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सोलन [ बद्दी ] , 10 अप्रैल [ पंकज गोल्डी ] ! ई.एस.आई.सी. अस्पताल काठा में अब टीवी के मरीजों का उपचार शुरू हो गया है व इस बीमारी से पीड़ित सभी मरीजों को अस्पताल प्रांगण में ही टी.वी. के टेस्ट, थूक जांच, निशुल्क दवाइयां एवं उपचार की सुविधा मिलेगी। जानकारी देते हुए भारतीय मजदूर संघ के जिला मुख्य सलाहकार देवव्रत यादव ने बताया कि पिछले लगभग तीन साल से ई.एस.आई.सी. अस्पताल काठा में प्रधानमंत्री के मिश्र टीवी उन्मूलन की अवहेलना हो रही थी व कामगारों एवं स्थानीय लोगों को टी.वी. जांच एवं उसके उपचार से वंचित रखा हुआ था। उन्होंने बताया कि शिकायत आने पर भामस का एक प्रतिनिधिमंडल जिसमें प्रदेश उद्योग प्रभारी मेला राम चंदेल, जिला अध्यक्ष हृदय राम शर्मा, कार्यकारी अध्यक्ष रणजीत ठाकुर, जिला सविच राजू भारद्वाज व निर्मल सिंह शम्मी समेत अनेक लोग प्रभारी चिकित्सा अधिक्षक ई.एस.आई.सी.काठा एस.डी. शर्मा से मिले व कामगारों की इस समस्या को आंकड़ों सहित उन्हें परिचित करवाया व इस सुविधा को जल्द शुरू करने की मांग रखी। कामगार नेताओं ने यह भी बताया कि बी.बी.एन. औद्योगिक क्षेत्र एशिया का सबसे बड़ा औद्योगिक क्षेत्र है व यहां अगर यह बीमारी यहां फैलती है तो केंद्र सरकार की टी.वी. उन्मूलन योजना जिसमें टीवी की बीमारी केा पूरे देश में जड़ से खत्म करने का संकल्प लिया गया है । यह योजना भी सिरे नहीं चढ़ पाएगी। यहां तक कि कामगार नेताओं ने ई.एस.आई.सी. प्रबंधन को चेताया था कि अगर एक सप्ताह से भीतर अस्पताल में टीवी. उपचार न शुरू हुआ तो भामस इसकी शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय को करेगी व जरूरत पड़ने पर अस्पताल प्रबंधन के विरूद्ध आंदोलन भी करेगी । उन्होंने बताया कि अब अस्पताल में यह सुविधा मिलने से ऐसे कामगारों को फायदा मिलेगा जिन्हें टीवी के इलाज के लिए ई.एस.आई.सी. डिस्पेंसरी बरोटीवाला, भुड व नालागढ़ के चक्कर लगाने पड़ते थे। समय व आर्थिक तंगी के चलते कई बार मरीजों की दबाई बीच में ही छूट जाती थी जबकि अगर मरीज इस दवाई का नियमित रूप से सेवन नहीं करता तो इसका सीधा असर मरीज के फेफड़ों पर पड़ता जो मरीज की जान भी ले सकता है। भामस पदाधिकारियों ने अस्पताल प्रबंधन का इस सुविधा के लिए आभार जताया है व मांग रखी है कि अस्पताल की चारों लिफ्टों को शीघ्र शुरू किया जाए । दवाओं की खरीद की जाए, अस्पताल में मरीजों केा अच्छे विस्तार प्रदान किए जाएं व खाद्य सामग्री की गुणवत्ता पर ध्यान दिया जाए। उन्होंने बताया कि बड़ी खुशी की बात है कि कामगारों को अस्पताल में यह सुविधा मिलनी शुरू हो गई व प्रथम मरीज विवेक कुमार समेत अनेक मरीजों का उपचार शुरू हो गया है। पुष्टि करते हुए उपचिकित्सा अधीक्षक एस.डी. शर्मा ने बताया कि ई.एस.आई.सी. अस्पताल काठा में कोविड के दौरान अस्पताल को कोविड अस्पताल बनाने के चलते यहां टी.वी. के मरीजों का उपचार नहीं हो पा रहा था व अब अस्पताल में टी.वी. मरीजों का इलाज , जांच व दवा वितरण शुरू कर दिया है। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
