडो को ध्यान में रखकर ये सर्वेक्षण हुआ है. शहर को रिहायशी इलाकों और बाजारों में सफाई व्यवस्था के लिए कुछ हद तक अंक जरूर मिले, लेकिन घरों से कूड़ा संग्रह, गीला‑सूखा कचरे का पृथक्करण, वैज्ञानिक कचरा निपटान, और जल स्रोतों की सफाई जैसे महत्त्वपूर्ण पहलुओं में शिमला पीछे रह गया।
शिमला , 18 जुलाई [ विशाल सूद ] ! देश के 824 शहरों में स्वच्छता सर्वेक्षण किया गया. 2024-25 की स्वच्छता रैंकिंग में शिमला इन 824 शहरों में 347वें स्थान पर रहा. हिमाचल प्रदेश में शिमला का ठियोग स्वच्छता के मामले में अब पहले नंबर पर आ गया है.
इसके अलावा सर्वेक्षण में हमीरपुर जिले के नादौन को दूसरा और शिमला सिटी को तीसरा रैंक मिला है. 20 हजार से कम आबादी वाले शहरों की श्रेणी में ठियोग घरों से कूड़ा उठाने के साथ कचरा प्रबंधन में भी आगे रहा. ठियोग से निकलने वाले कचरे का निपटारा शिमला नगर निगम ही अपने भरयाल कूड़ा संयंत्र में करता है.
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शिमला शहर के महापौर ने इस बार हुए सर्वेक्षण पर पश्न चिन्ह लगाए है कहा स्कोच अवार्ड वाले शिमला शहर के साथ अन्याय हुआ है. हमें नहीं मालुम ये किस तरिके का सर्वेक्षण हुआ है नदियां हमारे पास है ही नहीं लेकिन उसमें भी हमारे नंबर काटे गए है, हम इसका खुलकर विरोध कर रहे है कमिशनर के माध्यम से भी आपत्ति दर्ज करवाई जा रही है और मंत्रालय को भी चिठ्ठी लिखी जा रही है ना जाने किन मापदंडो को ध्यान में रखकर ये सर्वेक्षण हुआ है.
शहर को रिहायशी इलाकों और बाजारों में सफाई व्यवस्था के लिए कुछ हद तक अंक जरूर मिले, लेकिन घरों से कूड़ा संग्रह, गीला‑सूखा कचरे का पृथक्करण, वैज्ञानिक कचरा निपटान, और जल स्रोतों की सफाई जैसे महत्त्वपूर्ण पहलुओं में शिमला पीछे रह गया।
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