सोलन [ बद्दी ] , 10 अप्रैल [ पंकज गोल्डी ] ! ई.एस.आई.सी. अस्पताल काठा में अब टीवी के मरीजों का उपचार शुरू हो गया है व इस बीमारी से पीड़ित सभी मरीजों को अस्पताल प्रांगण में ही टी.वी. के टेस्ट, थूक जांच, निशुल्क दवाइयां एवं उपचार की सुविधा मिलेगी।
जानकारी देते हुए भारतीय मजदूर संघ के जिला मुख्य सलाहकार देवव्रत यादव ने बताया कि पिछले लगभग तीन साल से ई.एस.आई.सी. अस्पताल काठा में प्रधानमंत्री के मिश्र टीवी उन्मूलन की अवहेलना हो रही थी व कामगारों एवं स्थानीय लोगों को टी.वी. जांच एवं उसके उपचार से वंचित रखा हुआ था।
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उन्होंने बताया कि शिकायत आने पर भामस का एक प्रतिनिधिमंडल जिसमें प्रदेश उद्योग प्रभारी मेला राम चंदेल, जिला अध्यक्ष हृदय राम शर्मा, कार्यकारी अध्यक्ष रणजीत ठाकुर, जिला सविच राजू भारद्वाज व निर्मल सिंह शम्मी समेत अनेक लोग प्रभारी चिकित्सा अधिक्षक ई.एस.आई.सी.काठा एस.डी. शर्मा से मिले व कामगारों की इस समस्या को आंकड़ों सहित उन्हें परिचित करवाया व इस सुविधा को जल्द शुरू करने की मांग रखी।
कामगार नेताओं ने यह भी बताया कि बी.बी.एन. औद्योगिक क्षेत्र एशिया का सबसे बड़ा औद्योगिक क्षेत्र है व यहां अगर यह बीमारी यहां फैलती है तो केंद्र सरकार की टी.वी. उन्मूलन योजना जिसमें टीवी की बीमारी केा पूरे देश में जड़ से खत्म करने का संकल्प लिया गया है ।
यह योजना भी सिरे नहीं चढ़ पाएगी। यहां तक कि कामगार नेताओं ने ई.एस.आई.सी. प्रबंधन को चेताया था कि अगर एक सप्ताह से भीतर अस्पताल में टीवी. उपचार न शुरू हुआ तो भामस इसकी शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय को करेगी व जरूरत पड़ने पर अस्पताल प्रबंधन के विरूद्ध आंदोलन भी करेगी ।
उन्होंने बताया कि अब अस्पताल में यह सुविधा मिलने से ऐसे कामगारों को फायदा मिलेगा जिन्हें टीवी के इलाज के लिए ई.एस.आई.सी. डिस्पेंसरी बरोटीवाला, भुड व नालागढ़ के चक्कर लगाने पड़ते थे। समय व आर्थिक तंगी के चलते कई बार मरीजों की दबाई बीच में ही छूट जाती थी जबकि अगर मरीज इस दवाई का नियमित रूप से सेवन नहीं करता तो इसका सीधा असर मरीज के फेफड़ों पर पड़ता जो मरीज की जान भी ले सकता है।
भामस पदाधिकारियों ने अस्पताल प्रबंधन का इस सुविधा के लिए आभार जताया है व मांग रखी है कि अस्पताल की चारों लिफ्टों को शीघ्र शुरू किया जाए । दवाओं की खरीद की जाए, अस्पताल में मरीजों केा अच्छे विस्तार प्रदान किए जाएं व खाद्य सामग्री की गुणवत्ता पर ध्यान दिया जाए।
उन्होंने बताया कि बड़ी खुशी की बात है कि कामगारों को अस्पताल में यह सुविधा मिलनी शुरू हो गई व प्रथम मरीज विवेक कुमार समेत अनेक मरीजों का उपचार शुरू हो गया है।
पुष्टि करते हुए उपचिकित्सा अधीक्षक एस.डी. शर्मा ने बताया कि ई.एस.आई.सी. अस्पताल काठा में कोविड के दौरान अस्पताल को कोविड अस्पताल बनाने के चलते यहां टी.वी. के मरीजों का उपचार नहीं हो पा रहा था व अब अस्पताल में टी.वी. मरीजों का इलाज , जांच व दवा वितरण शुरू कर दिया है।
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